चम्पावती किला चाचौड़ा

राज्य संरक्षित स्मारक, मध्य प्रदेश

चम्पावती किला मध्य प्रदेश के गुना जिले के चाचौड़ा में श्री बाग बागेश्वर धाम के पास स्थित है। यह किला एक राज्य संरक्षित स्मारक है और मध्य प्रदेश का एकमात्र किला है जो रानी के नाम पर बनाया गया था। किला राज्य पुरातत्व विभाग मध्य प्रदेश द्वारा संरक्षित है।[1]

चम्पावती किला
Champavati Fort
किला / दुर्ग / ऐतिहासिक स्थान
चम्पावती किला is located in मध्य प्रदेश
चम्पावती किला
चम्पावती किला
(चाचौड़ा का चम्पावती किला)
निर्देशांक: 24°10′36″N 76°59′46″E / 24.17667°N 76.99611°E / 24.17667; 76.99611
देश भारत
राज्यमध्यप्रदेश
विभाजनग्वालियर
जिला गुना
तहसीलचाचौड़ा
भाषा
 • प्रचलितहिंदी
 • समुद्र तल से ऊंचाई510 मीटर
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
Postal code (PIN)473118
दूरभाष कोड07546

चम्पावती किला लगभग 17वीं शताब्दी में बना था और लगभग 1 हेक्टेयर भूमि पर बना है। किला पहाड़ी पर स्थित है, जिसमें ऊंची किलेबंदी वाली दीवारें और मजबूत बुर्ज हैं, जिसका आंतरिक प्रांगण निवास के लिए और बाहरी प्रांगण सरकारी काम के लिए इस्तेमाल किया जाता था।[2]

यह किला खींची राजवंश की गौरवशाली गाथा का साक्षी है इस किले का निर्माण चाचौड़ा रियासत के खींची राजवंश के राजा विक्रम सिंह ने अपनी पत्नी रानी चम्पावती के नाम पर करवाया था। दो मंजिला इस किले में हवा महल, रानी महल, मोती महल, कचहरी भवन, घुड़साल की व्यवस्था एवं अन्य सुविधाएं मौजूद है। जब अंग्रेजी सेना के अफसर जॉन बोटीज़ ने राजा विक्रम सिंह से अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार करने को कहा। तो राजा ने अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार करने की जगह युद्ध करने का निर्णय लिया। युद्ध में राजा विक्रम सिंह के मारे जाने के बाद अंग्रेजी सेना ने किले पर चढ़ाई कर दी। यह देख रानी चम्पावती ने मोती महल में बनी 50 मीटर गहरी बावड़ी में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए। इसके बाद अंग्रेजी सेना ने किले पर कब्जा कर लिया। [3]

किले को पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय निदेशालय मध्यप्रदेश[4] द्वारा संरक्षित कर उसका मूल स्वरूप प्रदान किया गया है।

इन्हें भी देखें

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  1. "MP में पहली बार रानी का किला किया संरक्षित, साढ़े चार करोड़ से होगा जीर्णोद्धार". Nai Dunia. 2018-11-10. अभिगमन तिथि 2024-07-25.
  2. "*4.20 करोड़ से जीर्णोद्धार:* निखरने लगी चांचौड़ा किले की छवि, साल के अंत तक चलेगा काम". Dainik Bhaskar. 2021-02-13. अभिगमन तिथि 2024-07-25.
  3. "चंपावती दुर्ग को गुड़, उड़द दाल, बेल और चूना से दिया जा रहा ऐतिहासिक स्वरूप". Nai Dunia. 2021-03-04. अभिगमन तिथि 2024-07-25.
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 28 जून 2024 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जून 2024.