चाचौड़ा जिला
चाचौड़ा मध्य प्रदेश के प्रस्तावित ज़िले में आता हैं। चाचौड़ा को ज़िले के रूप में कैबिनेट द्वारा 18 मार्च 2020 को स्वीकृति दी गई। चाचौड़ा ज़िला, गुना से अलग होकर बनेगा। गुना ज़िले की 3 तहसीलों चाचौड़ा, कुंभराज और मधुसूदनगढ़ को मिलाकर ज़िले का गठन प्रस्तावित है लेकिन राजनीतिक कारणों के चलते फ़िलहाल ज़िले का गठन नहीं हो पाया है।[1][2][3][4]
प्रस्तावित चाचौड़ा ज़िला
Proposed Chachaura district | |
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मध्य प्रदेश का प्रस्तावित ज़िला | |
निर्देशांक: 24°10′54″N 77°00′29″E / 24.18167°N 77.00806°E | |
मुख्यालय | चाचौड़ा |
संभाग | ग्वालियर |
प्रान्त | मध्य प्रदेश |
देश | ![]() |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी |
• समुद्र तल से ऊंचाई | 475 मीटर |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
Postal code (PIN) | 473118 |
दूरभाष कोड | 07546 |
चाचौड़ा का ऐतिहासिक महत्व भी है। चाचौड़ा का प्राचीन नाम चम्पावती है यहां श्री बाग बागेश्वर धाम में रियासत कालीन अत्यंत प्राचीन शिवलिंग एवं इसके नज़दीक ही चम्पावती दुर्ग मौजूद हैं।[5]
स्वतंत्रता पूर्व, तत्कालीन एवं समसामयिक इतिहास
चाचौड़ा एक ऐतिहासिक नगरी है भू-गर्भ से मिले अवशेषों के अनुसार यहां का इतिहास हज़ारों साल पुराना है। द्वापर युग, महाभारत काल एवं राजा विक्रमादित्य के काल खण्ड में यहां का नाम चम्पावती हुआ करता था। उज्जैन के महाराजा विक्रमादित्य ने अपनी शनि दशा के दौरान अपना कुछ समय यहां के बागीश नाथ की सेवा में व्यतीत किया एवं यहां के राजा की पुत्री से विवाह करके उज्जैन की ओर प्रस्थान कर गए। उसी समय से यहां की प्रसिद्धि है।[6]
मध्य युग में चाचौड़ा रियासत के राजा विक्रम सिंह की पत्नी का नाम भी चम्पावती था जिनके नाम पर चाचौड़ा में चम्पावती दुर्ग बना है जिसका निर्माण लगभग सन् 1675 ईस्वी में हुआ था। यह दुर्ग मध्य प्रदेश में अनोखा है जो रानी के नाम पर बना है एवं मध्य प्रदेश का एक राज्य संरक्षित स्मारक भी है। मुगल सल्तनत एवं ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन में चाचौड़ा रियासत ग्वालियर राज्य का हिस्सा थी लेकिन ब्रिटिश शासन की स्थापना के पूर्व ही चाचौड़ा रियासत का पतन हो जाने से यहां का इतिहास अधिक समृद्ध नहीं हो पाया।
एवं स्वतंत्रता पश्चात् देश के प्रथम आम निर्वाचन के समय ही सन् 1951 ईस्वी में चाचौड़ा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अस्तित्व आ चुका था जो उस समय मध्य भारत प्रान्त के 79 निर्वाचन क्षेत्रों में एक था। इस तरह वर्ष 1956 में मध्य प्रदेश राज्य के गठन के पूर्व ही चाचौड़ा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अस्तित्व में आ गया था। अब 21 वीं सदी में चाचौड़ा ज़िले के रूप में अपने इतिहास की कहानी को फिर से समृद्ध करने जा रहा हैं।
प्रमुख धार्मिक स्थान
- श्री बाग बागेश्वर धाम
- श्री हनुमान मंदिर छान
- श्री अम्बाला धाम, गुरु जी आश्रम
- श्री दूंदालाजी बड़े गणेश जी मंदिर
- श्री भरतलाल जी मंदिर
- श्री दिगम्बर जैन मंदिर
- गायत्री शक्ति पीठ
- माँ महिषासुर मर्दिनी मंदिर
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "MP में अब होंगे 55 ज़िले : कमलनाथ केबिनेट ने चाचौड़ा, नागदा और मैहर को दी मंज़ूरी". News18 हिंदी. 2020-03-18. अभिगमन तिथि: 2024-07-25.
- ↑ "मध्यप्रदेश में बनेंगे तीन नये ज़िले, कैबिनेट में लगी मुहर". Navbharat Times हिंदी. 2020-03-18. अभिगमन तिथि: 2024-09-27.
- ↑ "मैहर-नागदा-चाचौड़ा ज़िला बनाने मंजूरी". patrika.com हिंदी. 2020-03-18. अभिगमन तिथि: 2024-10-15.
- ↑ "नागदा, मैहर व चाचौड़ा को ज़िला बनाने की मिली मंजूरी". Dainik Bhaskar हिंदी. 2020-03-19. अभिगमन तिथि: 2024-10-15.
- ↑ "तीन तहसीलों को मिलाकर चाचौड़ा को बनाया ज़िला". Naidunia हिंदी. 2020-03-19. अभिगमन तिथि: 2024-09-27.
- ↑ "चाचौड़ा का बागीश नाथ मंदिर". mpcg. ndtv.in हिंदी. 2024-07-22. अभिगमन तिथि: 2025-04-05.