अरुतप्रकाश वल्ललार चिदम्बरम रामलिंगम (5 अक्टूबर 1823 – 30 जनवरी 1874) प्रसिद्ध तमिल सन्त एवं कवि थे।[1] दीक्षा से पूर्व उनका नाम रामलिंगम था ।[2] उन्हें "रामलिंग स्वामिगल" तथा "रामलिंग आदिगल" नाम से भी जाना जाता है। इन्हें उन सन्तों की श्रेणी में रखा जाता है जिन्हें "ज्ञान सिद्ध" कहा जाता है।

चिदम्बरम रामलिंगम

रामलिंग स्वामिगल
जन्म 5 अक्टूबर 1823
चिदम्बरम के निकट मरुधुर गाँव में
वर्तमान समय में तमिलनाडु के चुद्दलोर जिले में