चींटीभक्षिता (Myrmecophagy) किसी प्राणी में दीमक या चींटी को आहार बनाने को कहा जाता है, और यह विशेषकर उन प्राणियों के लिए प्रयोग होता है जो बड़ी मात्रा में इन कीटों को खाते हैं। चींटीभक्षी प्राणी इन सामाजिक कीटों की कॉलोनियाँ (छत्ते) ढ़ूंढते हैं और फिर वहाँ बड़ी मात्राओं में इन्हें ग्रहण करते हैं।[1][2]

चींटीयाँ खाता हुआ एक विशाल चींटीखोर

इन्हें भी देखें

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  1. Brandt, Miriam; Mahsberg, Dieter (February 2002). "Bugs with a backpack: the function of nymphal camouflage in the West African assassin bugs Paredocla and Acanthaspis spp". Animal Behaviour (journal). 63 (2): 277–284. डीओआइ:10.1006/anbe.2001.1910.
  2. Vantaux, Amélie; Roux, Olivier; Magro, Alexandra; Ghomsi, Nathan Tene; Gordon, Robert D.; Dejean, Alain; Orivel, Jérôme (September 2010) [13 January 2010]. "Host-Specific Myrmecophily and Myrmecophagy in the Tropical Coccinellid Diomus thoracicus in French Guiana". Biotropica. 42: 622–629. डीओआइ:10.1111/j.1744-7429.2009.00614.x.