रानी जगदंबा कुमारी देवी नेपाल के लेफ़्टिनेंट जनरल मदन शमशेर जंगबहादुर राणा की पत्नी और प्रधानमंत्री चंद्र शमशेर जंगबहादुर राणा की बहू थी।[1] उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले में पैदा हुई रानी जगदंबा शादी के बाद काठमांडू के श्री दरबार में रहने लगी।[2]

जगदंबा कुमारी देवी
जन्म1918
बलरामपुर ज़िला, उत्तर प्रदेश
निधन1988
श्री दरवार, काठमांडू
जीवनसंगीमदन शमशेर जंगबहादुर राणा
पूरा नाम
जगदंबा कुमारी देवी राणा
घरानाराणा वंश (विवाह से)
धर्महिंदू धर्म

रानी जगदंबा को नेपाल के बाहर रामेश्वरम और वाराणसी जैसे पवित्र स्थलों में जगदंबा नेपाली धर्मशाला निर्माण करवाने के साथ ही सार्वजनिक नल और मंदिर बनवाने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने वाराणसी में विद्या धर्म प्रचारिणी नेपाली समिति के माध्यम से नेपाली और भारतीय विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करने का प्रबंध किया। 1956 में अपने पति की स्मृति में उन्होंने मदन पुरस्कार गोष्ठी द्वारा वित्त पोषित मदन पुरस्कार पुस्तकालय की स्थापना करकर प्रसिद्ध नेपाली लेखकों को पुरस्कृत करने की परंपरा की शुरुआत की।[3] 1989 में उनकी मृत्यु पश्चात मदन पुरस्कार गोष्ठी ने नेपाली संस्कृति, साहित्य और कला के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान देनेवाले लोगों के लिए जगदंबाश्री पुरस्कार की स्थापना की।[3] उन्होंने दान पुण्य के लिए जगदंबा दातव्य औषधालय और मदन धारा समिति की स्थापना करने के साथ ही साझा यातायात के इस्तेमाल हेतु श्री दरवार की 2.7 एकड़ ज़मीन दान दी।[4][5]

  1. जंगबहादुर राणा, पुरुषोत्तम शमशेर (1990). श्री तीनों का तथ्य वृत्तांत (नेपाली में). भोटाहिटी, काठमांडू: विद्यार्थी पुस्तक भंडार. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 99933-39-91-1.
  2. जंगबहादुर राणा, पुरुषोत्तम शमशेर (2007). राणाकालीन प्रमुख ऐतिहासिक दरवारेंlanguage=नेपाली. विद्यार्थी पुस्तक भंडार. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-9994611027.
  3. "मदन पुरस्कार पुस्तकालय के बारे में". मदन पुरस्कार पुस्तकालय. अभिगमन तिथि 6 जनवरी 2009.
  4. "Attach more of Dixits' land, govt told". द हिमालयन टाइम्ज़. अभिगमन तिथि 18 जुलाई 2016.
  5. "साझा यातायात के मुख्य कार्यकारी अधिकारी". साझा यातायात. मूल से 18 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 जुलाई 2016.