जगदंबा नेपाली धर्मशाला
जगदंबा नेपाली धर्मशाला लेफ़्टिनेंट जनरल मदन शमशेर जंगबहादुर राणा की पत्नी जगदंबा कुमारी देवी द्वारा दृत पैसों से वाराणसी में 1960 में बना एक नेपाली धर्मशाला है जहाँ पर कम मूल्य में आवास प्रदान किया जाता है। वर्तमान में यह धर्मशाला वाराणसी में रहनेवाले नेपाली लोगों द्वारा स्थापित विद्या धर्म प्रचारिणी नेपाली समिति द्वारा संभाला गया है।[1]
जगदंबा नेपाली धर्मशाला | |
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सामान्य विवरण | |
निर्देशांक | 25°18′57″N 83°01′00″E / 25.315774°N 83.016676°Eनिर्देशांक: 25°18′57″N 83°01′00″E / 25.315774°N 83.016676°E |
इतिहास
संपादित करेंप्रसिद्ध हिंदू धार्मिक स्थल होने के नाते से वार्षिक स्तर में हज़ारों नेपाली हिंदू लोग तीर्थयात्रा के लिए वाराणसी पहुँचते हैं। सो यात्रियों को रहने हेतु सस्ती और सुरक्षित जगह प्रदान करने के उद्देश्य से लेफ़्टिनेंट जनरल मदन शमशेर जंगबहादुर राणा की पत्नी एवं चंद्र शमशेर जंगबहादुर राणा की बहू रानी जगदंबा कुमारी देवी ने इस धर्मशाला की स्थापना की।[2]
नेपाल पुस्तकालय
संपादित करेंधर्मशाला में नेपाल पुस्तकालय नामक किताबघर की स्थापना हुई है जहाँ पर प्राचीन धार्मिक ग्रंथों के साथ अर्वाचीन नेपाली, संस्कृत और हिंदी साहित्य का संग्रह किया गया है।
रामेश्वरम में जगदंबा नेपाली धर्मशाला
संपादित करेंरानी जगदंबा कुमारी देवी ने 1959 में तमिलनाड़ू में स्थित रामेश्वरम शहर में भी एक धर्मशाला की स्थापना की थी लेकिन वर्तमान में रानी के इच्छाओं के विरुद्ध सो धर्मशाला को उसके रखवाले ख़ुद के फ़ायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
दीर्घा
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1960 में वाराणसी में स्थापित जगदंबा नेपाली धर्मशाला का अभ्यंतर
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1959 में रामेश्वरम में स्थापित जगदंबा नेपाली धर्मशाला का बहिर्भाग
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रामेश्वरम में अवस्थित जगदंबा नेपाली धर्मशाला में सजाया गया तख़्ता जिसमें लिखा है, “नेपाली यात्रियों के लिए श्रीमती रानी जगदंबा कुमारी देवी का उपहार, शिवरात्रि 1959”
संदर्भ
संपादित करें- ↑ दुर्गा बहादुर श्रेष्ठ (1 जनवरी 2003). काशी बहादुर श्रेष्ठ. साहित्य अकादेमी. पृ॰ 11. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-260-1699-0.
- ↑ जंगबहादुर राणा, पुरुषोत्तम शमशेर (1990). श्री तीनों का तथ्य वृत्तांत (नेपाली में). भोटाहिटी, काठमांडू: विद्यार्थी पुस्तक भंडार. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 99933-39-91-1.