जमाल अब्देल नासेर

मिस्र देश के दूसरे राष्ट्रपति

जमाल अब्देल नासेर हुसैन (अरबी:جمال عبد الناصر حسين; जनवरी 1918 - 28 सितंबर 1970) मिस्र का दूसरे राष्ट्रपति (1956 से 1970 में उनकी मृत्यु तक) थे। नासेर ने 1952 के राजशाही को उखाड़ फेंकने में महत्व्पूर्ण भुमिका निभाई थी और मिस्र में भूमि सुधारों की शुरुआत की थी। 1954 में मुस्लिम ब्रदरहुड के सदस्य द्वारा उनपर जानलेवा हमले के प्रयास के बाद, उन्होंने संगठन पर लगाकर, राष्ट्रपति मोहम्मद नागुइब को घर पर नजरबन्द कर दिया और कार्यकारी कार्यालय खुद के हाथ में ले ली, आधिकारिक तौर पर जून 1956 में वे राष्ट्रपति बने।

जमाल अब्देल नासेर
جمال عبد الناصر
बेलग्रेड 1962, में नासेर

पद बहाल
23 जून 1956 – 28 सितम्बर 1970
प्रधानमंत्री
उप राष्ट्रपति
पूर्वा धिकारी मुहम्मद नागुइब
उत्तरा धिकारी अनवर अल-सदात

पद बहाल
19 जून 1967 – 28 सितम्बर 1970
राष्ट्रपति स्वयं
पूर्वा धिकारी मुहम्मद सेदकी सुलेमान
उत्तरा धिकारी महमूद फावजी
पद बहाल
18 अप्रैल 1954 – 29 सितम्बर 1962
राष्ट्रपति मुहम्मद नागुइब
स्वयं
पूर्वा धिकारी मुहम्मद नागुइब
उत्तरा धिकारी अली सबरी
पद बहाल
25 फ़रवरी 1954 – 8 मार्च 1954
राष्ट्रपति मुहम्मद नागुइब
पूर्वा धिकारी मुहम्मद नागुइब
उत्तरा धिकारी मुहम्मद नागुइब

पद बहाल
8 मार्च 1954 – 18 अप्रैल 1954
प्रधानमंत्री मुहम्मद नागुइब
पूर्वा धिकारी जमाल सलेम
उत्तरा धिकारी जमाल सलेम
पद बहाल
18 जून 1953 – 25 फ़रवरी 1954
प्रधानमंत्री मुहम्मद नागुइब
पूर्वा धिकारी सुलेमान हाफ़ेज
उत्तरा धिकारी जमाल सलेम

आंतरिक मंत्री
पद बहाल
18 जून 1953 – 25 फ़रवरी 1954
प्रधानमंत्री मुहम्मद नागुइब
पूर्वा धिकारी सुलेमान हाफ़ेज
उत्तरा धिकारी ज़कारिया मोहिद्दीन

मिस्र क्रांतिकारी कमांड काउंसिल के अध्यक्ष
पद बहाल
14 नवम्बर 1954 – 23 जून 1956
पूर्वा धिकारी मुहम्मद नागुइब
उत्तरा धिकारी पद समाप्त

पद बहाल
5 अक्टूबर 1964 – 8 सितम्बर 1970
पूर्वा धिकारी जोसिप बरोज़ टिटो
उत्तरा धिकारी केनेथ कुंडा

पद बहाल
17 जुलाई 1964 – 21 अक्टूबर 1965
पूर्वा धिकारी हेली सेलसई
उत्तरा धिकारी क्वामे एन्क्रूमाह

जन्म 15 जनवरी 1918
सिकन्दरिया, मिस्र का सल्तनत (अभी मिस्र)
मृत्यु 28 सितम्बर 1970(1970-09-28) (उम्र 52 वर्ष)
काहिरा, मिस्र
जन्म का नाम जमाल अब्देल नासेर हुसैन
राष्ट्रीयता मिस्रवासी
राजनीतिक दल अरब समाजवादी संघ
जीवन संगी ताहिया काज़म
बच्चे 5
पेशा सैन्य अधिकारी
हस्ताक्षर
सैन्य सेवा
निष्ठा मिस्र
सेवा/शाखा मिस्र के सशस्त्र बल
सेवा काल 1938–1952
पद लेफ्टिनेंट कर्नल
लड़ाइयां/युद्ध अरब-इजराइल युद्ध (१९४८)

मिस्र और अरब दुनिया में नासेर की लोकप्रियता में, स्वेज़ नहर के राष्ट्रीयकरण और बाद में स्वेज़ संकट में उनकी राजनीतिक जीत के बाद उछाल आई। उन्होनें अपने नेतृत्व में पूरे अरब में एकता के लिए आवाहन किया और 1958 से 1961 तक सीरिया के साथ संयुक्त अरब गणराज्य के गठन किया। 1962 में, नासेर ने मिस्र में प्रमुख समाजवादी उपायों और आधुनिकीकरण सुधारों की एक श्रृंखला शुरू की। अपने अरब संघ के टूटने के झटके के बावजूद, 1963 तक नासेर के समर्थकों ने कई अरब देशों में सत्ता प्राप्त की, लेकिन वे उत्तरी यमन गृह युद्ध में अंततः उलझ गये और जोकि आगे चल कर उनके और साउदी अरब के बीच चले अरब शीत युद्ध का कारण बन गया। मार्च 1965 में उन्होंने अपने दूसरे राष्ट्रपति पद के लिए अपने राजनीतिक विरोधियों को उम्मीदवारी से प्रतिबंधित कर दिया। 1967 के छः दिवसीय युद्ध में इजरायल द्वारा मिस्र को मिले हार के बाद, नासेर ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन लोकप्रिय प्रदर्शनों के बाद वह वापस लौट आए। 1968 तक, नासेर ने खुद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया, और पिछले युद्ध में खोये क्षेत्र को वापस पाने के लिए युद्ध की शुरूआत की, सेना को अ-राजनीतिकरण करने की प्रक्रिया शुरू की और राजनीतिक उदारीकरण सुधारों का एक श्रंखला जारी की। 1970 अरब लीग शिखर सम्मेलन के समापन के बाद, नासेर को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गई। काहिरा में उनके अंतिम संस्कार में पांच लाख समर्थक जुटे और अरब दुनिया में दुःख छा गया।

नासेर अरब दुनिया में आज भी एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बने हुए है, खासतौर से सामाजिक न्याय और अरब एकता, आधुनिकीकरण नीतियों और साम्राज्यवाद विरोधी प्रयासों के प्रति उनके कदम के लिए। उनके राष्ट्रपतिकाल में मिस्र में सांस्कृतिक उछाल को प्रोत्साहित किया गया और साथ ही साथ अस्वान बांध और हेलवान शहर सहित कई बड़ी औद्योगिक परियोजनाएं शुरू की गई। नासेर के विरोधियों ने उन पर सत्तावाद, मानवाधिकार उल्लंघन और सिविल संस्थानों पर सेना के प्रभुत्व जमा, मिस्र में सैन्य और तानाशाही शासन का एक चलन स्थापित करने की आलोचना की।

व्यक्तिगत जीवन

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नासेर और उनका परिवार

1944 में, नासेर ने 22 वर्षीय ताहिया काज़ेम से विवाह किया उनके पिता एक ईरानी थे और मां मिस्र की थी, दोनों की ताहिया के कम उम्र में ही मृत्यु हो गई थी। ताहिया के भाई और नासेर के एक व्यापारी मित्र अब्देल हामिद काजीम ने दोनों को 1943 में मिलवाया था।[1] शादी के बाद, यह जोड़ा काहिरा के उपनगर मंसियायत अल-बकरी के एक घर में रहने लगे, जहां उन्होंने अपने बाकी का जीवन काटा। 1937 में सैन्य अधिकारी कोर में नासेर की प्रवेश से उन्हें अच्छा भुगतान वाला रोजगार मिल गया, और जहां ज्यादातर लोग गरीबी में रहते थे उन्हें अपना जीवन काटने में सहायता मिली।

नासेर और ताहिया कभी-कभी घर पर राजनीति पर भी चर्चा करते थे, लेकिन अधिकांशत:, नासेर ने अपने करियर को अपने परिवार के जीवन से अलग रखा। वह अपने अधिकांश खाली समय अपने बच्चों के साथ बिताना पसंद करते थे।[2] नासेर और ताहिया की दो बेटियां और तीन बेटे थे: होडा, मोना, खालद, अब्देल हामिद और अब्देल हाकीम।[3]

हालांकि वह धर्मनिरपेक्ष राजनीति के समर्थक थे, बावजुद नासेर एक पर्यवेक्षक मुस्लिम थे जिन्होंने 1954 और 1965 में मक्का की हज पर गये थे।[4][5] वह व्यक्तिगत रूप से ईमानदार होने के लिए जाने जाते थे,[6][7][8][9] जिस एक विशेषता ने मिस्र और अरब दुनिया के नागरिकों के बीच उनकी प्रतिष्ठा को और बढ़ाया।[8] नासेर के निजी शौक में शतरंज, अमेरिकी फिल्मों, अरबी, अंग्रेजी और फ्रेंच पत्रिकाओं को पढ़ने और शास्त्रीय संगीत सुनना शामिल थे।[10]

नासेर को लगातार धूम्रपान करने की लत थी।[11][7][12] वह दिन के 18 घंटे कार्य करते थे और छुट्टियों के लिए शायद ही कभी समय निकालते थे। धूम्रपान और लंबे समय तक काम करने के संयोजन ने उनके खराब स्वास्थ्य का करण बना। 1960 के दशक की शुरुआत में उन्हें मधुमेह रोग हो गया था और 1970 में उनकी मृत्यु के समय तक, वे धमनीविरोधी, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप से भी पीड़ित थे। उन्हें दो दिल के दौरे (1966 और 1969) भी पड़े, और दूसरे दौरे पर उन्हें छह सप्ताह तक बिस्तर पर आराम करना पड़ा था।[11]

  1. Sullivan 1986, पृष्ठ 84
  2. Sullivan 1986, पृष्ठ 85
  3. Aburish 2004, पृष्ठ 313–320
  4. Aburish 2004, पृष्ठ 148
  5. Alexander 2005, पृष्ठ 74
  6. Makdissi 2011, पृष्ठ 217
  7. Bird 2010, पृष्ठ 177
  8. Goldschmidt 2008, पृष्ठ 167
  9. Alexander 2005, पृष्ठ 97
  10. Bird 2010, पृष्ठ 178
  11. Daigle 2012, पृष्ठ 115
  12. Aburish 2004, पृष्ठ 10