ज़ोरामथंगा

मिजोरम के मुख्यमंत्री

ज़ोरामथंगा (जन्म 13 जुलाई 1944) भारतीय राज्य मिज़ोरम के पूर्व एवं नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री हैं जो इस पद पर 4 दिसम्बर 1998 से दिसम्बर 2008 तक रहे।[2] उनकी पार्टी मिज़ो नेशनल फ्रण्ट २००८ के चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से चुनाव हार गई। इस हार के बाद उन्होंने मदन मोहन लखेरा को 8 दिसम्बर 2008 को त्याग पत्र दे दिया और तीन दिन बाद अगले मुख्यमंत्री के कार्यभार ग्रहण करते ही कार्यभार समाप्त हुआ।

ज़ोरामथंगा

कार्यकाल
1998 - 2008, 2018 - अब तक
पूर्वा धिकारी लाल ललथनहवला
चुनाव-क्षेत्र चम्फाई

जन्म 13 जुलाई 1944
राजनीतिक दल मिज़ो नेशनल फ्रंट
जीवन संगी रोनेिहसंगी
बच्चे एक पुत्र एवं एक पुत्री
निवास आइज़ोल, मिजोरम
धर्म ईसाई[1]
As of 18 जून, 2006
Source: [1]

राजनीतिक जीवन संपादित करें

पहले मिज़ो नेशनल फ्रण्ट एक प्रतिबंधित संगठन था और गुप्त तरीके से एक अलग देश के लिए सक्रिय था। इन्हीं हालात में 1966 में पास हआ एक स्नातक बागी बन गया था। ज़ोरमथंगा को रन बंग इलाके के सचिव के पद की पेशकश की गई और उन्होंने तीन वर्ष तक ये जिम्मेदारी संभाली। 1969 में मिज़ो नेशनल फ्रण्ट के सारे कैडर तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) चले गए। बाद में लालडेंगा (मिज़ो नेशनल फ्रण्ट के तत्कालीन अध्यक्ष) ने ज़ोरमथंगा को अपना सचिव बना लिया जिस पद पर वे सात वर्षों तक बने रहे। 1979 में वे मिज़ो नेशनल फ्रण्ट के उपाध्यक्ष बन गए। विद्रोह के दौरान सेना ने ज़ोरमथंगा को गिरफ्तार कर लिया। 1990 में हुई लालडेंगा की मृत्यु तक ज़ोरमथंगा उनके सबसे भरोसेमंद सहयोगी थे अतः मिज़ो नेशनल फ्रण्ट के अध्यक्ष बने।[3] 25 वर्षों के संघर्ष के बाद मिज़ो नेशनल फ्रण्ट ने 30 जून 1986 को ऐतिहासिक मिज़ो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया और 1987 में मिज़ोरम को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल गया। इस समझौते के बाद ज़ोरमथंगा राजनीति में आये और अपने पहले ही चुनाव में चंफई से पहली बार विधायक बने। बागी से मुख्यमंत्री बने लालडेंगा के मंत्रिमंडल में उन्हें वित्त और शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। 1998 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ज़ोरमथंगा ने मिज़ोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस से गठजोड़ कर लिया। इस सियासी गठजोड़ ने राज्य विधानसभा की 40 सीटों में से 33 जीत ली थीं और वो पहली बार मिज़ोरम के मुख्यमंत्री बने।[3] २००३ के चुनाव में उन्होंने अकेले (किसी चुनाव पूर्व गठबन्धन के) ही चुनाव लड़ा और राज्य में जीत दर्ज की। २००८ के चुनाव में उनकी पार्टी केवल ३ विधायकों तक सिमित हो गई। ज़ोरामथंगा ने अपनी चंफ़ाई (उत्तर) सीट को भी गंवा दिया जिसे वे 1987 से जीतते आ रहे थे।[4]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Ex-Mizo chief minister questions Sonia faith Archived 2013-12-02 at the वेबैक मशीन टाइम्स ऑफ़ इण्डिया - 20 नवम्बर 2011
  2. "FORMER CHIEF MINISTER of Mizoram" [मिज़ोरम के पूर्व मुख्यमंत्री]. मूल से 16 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 नवम्बर 2013.
  3. दिग्ज्योति लहकर (24 नवम्बर 2013). "ज़ोरामथंगा : राजनीति के खिलाड़ी पर बैडमिंटन के शौकीन". बीबीसी हिन्दी. मूल से 27 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 नवम्बर 2013.
  4. "मिज़ोरम में एक दशक बाद कांग्रेस की वापसी". वन-इण्डिया. 8 दिसम्बर 2008. मूल से 2 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 नवम्बर 2013.
पूर्वाधिकारी
पु ललथनहवला
मिजोरम के मुख्यमंत्री
4 दिसम्बर 1998  – 11 दिसम्बर 2008
उत्तराधिकारी
पु ललथनहवला