जां वाप्तिस्ते आंद्रे ड्यूमा
जां वाप्तिस्ते आंद्रे ड्यूमा (Jean Baptiste Andre Dumas ; 14 जुलाई 1800 – 10 अप्रैल 1884) फ्रांसीसी रसायनज्ञ था। कार्बनिक विश्लेषण एवं संश्लेषण पर उसने उल्लेखनीय कार्य किया। इसके अलावा उसने वाष्प घनत्व के मापन द्वारा परमाणु भार (आपेक्षिक परमाणु द्रव्यमान) तथा अणुभार निकालने की विधि विकसित की। इसके अलावा उसने यौगिकों में नाइट्रोजन का विश्लेषण करने की एक विधि विकसित की।
परिचय
संपादित करेंड्यूमा का जन्म १४ जुलाई १८०० ई० को ऐले गार्ड (Alais Gard) में हुआ था। ड्यूमा ने विशेष शिक्षा जेनेवा (Geneva) में प्राप्त की और १८२१ ई० में ये पैरिस के इकोल पॉलिटेक्निक में रसायन के प्राध्यापक हो गए। इसके पश्चात् एथेनी, स्वस्थापित इकोल सेंट्रल डेफार्ट्स एट मेन्यूफैक्टर्स में और सॉरबॉन में रसायन के प्रोफेसर रहे।
ड्यूमा कैथोलिक धर्म में विश्वास करते थे और ईसाई धर्म के आलोचनाओं का प्रायः जवाब देते थे।[1]
इन्होंने जीवन भर रसायन विषयक विभिन्न अनुसंधानों का कार्य किया। रासायनिक तुल्यांकों पर कार्य आरंभ किया। परमाणुवाद के संबंध में इन्होंने निबंध लिखे, जिन्होंने इन्हें यूरोप में विख्यात कर दिया। रासायनिक प्रतिस्थापन के संबंध में इन्होंने बर्ज़ीलियस के मत के विपरीत अपना मत प्रस्तुत किया, जिसने इनका यश बढ़ाया। कार्बनिक रसायन के क्षेत्र में इन्होंने अद्भुत कार्य किया। ईथर, ईथरीय तैल, नील रंग, एंल्कलॉयड आदि के क्षेत्र में इनकी गवेषणाएँ कार्बनिक रसायन के मार्ग को प्रशस्त करने में सहायक हुई। १८४९-५१ ई० में ये कृषि और व्यापार मंत्रालय में मंत्री नियुक्त हुए और द्वितीय साम्राज्य के शासन के समय में भी शासन में इन्हें ऊँचा पद मिला। १८७५ ई० में ये अकादमी की गीज़ो की पीठ के लिये आमंत्रित हुए। ११ अप्रैल १८८४ ई० को कैन (Cannes) में इनकी मृत्यु हुई। ड्यूमा ने कई ग्रंथ भी लिखे।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ ["Jean-Baptiste Dumas". Catholic Encyclopedia. Retrieved 2007-02-17.]