जिब्राईल, जिब्रील या गेब्रीएल, एक देवदूत है, जिनका किरदार यहूदी, ईसाई और इस्लाम धर्मों की कथाओं में महत्वपूर्ण है। बाइबल, कुरान तथा अन्य अनेक प्राचीन यहूदी लेखों में जिब्राईल को ईश्वर के मुख्य फ़रिश्ते के रूप में दर्शाया गया है। जिब्राईल का उल्लेख सबसे पहले दानिएल की किताब में होता है। इब्रानी भाषा में इस नाम का अर्थ है - 'ईश्वर का सामर्थ्य'। बाइबिल के पूर्वार्ध में वे दानियाल नामक नबी के लिये मसीह के राज्य संबंधी भविष्यद्वारिणों की व्याख्या करते हें। उत्तरार्ध में वे मसीह के अग्रदूत बपतिसमा-दाता याह्या का, तथा बाद में यीशु मसीह का आगामी जन्म घोषित करते हैं। ईसाई धर्म में जिब्राईल की उपासना रक्षक के रूप में की जाती है।

मरियम को कुँवारे गर्भ से ईश्वर के पुत्र के जन्मे जाने की खबर देते हुए जिब्रील का चित्र

इस्लाम में माना जाता है कि समय-समय पर मुहम्मद को जिब्रईल ने ही कुरान की आयतें प्रगट की थी। ऐसा माना जाता है की सबसे पहले जिब्रील ने मुहम्मद को हिरा की गुफा में सुराह अल-अलक़ की पहली आयत बतायी थी। मुस्लिम समुदाय की मान्यता के अनुसार जिब्रील, अल्लाह के द्वारा सृष्टि किया गया एक मलक या फ़रिश्ता है। इस मलक का काम यह था कि अल्लाह के आदेनुसार नबी के पास अल्लाह का आदेश या दिव्या वाणी लेकर जाता है। इसके अलावा जिब्रील ने और भी कई बार, अल्लाह की बात विभिन्न नबियों तक पहुंचाई है।

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