जीने की राह
जीने की राह 1969 में बनी हिन्दी भाषा की नाट्य फिल्म है। इसे एल॰ वी॰ प्रसाद द्वारा निर्मित और निर्देशित किया गया।। फिल्म में जितेन्द्र, तनुजा और संजीव कुमार मुख्य भूमिकाओं में हैं और संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने बनाया है।
जीने की राह | |
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जीने की राह का पोस्टर | |
निर्देशक | एल॰ वी॰ प्रसाद |
लेखक | मुखराम शर्मा (संवाद) |
पटकथा | एल॰ वी॰ प्रसाद |
निर्माता | एल॰ वी॰ प्रसाद |
अभिनेता |
जितेन्द्र, तनुजा, संजीव कुमार |
संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
प्रदर्शन तिथि |
1969 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंपढ़ाई पूरी करने के बाद, मोहन (जितेन्द्र) राम नगर लौटता है, जहाँ उसकी विधवा माँ जानकी (दुर्गा खोटे), उसकी सौतेली बहन दुर्गा, उसका पति, रामदास (रूपेश कुमार) और उनका बेटा साथ रहते हैं। साथ ही एक वयस्क बहन, सुधा; दो छोटे भाई और एक और बहन; उसकी अपनी पत्नी, शोभा और बेटी, गुड्डी भी हैं। वह अपनी माँ और अपने छोटे भाई-बहनों को मजदूरी करते हुए पाता है, जबकि घर गिरवी रखा हुआ है। वह बम्बई फिर से जाता है, जहां वह अपने दोस्त डा. मनोहर (संजीव कुमार) से मिलता है और उसके माध्यम से कमलराय मनसुखलाल (मनमोहन कृष्णा) के साथ काम करता है।
वह राम नगर में अपने परिवार को पैसे भेजता है, लेकिन दुर्गा यह सब हर बार अपने लिए रख लेती है। वह परिवार के बाकी लोगों को घर छोड़ने के लिए मजबूर कर देती है। बम्बई में जानकी, शोभा, गुड्डी और मोहन के सभी भाई-बहन सड़क पर आ जाते हैं। कई दिनों के बाद उन्हें मोहन का पता मिलता है, जो उन्हें मनोहर के घर ले जाता है और सुनिश्चित करता है कि सभी की देखभाल की जाए। जब उसे पता चलता है कि दुर्गा, रामदास और उनका बेटा किसी निर्माण स्थल पर मजदूर के रूप में काम कर रहे हैं, तो वह उन्हें भी घर लाता है। परिवार काफी सामंजस्यपूर्ण जीवनशैली जी रहा होता है। बाद में पता चलता है कि शोभा का पति दो जीवन जी रहा है और दो लाख रुपयों के बदले में अपने नियोक्ता की बेटी राधा (तनुजा) से औपचारिक रूप से सगाई कर रहा है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- तनुजा — राधा राय
- जितेन्द्र — मोहन
- अंजलि कदम — शोभा
- संजीव कुमार — डा. मनोहर
- मनमोहन कृष्णा — कमलराय मनसुखलाल
- दुर्गा खोटे — जानकी
- बेला बोस — दुर्गा
- जगदीप — सुन्दर
- रूपेश कुमार — रामदास
- मीना टी — सुधा
संगीत
संपादित करेंसभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "आने से उसके आये बहार" | मोहम्मद रफ़ी | 4:08 |
2. | "एक बनजारा गाये" | मोहम्मद रफ़ी | 3:47 |
3. | "आने से उसके आये बहार" (II) | मोहम्मद रफ़ी, भूपेन्द्र सिंह | 1:29 |
4. | "चँदा को ढूंढने सभी" (I) | मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले, उषा मंगेशकर, हेमलता | 6:22 |
5. | "आप मुझे अच्छे लगने लगे" | लता मंगेशकर | 3:46 |
6. | "आ मेरे हमजोली आ" | मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | 5:59 |
7. | "चँदा को ढूंढने सभी" (II) | आशा भोंसले, उषा मंगेशकर, हेमलता | 6:22 |
8. | "आने से उसके आये बहार" (III) | मोहम्मद रफ़ी | 3:49 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंप्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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एल॰ वी॰ प्रसाद | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | नामित |
एल॰ वी॰ प्रसाद | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार | नामित | |
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार | जीत | |
आनंद बख्शी ("आने से उसके आये बहार") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित | |
मोहम्मद रफ़ी ("आने से उसके आये बहार") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | नामित | |
लता मंगेशकर ("आप मुझे अच्छे लगने लगे") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार | जीत |