जी-कोड
जी-कोड ( इसे आरएस-274 भी कहते हैं) सबसे व्यापक रूप से प्रयुक्त कंप्यूटर संख्यात्मक नियंत्रण (सीएनसी) प्रोग्रामिंग भाषा है। यह मुख्य रूप से स्वचालित मशीन औजारों को नियंत्रित करने के लिए कंप्यूटर सहाय्यित विनिर्माण (CAM) में उपयोग किया जाता है। इसके कई प्रकार हैं।
पैराडाइम (Paradigm) | Procedural, Imperative |
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डिजाइनकर्ता | मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान |
पहली बार प्रयुक्त | 1950 के दश्क में प्रथम संस्करण |
फाइल-नाम विस्तारक (extensions) | .gcode, .mpt, .mpf, .nc तथा अनेकों अन्य |
प्रमुख प्रयुक्तियाँ | |
अनेक हैं, मुख्यतः सीमेन्स का सिनुमेरिक, फानुक (FANUC), Haas, Heidenhain, मजाक (Mazak)।
ISO 6983 नामक एक मानक भी है। |
जी-कोड निर्देश, एक मशीन नियंत्रक (औद्योगिक कंप्यूटर) को भेजे जाते हैं। यह मोटरों को बताता है कि कब चलना है, कितनी तेजी से चलना है।
उदाहरण
संपादित करेंजी-कोड में 500 से अधिक कमांड हैं। प्रत्येक कमांड एक कार्य के लिए विशिष्ट है और कुछ कमांड केवल सीएनसी मशीनों पर लागू होते हैं। सर्वाधिक प्रयुक्त कुछ कमण्ड ये हैं-
- G28 - अक्षों को तैयार (initialize) करो।
- M115 - फर्मवेयर सूचना तथा मशीन की अन्य क्षमताओं को एकत्रित करता है।
- M104 - यह एक्सट्रूडर का लक्षित तापमान सेट करता है।
- M140 - यह हीटिंग बेड का लक्षित तापमान सेट करता है।
- G0/G1 - अक्षों की रैखिक गति। G0, तेज गति के लिए है। यह F (फ़ीडरेट) की निर्धारित सीमा का पालन किए बिना उससे अधिक तेज गति से चलाने का निर्देश है। G1 पैरामीटर F (फ़ीडरेट) का पालन करते हुए गति करने का निर्देश है।
- G90/G91 - यह परिभाषित करता है कि दिया गया गति का मान निरपेक्ष है या सापेक्ष।
मिलिंग के लिये एक सरल सी एन सी प्रोग्राम
संपादित करें- O100;
- G0 G90 G40 G80 G49
- G91 G28 Z0
- M6 T1;
- G90 G17 G80 G40 G54 G0 X0 Y-7;
- M3 S2500 M8;
- G0 G43 H1 Z-4;
- G1 Y20. F150;
- X40;
- Y0;
- X-5;
- G0 Z200:
- M9;
- M5;
- G28 G91 G0 Z0;
- G28 G91 G0 Y0;
- M30;
- %
पंक्ति 1: प्रोग्राम संख्या
पंक्ति 2: ये मोडल कोड का अनुस्मारक हैं। किसी कारण से बीच में ही मशीन रुक जाय तो आसानी से क्रिया को पुनः आरम्भ करने में सुविधा प्रदान करते हैं। G0 (तेज गति से), G90 (निरपेक्ष निर्देशांक), G40 (त्रिज्या सुधार को रद्द करना), G80 (ड्रिलिंग चक्रों को रद्द करना), G49 (लम्बाई सुधार को रद्द करना)
पंक्ति 3: किसी भाग में रुकने के बाद प्रोग्राम को फिर से शुरू करने की स्थिति में अवांछित गति से बचने के लिए Z-अक्ष के मूल बिन्दु पर लौटें।
पंक्ति 4: टूल के लिए स्पिंडल कॉल n ° 1 (जो वास्तव में पैरामीटर T1 के साथ टूल चेंजर (M6) को नियंत्रित करने वाली सबरूटीन में जाने का कमाण्ड है।)
पंक्ति 5: आगे दिये गये मान निरपेक्ष मान है (G90) , X, Y तल के अनुसार काम करें (G17), ड्रिलिंग-टैपिंग चक्र को रद्द करना (G80) , मशीन में संग्रहीत किसी भी सुधारक (corrector) को रद्द करना (G40), इस भाग का मूलबिन्दु से ऑफसेट (G54), तीव्र गति से (G0) (X0 Y-5) पर जाओ।
पंक्ति 6: टूल को 2500 चक्र प्रति मिनट (rpm) पर घुमाना चालू करो (S2500) और शीतलक (कूलेंट) चालू करो (M8)
पंक्ति 7: तीव्र गति से चलो (G0) , टूल लंबाई (G43) के ऑफसेट n ° 1 (H1) को ध्यान में रखते हुए Z दिशा में 4 ईकाई तक गहरा काटो (Z-4) .
पंक्ति 8 से 11 : कार्यकारी गति (working speed) से विस्थापन करो (G1) , G1 एक मोडल फ़ंक्शन है और इसलिए आगे के सभी बिन्दुओं के लिए मान्य है।
पंक्ति 12: तीव्र गति (G0) से चलकर बिन्दु (Z200) तक जाओ।
पंक्ति 13: ठण्डा करने वाला द्रव बन्द कर दो (M9)
पंक्ति 14: स्पिंडल को रोक दो (M5)
पंक्ति 15: मशीन के मूलबिन्दु पर लौटो (G28) , अब से दूरियाँ सापेक्ष लो (G91), तीव्र गति के साथ Z0 पर जाओ (टूल अप)
पंक्ति 16 : मशीन के मूलबिन्दु पर लौटो (G28) , अब से दूरियाँ सापेक्ष लो (G91), तीव्र गति के साथ Y0 पर जाओ (टेबल, ऑपरेटर के सबसे निकट करो)
पंक्ति 17 : प्रोग्राम का अन्त (M30)
टर्निंग के लिये एक सरल सीएनसी प्रोग्राम
संपादित करें४० मिलीमीटर लम्बी और २० मिलीमीटर व्यास की एक मोटी छड़ है, जिसे टर्न करना है।
% O1234 G50 S2500 (घूमने की गति 2500 चक्र प्रति मिनट के भीतर रखो) G97 M03 S1000 T0606 (टर्निंग का 'रफ' औजार) G00 X22. Z0. G96 S150 G01 N40
X-1. F0.15 G00 Z1. X18. G01 Z-35. F0.2 X22. G00 Z1. X16. G01 Z-25. X22. G00 Z300. X150. M01
T0101 (FORET DIAM 18MM) G97 M03 S1000 G00 X0. Z5. G01 Z-25. F0.1 G00 Z5. X150. Z300. M05 M30
ऊपर छोटे कोष्टकों () में लिखी गयी बातें 'कमेन्ट' हैं। कोई भी प्रोग्राम लिखते समय कमेन्ट लिखना बहुत उपयोगी होता है। इससे दूसरे लोग भी आसानी से प्रोग्राम को समझ लेते हैं कि कोई पंक्ति या कमान्ड क्यों लिखा गया है। कमेन्ट के बिना अपना ही लिखा हुआ प्रोग्राम कुछ दिनों बाद समझने में कठिनाई होने लगती है।