जी॰ पी॰ सिप्पी
भारतीय फिल्म निर्देशक और निर्माता
(जी पी सिप्पी से अनुप्रेषित)
गोपालदास परमानंद सिप्पी (14 सितंबर 1915 – 25 दिसम्बर 2007) हैदराबाद, सिंध में पैदा हुए भारतीय हिन्दी फ़िल्मों के निर्माता और निर्देशक थे। वह सीता और गीता (1972), शान (1980), सागर (1985), राजू बन गया जेंटलमैन और उनकी अमर कृति (उनके बेटे रमेश सिप्पी के साथ) शोले जैसी कई लोकप्रिय बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर बनाने के लिए जाने जाते हैं।
उनको सन् 2000 में मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिला था।[1] सिप्पी 70, 80 और 90 के दशक में फिल्म एंड टीवी प्रड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के प्रेजिडेंट भी रहे।[2]
फ़िल्मों की सूची
संपादित करें- निर्माता के रूप में
- हमेशा (1997)
- जमाना दीवाना (1995)
- आतिश (1994)
- राजू बन गया जेंटलमैन (1992)
- पत्थर के फूल (1991)
- भ्रष्टाचार (1989)
- सागर (1985)
- शान (1980)
- अहसास (1979)
- तृष्णा (1978)
- शोले (1975)
- सीता और गीता (1972)
- अंदाज (1971)
- बंधन (1970)
- ब्रह्मचारी (1968)
- मेरे सनम (1965)
- सज़ा (1951)
- निर्देशक के रूप में
- भाई बहन (1959)
- लाइट हाउस (1958)
- आदल-ए-जहाँगीर (1956)
- श्रीमती फोर टू ज़ीरो (1956)
- चंद्रकांत (1956)
- मैरीन ड्राइव (1955)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "शोले के निर्माता जीपी सिप्पी का निधन". बीबीसी हिन्दी. 26 दिसंबर 2007. मूल से 30 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 मई 2018.
- ↑ "'शोले' के प्रड्यूसर जी. पी. सिप्पी का निधन". नवभारत टाइम्स. 26 दिसम्बर 2007. मूल से 30 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 मई 2018.