जॉन होप, लिनलिथगो के प्रथम मार्क्विस
जॉन होप, लिनलिथगो के प्रथम मार्क्विस (अंग्रेज़ी: John Hope, 1st Marquess of Linlithgow ), जिन्हें, 1873 से 1902 के बीच, होपटन के सातवें अर्ल और 1873 से पूर्व, वाइकाउण्ट आइद़री के नाम से जाना जाता था, एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ थे। उन्हें 1 जनवरी 1901-9 जनवरी 1903 के बीच, महारानी विक्टोरिया तथा, उनके उत्तराधिकारी, महाराज एडवर्ड सप्तम् द्वारा, ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर-जनरल यानि महाराज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया था। वे ऑस्ट्रेलिया के पहले गवर्नर-जनरल थे। गवर्नर-जनरल के रूप में अपने सेवाकाल के दौरान वे, शासक के प्रतिनिधि के रूप में, उनकी अनुपस्थिति के दौरान शासन के कर्तव्यों का निर्वाह करते थे। इसके अलावा, अपने व्यवसायिक जीवन के दौरान, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की सेवा में, विश्व भर में विस्तृत विभिन्न ब्रिटिश उपनिवेशों में, अन्य अनेक महत्वपूर्ण व वर्चस्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी थी। 9 जनवरी 1903 को, ऑस्ट्रेलियाई सर्कार और उनके बीच हुए वित्त और गवर्नर-जनरल के पद की सहूलियतों के संबंध में हुए मतभेदोंके कारणवश उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 1902 को, उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा, लिनलिथगो के प्रथम मार्क्विस की उपाधि प्रदान की गई। 29 फरवरी 1908 को 47 वर्ष की आयु में, उनका निधन हो गया। ऑस्ट्रेलिया में इन्हें लाॅर्ड होपटन के नाम से जाना जाता है।
परममान्य लाॅर्ड होपटन लिनलिथगो के प्रथम मार्क्विस जॉन होप | |
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लिनलिथगो के प्रथम मार्क्विस | |
कार्यकाल 1 जनवरी 1901-9 जनवरी 1903 | |
पूर्वा धिकारी | कोई नहीँ(प्रथम पदाधिकारी) |
उत्तरा धिकारी | हॅलम टेनिसन, दूसरे बॅरन टेनिसन |
जन्म | 25 सितंबर 1860 |
मृत्यु | 29 फरवरी 1908 |
राष्ट्रीयता | ब्रिटिश |
धर्म | इसाई धर्म |
इन्हें भी देखें
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