ज्ञानश्रीमित्र (१०वीं-११वीं शताब्दी) एक प्रमाणवादी भारतीय दार्शनिक थे। वे एक कवि, विक्रमशिला के द्वारपण्डित तथा रत्नकीर्ति के गुरु थे।

कृतियाँ संपादित करें

  • अद्वैतबिन्दु
  • अभिसमयहृदय
  • अनेकचिन्तामणि
  • अनुपलब्धिरहस्य
  • अपोहप्रकरण
  • भेदाभेदपरीक्षा
  • साकारसिद्धिशास्त्र
  • सर्वशब्दाभावचर्चा
  • ईश्वरदूषण
  • कार्यकरणभावसिद्धि
  • क्षणभङ्गाध्याय
  • (अध्यार्ध)प्रज्ञापारमिता(नय)शतपञ्चाशिका
  • साकारसङ्ग्रहसूत्र
  • सर्वज्ञानसिद्धि
  • तर्कभाषा
  • व्याप्तिचर्चा
  • वृतमालास्तुति
  • योगीनिर्णय(प्रकरण)

सन्दर्भ संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें