डाइनेमोमीटर
चालनबलमापी या डाइनेमोमीटर (Dynamometer) एक युक्ति (device) है जो मनुष्य, पशु और यंत्र द्वारा प्रयुक्त बल या शक्ति मापने के काम आती है। इसे संक्षेप में 'डाइनो' भी कहते हैं। बलमापन के लिए प्रयुक्त प्राय: सभी उपकरणों को डाइनेमोमीटर कहते हैं, किंतु विशेष रूप से इसका प्रयोग उन उपकरणों के लिए होता है जो कार्यमापन, या इंजन और मोटरों की अश्वशक्ति, के मापन में काम आते हैं। उदाहरण के लिये यदि एक ही साथ बलाघूर्ण और घूर्णन वेग (कोणीय वेग) मापा जाय तो किसी भी इंजन, मोटर या अन्य युक्ति द्वारा उत्पन्न की गयी शक्ति की गणना कर सकते हैं। इसके विपरीत इसका उपयोग किसी अन्य मशीन (जैसे पम्प या विद्युत जनित्र) को चलाने के लिये आवश्यक शक्ति के निर्धारन के लिये भी किया जा सकता है।
प्रकार
संपादित करेंडाइनेमोमीटर साधारणतया दो प्रकार के होते हैं, अवशोषण (absorption) और पारेषण (transmission) डाइनेमोमीटर। अवशोषण डाइनेमोमीटर में मापनीय शक्ति को कोई घर्षण तत्व या विद्युज्जनित्र अवशोषित ओर अपाकीर्ण (dissipated) करता है। पारेषण डाइनेमोमीटर वह है जिसमें डाइनेमोमीटर स्वयं अल्प शक्ति अवशोषित करता है या बिल्कुल ही नहीं अवशोषित करता, लेकिन प्रथम चालक (prime mover) और उसके भार का एक साथ युग्मन करने में सहायक होता है।
अवशोषण डाइनेमोमीटर
संपादित करेंअवशोषण डाइनेमोमीटर अनेक प्रकार के होते हैं और इनके अंतर्गत प्रॉनी (Prony) ब्रेक, जल ब्रेक और विद्युत् डाइनेमोमीटर हैं।
प्रॉनी ब्रेक - घूर्णनकारी दंड में स्थित शक्ति को मापने के काम आनेवाला प्रॉनी ब्रेक ब्लॉक कोटि का है और अन्य घर्षण ब्रेकों की रोक क्रिया को निदर्शित करने के काम आता है।
द्रवचालित ब्रेक में प्याले और पत्तियों (vanes) से युक्त एक घूर्णन (rotor) ऐसे ही प्यालों से सज्जित स्थाता (stator) के निकट घूर्णन करता है। त्वरित (accelerated) तरल स्थाता प्यालों से टकराकर अपनी गतिज ऊर्जा को विकीर्ण करता है, जिसकी बलघूर्ण प्रतिक्रिया को माप लेते हैं। ऊष्मा के विकीर्ण होने में सुविधा के लिए स्थाता में लगातार जलधारा प्रवाहित की जाती है।
उच्चवेग इंजनों की शक्ति मापने में विद्युत् डाइनेमोमीटर का अत्यधिक व्यापक प्रयोग होता है। विद्युत डाइनेमोमीटर में एक जनित्र होता है, जिसमें स्थाता की बलघूर्ण प्रतिक्रिया नापी जाती है और विद्युत उर्जा के व्ययन के साधनों की भी व्यवस्था होती है। भँवर धारा (eddy current) ब्रेक एक दूसरे प्रकार का ब्रेक है, जिसमें धात्विक स्थाता में विद्युच्चुंबकीय तंत्र घूर्णित किया जाता है। धात्विक स्थाता में भंवर धाराएँ उत्पन्न होती हैं और इनमें प्रतिरोध होने से विद्युदूर्जा ऊष्मा में परिणत होती है।
पारेषण डाइनेमोमीटर
संपादित करेंइसके अंतर्गत सरल संरचना के पट्टा और हिंडोला (belt and cradle) अभिकल्प से लेकर पोत के प्रणोदक दंड (propeller shaft) द्वारा पारेषित बलघूर्ण के मापन में प्रयुक्त, जटिल दंड डाइनेमोमीटर (shaft) तक सम्मिलित हैं। बलघूर्ण मापन के लिये दंड डाइनेमोमीटर में दंड के प्रत्यास्थ ऐंठन विस्थापन का उपयोग किया जाता है
कर्षण (traction) या अर्गला-दंड-कर्षण (draw bar pull) डाइनेमोमीटर कभी-कभी वाहन और पोत के परीक्षण के काम आते हैं। ये नौकर्षण संयोजक भाग (towing links) हैं, जिनमें कमानी सदृश, या द्रवचालित, बेलनयुक्त अवयव होते हैं। नौकर्षी बलों को प्रत्यास्थ कमानी के विस्थापन से या उत्पन्न द्रवप्रेरित दाब से मापते है। इन बलमापनों और पोत या यान के वेगमापन का प्रयोग करके शक्ति निर्धारित की जाती है।
बहुतेरे पारेषण डाइनेमोमीटरों का अनिवार्य अवयव एक कमानी है, जिसकी विकृति अप्रत्यक्ष रूप से कमानी से पारित होने वाले बल को मापती है। अनेक प्रकार की कमानियों के आकार में परिवर्तन व्यवहारत: बल के अनुपात में होता है, किंतु इस संबंध को प्रयोगत: ही निर्धारित करना चाहिए।
ट्रेनों (trains) का कर्षण प्रतिरोध मापने के लिये प्रयुक्त, गाड़ी में लगा हुआ डइनेमोमीटर असल में मोरिन उपकरण का ही विकसित स्वरूप है। ट्रेन पर इंजन द्वारा प्रयुक्त कर्षण एक कमानी से पारित होता है। कमानी का विक्षेप, कलपुर्जों की सहायता से - गाड़ी (Car) की धुरी से लगातार चालित ड्रम पर कार्य करते हुए, एक पेंसिल तक पहुँचता है। यह पेंसिल जे वक्र बनाती है वह दूरी के पदों में कर्षणबल निरूपित करती है। दूसरी पेंसिल विद्युतीय विधि से जुड़ी होती है और आरेख पर समयरेखा खींचती है, जिसमें निश्चित समय के बाद ठोकर (kick) होती है। तीसरी पेंसिल प्रेक्षण रेखा का अनुरेखण करती है, जिसमें इच्छानुसार कार (car) के चारो ओर स्थित किसी विद्युतीय दाब को दबाकर ठोकर उत्पन्न कर सकते हैं और चौथी पेंसिल दत्तरेखा (datum line) खींचती है। अन्य रेखाएँ संबद्ध अन्य घटनाओं को निरूपित करती हैं। डाइनेमोमीटरवाली गाड़ी की कमानी प्राय: चपटी पट्टियों से बनी और केंद्र पर पट्टियों में निविष्ट अंतरगुटकों (distance pieces) से और सिरों पर बेलनों से, अंतरित होती है। बेलनों पर वाहित बकसुए (buckle) से अर्गला संबद्ध होती है और कमानी के सिरे निचले ढाँचे से आबद्ध पट्टियों पर विराम करते है। कागज के गोले को प्रवर्तित करनेवाले गियर को एक स्वतंत्र पहिए की धुरी चलाती है, जिसे आवश्यकतानुसार रेल के संपर्क में लाया जा सकता है। यह पहिया यात्रा की हुई दूरी मापने के काम आता है। उपकरण से प्राय: मोरिन चकती ओर बेलन समाकलनी संबद्ध होती है, जिसमें यात्राकाल मेें किया हुआ कार्य पढ़ा जा सके।
पारेषित बलघूर्ण को मापने के लिये अभिकल्पित, कमानीयुक्त डाइनेमोमीटरों की कमानी के अकार में परिवर्तन का निर्धारण करना अधिक जटिल इसलिये है कि कमानी सहित समूचा उपकरण घूर्णन करता है। डब्ल्यू0 ई0 डाल्बी (Dalby) द्वारा प्रयुक्त युक्ति के प्रयोग से, कमानी के आकार में परिवर्तन एक आबद्ध सूचक (fixed indicator) द्वारा प्रदर्शित होता है, जिसे इच्छानुसार स्थिति में रख सकते हैं। दो समान स्प्रॉकेट पहियोें में से कमानी से और दूसरा दंड से अबद्ध किया जाता है। इनके ऊपर ए पट्टा रखा जाता है, जिसके सिे नहीं होते, ताकि यदि कमानी के आकार में परिवर्तन द दंड से घिरनी में पारेषित बलधूर्ण का अनुपाती होता है। इसे नापने के लिये फंदों में निर्देश (guide) घिरनियाँ रखी जाती है, जा ज्यामितीय स्लाइड (slide) से निर्देशित होती हैं। इनमें से एक घिरनी मापनी और दूसरी सूची (index) का वहन करती है।
बल पारेषित करनेवाले यंत्र के हर भाग की प्रत्यास्थ विकृति होती है, जिसे मापकर अप्रत्यक्ष रूप से बल माप सकते हैं। बल और विकृति का संबंध निर्धारित करने के लिये यांत्रिक, प्रकाशीय और टेलिफोनीय युक्तियों का प्रयोग किया गया है। इन मापनों और पदार्थ के यथार्थ प्रत्यास्थ गुणक के उपयोग से, इंजन द्वारा दंड के साथ साथ प्रणोदक को पारेषित, अश्वशक्ति और बड़े समुद्री यंत्रों की यांत्रिक दक्षता का निर्धारण किया गया है। यंत्र के अंशों की प्रत्यास्थ विकृति के प्रेरणों द्वारा पारेषित शक्ति निर्धारित करने की विधि विशेषत: टर्बाइन इंजनों के लिये लाभ प्रद है।
थ्रिंग-हॉपकिन्सन ऐंठन मापी (Thring-Hopkinson Torsion Meter) में, प्रणोदक पर दे निकटस्थ बिंदुओं के बीच ऐंठन प्रेक्षित की जाती है। बेलनाकार स्लीव (sleeve) एक सिरे पर दंड से जकड़ी और दूसरे पर मुक्त होती है, ताकि स्लीव के मुक्त सिरे और दंड के बीच ऐंठन की सापेक्ष गति हो। इस सापेक्ष गति का लाभ उठा कर, एक दर्पण कोणिय विस्थापन दिया जाता है, जो निश्चित स्रोत से आते हुए प्रकाश को निश्चित मापनी पर परावर्तित करता है और हर परिक्रमा में मापनी पर एक बिंब दमकाता है। वेग साधारणा होने पर, रुक-रुककर बनते हुए बिंब आँखों को लगातार दिखायी पड़ते हैं। अत: मापनी पर, स्लीव की लंबाई के बराबर के दंड के सिरों के सापेक्ष ऐंठन का, लगातार संकेत मिलता है। बलघूर्ण की वृद्धि के ऐंठन और दर्पण का कोणीय विस्थापन बढ़ता है और मापनी तात्कालिक ऐंठन के परिमाण का संकेत करती है। ऐंठन से दंड के बलघूर्ण की गणना की जा सकती है।
माउलिन (Moullins) ऐंठन मापी में दंड की निर्धारित लंबाई के सापेक्ष ऐंठन, दंड पर चढ़े हुए और उसके साथ घूर्णन करती हुई कुंडली के स्वप्रेरण (self-induction) को, परिवर्तित करती है। कूचियों (brushes) और सरक वलयों (slip rings) द्वारा कुंडली को प्रत्यावर्ती धारा ही पहुँचाई जाती है। इस धारा का विचरण कुंडली के स्वप्रेरण के विचरण पर निर्भर करता है ओर इस प्रकार धारा का विचरण दंड की ऐंठन से संबंधित है। कुंडली के साथ श्रेणी में स्थापित मापक, बलघूर्ण को सीधे पढ़ने के लिए, अंशांकित होते हैं। फोर्ड ऐंठनमापी में निश्चित लंबाई के दंड की सापेक्ष ऐंठन, दंड पर चढ़े हुए ट्रांसफॉर्मर के वायु अंतर को, परिवर्तित करती है, जिसके परिणामस्वरूप द्वितीयक परिपथ के विद्युद्वाहक बल (e.m.f) की घटबढ़ होती है। यह घटबढ़ दंड की ऐंठन से और अत: दंड के बलघूर्ण से भी, संबंधित है। चालन पट्टी के चालक और ढीले पार्श्व में तनाव के अंतर, के आधार पर पारेषण डाइनेमोमीटर बने हैं।
जब किसी दंड को गियरिंग (gearing) से चलते हैं, तब पहिए के दाँतों के बीच की परिणामी दाब और दंड से आबद्ध पहिए के पिच (pitch) वृत्त के अर्धव्यास का गुणा करके चालक बलघूर्णा मापते हैं।
विद्युत मोटर के आर्मेचर पर कार्य करने वाले बलघूर्ण के साथ समान और विपरित एक बलघूर्ण ढाँचे पर कार्य करता है। अत: यदि मोटर का ढाँचा ऐसे आरोपित है कि वह घूमने को स्वतंत्र है और उसे बलघूर्ण के प्रयोग से घूमने नहीं दिया जाता तो वह प्रयुक्त बलघूर्ण (T) आर्मेचर का बलघूर्ण मापता है। इस स्थिति में मोटर के कार्य को पारेषित करने की दर (T 2p n/550) अश्वशक्ति है, जिसमें (n) आर्मेचर की प्रति सेकंड परिक्रमाओं की संख्या है।
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- Automobile Road Dyno[मृत कड़ियाँ] Measuring horsepower and torque while driving.
- Froude Hofmann - Re: history of hydraulic the dynamometer
- Concept2 for a manufacturer of dynameters designed for measuring leg press, arm pull, and chest press of athletes.
- Dynos Explained Sport Rider Magazine: How chassis dynamometers work with Marc Salvisberg of Factory Pro Dynamometer
- Power Dynamometers Resource for main power dynamometers types explained