डॉली (भेड़)

प्रथम क्लोन स्तनधारी (1996–2003)
(डाॅली भेड़ से अनुप्रेषित)

डॉली (05-07-1996 - 14-02-2003), एक फिन डोर्सेट (Dorsett) भेड़, एक वयस्क अंडे से सफलतापूर्वक प्रतिरूपित की गई पहली स्तनपायी थी, हालांकि प्रतिरूपित किया गया पहला मेरुदण्डीय प्राणी (vertebrate) एक मेंढक था, जिसे 1952 में प्रतिरूपित किया गया था।[2] उसे स्कॉटलैंड स्थित रॉसलीन संस्थान (Roslin Institute) में प्रतिरूपित किया गया और वह छः वर्ष की आयु में हुई अपनी मृत्यु तक वहां रही। 2003-04-09 को उसके भरे हुए अवशेष एडिनबर्ग के शाही संग्रहालय, स्कॉटलैंड के राष्ट्रीय संग्रहालयों का एक भाग, में रखे गए। इसकी प्रतिरूपण योजना को राॅस्लिन संस्थान, जो एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के अंतर्गत है, के शोधकर्ताओं की टीम ने पारित किया था, जिसमें मुख्य भागिदारी ईयन विल्मट और कीथ कैम्पबेल की थी। इसका जन्म जीवविज्ञानजैवयंत्रिकीएवं प्रतिरूपण के क्षेत्र की बहुत बड़ी सफलता के रूप में देखा गया था एवं डाॅली को अत्यंत पत्रकारी तवज्जो भी दी गई थी। इसे कई अवसरों पर "वश्व की सबसे विख्यात भेड़" भी कहा गया है।[3][4][5][6]

डाॅली

डाॅली के भरे हुए अवशेष
अन्य नाम 6LLS (कोड नाम)
प्रजाती धरेलू भेड़, फ़िन-डाॅर्सेट
लिंग मादा
जन्म 5 जुलाई 1996
राॅस्लिन इंस्टिच्यूट, एडिनबर्ग, स्काॅटलैंड
मृत्यु 14 फ़र्वरी 2003 (आयू: 6)
राॅस्लिन इंस्टिच्यूट, एडिनबर्ग, स्काॅटलैंड
वश्राम स्थान स्काॅटलैंड का राष्ट्रीय संग्रहालय (अवशेष प्रदर्शित हैं)[1]
ख्याति का कारण वियस्क कोशिकाओं से प्रतिरूपित प्रथम स्तनपयी
संतान 6 मेमनें
नामित डाॅली पार्टन
 

डॉली सार्वजनिक रूप से महत्वपूर्ण थी क्योंकि इस प्रयास ने यह दिखा दिया कि किसी विशिष्ट वयस्क कोशिका से लिए गए जेनेटिक पदार्थ, जो कि अपने जीन्स के केवल एक विशिष्ट उप-समुच्चय को व्यक्त करने के लिये योजनाबद्ध रूप से विकसित किया गया हो, को एक संपूर्ण प्राणी के रूप में विकसित होने के लिए पुनः योजनाबद्ध किया जा सकता है। इस प्रदर्शन से पहले, व्यापक रूप से प्रचलित इस परिकल्पना के लिये कोई साक्ष्य नहीं था कि पृथक की गई कोई प्राणी-कोशिका एक संपूर्ण नए जीव को जन्म दे सकती है।[7]

डॉली भेड़ के प्रतिरूपण में प्रति निषेचित अण्डे की सफलता दर कम थी; उसका जन्म 29 भ्रूणों के विकास के लिये 237 अण्डों के प्रयोग के बाद हुआ, जिन्होंने केवल तीन मेमनों को जन्म दिया और उनमें से केवल एक जीवित रहा। 9,000 प्रयासों से सत्तर बछड़ों का निर्माण किया गया है और उनमें से एक तिहाई की मौत कम आयु में हो गई; प्रोमिटी (Prometea) के लिए 328 बार प्रयास करने पड़े. विशेष रूप से, हालांकि सबसे पहले प्रतिरूपित जीव मेंढ़क थे, लेकिन अभी तक कोई भी मेंढ़क दैहिक वयस्क नाभिक दाता कोशिका से उत्पन्न नहीं किया गया है।[8]

डाॅली ने अपना पूरा जीवन राॅस्लिन संस्थान में ही व्यतीत किया, जहाँउस्का जन्म हुआ था। इस बीच उसे एक पहाड़ी वेल्श भेड़ के साथ जना गया और इस बीच उसने तीन बार संतानों को जन्म दिया। उसके पहले मेमने का जन्म अप्रैल 1998 में हुआ था, जिसका नाम बाॅनी(Bonnie) रखा गया, इसके पश्चवर्ष उसने जुड़वे, और उसके भी पश्चवर्ष, तिड़वे मेमनों को जन्म दिया था। जुड़वों का नाम, सैल़ी और रोज़ी रखा गया, वहीं तिड़वों को लूसी, डार्सी और काॅटन के नाम से जाना जाता था। 2001 में चार वर्ष की उम्र में डाॅली को आर्थराइटिस हो गई, जिसे बाद में दवाओं द्वारा ठीक कर दिया गया।[9][10]

प्रारंभ में दावे किये गए थे कि डॉली भेड़ में तेज़ी से उम्र बढ़ने जैसे लक्षण थे। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि 2003 में डॉली की मौत रेखीय गुणसूत्रों को समाप्ति से बचाने वाले डीएनए-प्रोटीन समूहों, टेलोमीर (telomeres) की कमी से संबंधित थी। हालांकि ईयन विल्मट (Ian wilmut), जिन्होंने डॉली को सफ़लतापूर्वक प्रतिरूपित करने वाले दल का नेतृत्व किया, सहित अन्य अनुसंधानकर्ताओं का तर्क है कि श्वसन संक्रमण के कारण कम आयु में हुई डॉली की मौत का प्रतिरूपण प्रक्रिया की कमियों से कोई संबंध नहीं था। उसकी बढ़ रही श्वसन संक्रमण, जिसका इलाज करना संभव नहीं था, के कारण उसे मूलत] दे दी गई थी।[11]

विरासत व महत्व

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बाद क्लोनिंग सफलतापूर्वक डॉली के उत्पादन के माध्यम से प्रदर्शन किया गया था, कई अन्य बड़े स्तनधारियों सूअर, हिरण, घोड़े और बैलों सहित क्लोन किया गया। अगली भेड़ (पहाड़ भेड़) क्लोन करने के लिए प्रयास व्यवहार्य भ्रूण उत्पादन नहीं किया था। के रूप में mouflon (जंगली भेड़ का एक रूप) क्लोन करने के लिए प्रयास कर रहे थे एक वाइल्ड बैल क्लोन करने के लिए प्रयास है, और अधिक सफल रहा था, दोनों व्यवहार्य संतानों में जिसके परिणामस्वरूप। reprogramming प्रक्रिया कोशिकाओं की क्लोनिंग के दौरान के माध्यम से जाने की जरूरत है सही नहीं है और परमाणु हस्तांतरण द्वारा उत्पादित भ्रूण अक्सर असामान्य विकास दिखा। क्लोन स्तनधारियों बनाना अत्यधिक अक्षम था - 1996 में डॉली भेड़ के बच्चे ही है कि 277 के प्रयास से वयस्कता के लिए बच गया था। हालांकि 2014 चीनी वैज्ञानिकों 70-80% सफलता दर सूअरों क्लोनिंग और 2016 में, एक कोरियाई कंपनी, Sooam बायोटेक 500 क्लोन भ्रूण एक दिन का उत्पादन किया गया है करने के लिए सूचित किया गया। Wilmut, जो टीम है कि डॉली बनाया नेतृत्व, 2007 को परमाणु तकनीक हस्तांतरण मनुष्यों में उपयोग के लिए पर्याप्त रूप से कुशल कभी नहीं हो सकता है कि घोषणा की। क्लोनिंग लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण में उपयोग करता है हो सकता है और विलुप्त प्रजातियों को पुनर्जीवित करने के लिए एक व्यावहारिक उपकरण बन सकता है। जनवरी 2009 में, खाद्य प्रौद्योगिकी और आरागॉन के अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों से, उत्तरी स्पेन में Pyrenean औबेक्स की क्लोनिंग, जंगली पहाड़ी बकरी का एक रूप है, जो आधिकारिक तौर पर 2000 में विलुप्त घोषित किया गया था हालांकि नवजात औबेक्स जन्म के बाद शीघ्र ही मृत्यु हो गई की घोषणा की अपने फेफड़ों में शारीरिक दोष के कारण, यह पहली बार एक विलुप्त जानवर क्लोन किया गया है, और उन्हें जमे हुए ऊतकों से ज़िंदा से खतरे में है और हाल में विलुप्त प्रजाति को बचाने के लिए दरवाजे खोल सकता है।

प्रतिरूपण के श्रेय पर विवाद

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प्रतियूपण की सफलता के बाद, ईयन विल्मट, जोकी इस पर काम कर रहे वैज्ञानिक दल के नेत्रित्वकर्ता थे, को अत्याध्क ख्यती व पत्रकारी तवज्जो दी गई जिस्के कारण, अन्य वैज्ञानिकों, जिनमें भ्रूण विशेषज्ञ कीथ कैम्पबेल भी शामिल थे, के प्रयासों के क्षती पर उनके को नाम अत्यधिक तवज्जो दी जाने लगी। इस तथ्य के उजागर होने के बाद इस बात ने विवाद उतपन्न कर दिया।[12] हालांकी, बाद में एक साक्षातकार में, उन्होंने डाॅली की रचना का "६६%" श्रेय अपने साथी कीथ कैम्पबेल को दिया है। वैज्ञानिक दल में उनका पद प्रिन्सिपल इन्वस्टिगेटर(प्रमुख शोधकर्ता) का था।[13]

इन्हें भी देखें

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  1. "Towards Dolly Exhibition". मूल से 9 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 August 2015.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 8 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 मार्च 2016.
  3. "Is Dolly old before her time?". बीबीसी न्यूज़. London. 27 May 1999. मूल से 14 जनवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 October 2009.
  4. Lehrman, Sally (July 2008). "No More Cloning Around". Scientific American. मूल से 19 नवंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 September 2008.
  5. McLaren A (2000). "Cloning: pathways to a pluripotent future". Science. 288 (5472): 1775–80. PMID 10877698. डीओआइ:10.1126/science.288.5472.1775.
  6. Wilmut I; Schnieke AE; McWhir J; Kind AJ; एवं अन्य (1997). "Viable offspring derived from fetal and adult mammalian cells". Nature. 385 (6619): 810–3. PMID 9039911. डीओआइ:10.1038/385810a0. बिबकोड:1997Natur.385..810W.
  7. Williams, N. (2003). "Death of Dolly marks cloning milestone". Current Biology. 13 (6): 209–210. PMID 12646139. डीओआइ:10.1016/S0960-9822(03)00148-9.
  8. McKinnell, Robert G.; Di Berardino, Marie A. (November 1999). "The Biology of Cloning: History and Rationale". BioScience. 49 (11): 875–885. JSTOR 1313647. डीओआइ:10.2307/1313647.
  9. Dolly's family. Roslin Institute
  10. Dolly's arthritis. Roslin Institute, Accessed 21 February 2008
  11. Dolly's final illness Archived 2008-02-27 at the वेबैक मशीन Roslin Institute, Accessed 21 February 2008 Cached version Archived 2012-10-30 at the वेबैक मशीन
  12. [1] Archived 2016-03-25 at the वेबैक मशीन; 'द गाऱ्डियन, यंके की खबर
  13. Cramb, Auslan (8 March 2006). "I didn't clone Dolly the sheep says prof". The Telegraph. मूल से 17 अप्रैल 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 April 2009.