तापस २०१ या डीआरडीओ रुस्तम (DRDO Rustom) एक मध्यम ऊंचाई वाला मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहन है जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित किया जा रहा है। यह भारत की तीनों सेनाओं द्वारा प्रयोग किया जायेगा। [3] नवम्बर २०१६ में इसका सफल परीक्षण किया गया। परीक्षण बंगलुरू से करीब 250 किलोमीटर दूर चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में किया गया जो मानवरहित यानों एवं मानवविमानों के परीक्षण के लिए नवविकसित उड़ान परीक्षण स्थल है। तापस 201 का डिजाइन और विकास डीआरडीओ की बंगलुरू की प्रयोगशाला एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट और एचएएल-बीईएल ने मिलकर किया है।[4]

रुस्तम
Rustom
डीआरडीओ रुस्तम का एक मॉडल
प्रकार मानवरहित लड़ाकू हवाई वाहन (यूएवी)
उत्पादक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन
प्रथम उड़ान
  • रुस्तम-1: 11 नवंबर 2009
  • रुस्तम-2: अप्रैल-मई, 2016 (अनुसूची)
स्थिति
  • रुस्तम-1 (प्रोटोटाइप उड़ान परीक्षण)
  • रुस्तम-एच (विकासाधीन)
  • रुस्तम-2 (विकासाधीन)[1][2]
प्राथमिक उपयोक्तागण भारतीय वायु सेना
भारतीय सेना
भारतीय नौसेना

यह 24 घंटे तक उड़ान भर सकता है और देश के सशस्त्र बलों के लिए टोही मिशन का काम कर सकता है। इस मानवरहित यान को अमेरिका के प्रिडेटर ड्रोन की भांति मानवरहित लड़ाकू यान के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है। इसका वजन दो टन है।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "First flight of UAV Rustom-2 scheduled in Feb, 2014". The Economic Times. Feb 22, 2012. मूल से 10 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 March 2012.
  2. "India may soon have its own 'Predator drones'". रीडिफ News. November 15, 2011. मूल से 7 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 March 2012.
  3. "Medium Altitude Long Endurance UAV Rustom" (PDF). मूल (PDF) से 2 जनवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 अक्तूबर 2016.
  4. [hindi.oneindia.com/news/india/drdo-successful-maiden-flight-rustom-ii-uav-karnataka-390339.html स्वदेश में निर्मित लड़ाकू ड्रोन रुस्तम-II का परीक्षण सफल, जानिए इसकी खूबियां]