ढाकेश्वरी मन्दिर ढाका नगर का सबसे महत्वपूर्ण मन्दिर है। इन्हीं ढाकेश्वरी देवी के नाम पर ही ढाका का नामकरण हुआ है। भारत के विभाजन से पहले तक ढाकेश्वरी देवी मन्दिर सम्पूर्ण भारत के शक्तिपूजक समाज के लिए आस्था का बहुत बड़ा केन्द्र था। 12वीं शताब्दी में सेन राजवंश के बल्लाल सेन ने ढाकेश्वरी देवी मन्दिर का निर्माण करवाया था। ढाकेश्वरी पीठ की गिनती शक्तिपीठ में की जाती है क्योंकि यहां पर सती के आभूषण गिरे थे।

ढाकेश्वरी मंदिर
ঢাকেশ্বরী জাতীয় মন্দির
ढाकेश्वरी मंदिर परिसर में शिव मंदिर
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धताहिन्दू धर्म
देवताढाकेश्वरी
अवस्थिति जानकारी
अवस्थितिढाका
ज़िलाढाका
राज्यढाका
देशबांग्लादेश
भौगोलिक निर्देशांक23°43′23″N 90°23′23″E / 23.72306°N 90.38972°E / 23.72306; 90.38972निर्देशांक: 23°43′23″N 90°23′23″E / 23.72306°N 90.38972°E / 23.72306; 90.38972
वास्तु विवरण
प्रकारसेन वंश
निर्माण पूर्ण12वीं सदी
ढाकेश्वरी मंदिर (१९०४ में ; फ्रिज काप ( Fritz Kapp) द्वारा लिया गया फोटो)

ढाका कर्णाट क्षत्रियों की राजधानी रही है, सेन वंश जो कर्णाट क्षत्रिय थे,उनके काल में इस नगर का अभूतपूर्व विकास हुआ.

स्थापत्य

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महात्म्य

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सुरक्षा समस्या

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वर्तमान स्थिति

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बाहरी कड़ियाँ

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