तख़्त श्री पटना साहिब
निर्देशांक: 25°36′28.77″N 85°10′3.06″E / 25.6079917°N 85.1675167°E तख़्त श्री पटना साहिब या श्री हरमंदिर जी, पटना साहिब पटना शहर के पास पटना सिटी में स्थित सिख आस्था से जुड़ा यह एक ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल है। यहाँ सिखों के दसवें गुरु श्री गोबिन्द सिंह का जन्मस्थान है। गुरु गोविन्द सिंह का जन्म 22 दिसम्बर 1666 शनिवार को माता गुजरी के गर्भ से हुआ था। उनका बचपन का नाम गोबिंद राय था। यहाँ महाराजा रंजीत सिंह द्वारा बनवाया गया गुरुद्वारा है जो स्थापत्य कला का सुन्दर नमूना है।[3]
तख्त श्री हरमंदिर जी, पटना साहिब | |
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तख्त श्री हरमंदिर जी, पटना साहिब, [1][2] | |
सामान्य जानकारी | |
स्थापत्य कला | सिख स्थापत्यकला |
कस्बा या शहर | पटना |
देश | भारत |
निर्माण आरंभ | 18 वीं शताब्दी, दुबारा फिर शुरू हुआ 1836 |
पूर्ण | 19 नवम्बर 1954 |
डिजाइन और निर्माण | |
ग्राहक | महाराजा रणजीत सिंह और सिख |
वास्तुकार | सिख वास्तुकला |
जालस्थल | |
takhtsripatnasahib.com |
इतिहास
संपादित करेंयह स्थान सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह के जन्म स्थान तथा गुरु नानक देव के साथ ही गुरु तेग बहादुर सिंह की पवित्र यात्राओं से जुड़ा है। आनंदपुर जाने से पूर्व गुरु गोबिंद सिंह के प्रारंभिक वर्ष यहीं व्यतीत हुये। यह गुरुद्वारा सिखों के पाँच पवित्र तख्त में से एक है।भारत और पाकिस्तान में कई ऐतिहासिक गुरुद्वारे की तरह, इस गुरुद्वारा को महाराजा रणजीत सिंह द्वारा बनाया गया था।
गुरुद्वारा श्री हरिमंदर जी पटना साहिब बिहार के पटना शहर के पास पटना सिटी में स्थित है। श्री गुरु तेग बहादुर सिंह साहिब जी यहां बंगाल व असम की फ़ेरी के दौरान आए। गुरू साहिब यहां सासाराम ओर गया होते हुए आए। गुरू साहिब के साथ माता गुजरी जी ओर मामा किर्पाल दास जी भी थे। अपने परिवार को यहां छोड़ कर गुरू साहिब आगे चले गए। यह जगह श्री सलिसराय जौहरी का घर था। श्री सलिसराय जौहरी श्री गुरू नानक देव जी का भक्त था। श्री गुरु नानक देव जी भी यहां श्री सलिसराय जौहरी के घर आए थे। जब गुरू साहिब यहाँ पहुँचे तो जो डेउहरी लांघ कर अंदर आए वो अब तक मौजूद है। श्री गुरु तेग़ बहादुर सिंह साहिब जी के असम फ़ेरी पर चले जाने के बाद बाल गोबिंद राय जी का जन्म माता गुजरी जी की कोख से हुआ। जब गुरु साहिब को यह खबर मिली तब गुरू साहिब असम में थे। बाल गोबिंद राय जी यहां छ्ह साल की आयु तक रहे। बहुत संगत बाल गोबिंद राय जी के दर्शनॊं के लिए यहां आती थी। माता गुजरी जी का कुआं आज भी यहां मौजूद है।[4]
बौद्धिक संपदा
संपादित करेंगुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर सन् 1666 ई. को पटना, बिहार में हुआ था। इनका मूल नाम 'गोविंद राय' था। गोविंद सिंह को सैन्य जीवन के प्रति लगाव अपने दादा गुरु हरगोविंद सिंह से मिला था और उन्हें महान बौद्धिक संपदा भी उत्तराधिकार में मिली थी। वह बहुभाषाविद थे, जिन्हें फ़ारसी अरबी, संस्कृत और अपनी मातृभाषा पंजाबी का ज्ञान था। उन्होंने सिक्ख क़ानून को सूत्रबद्ध किया, काव्य रचना की और सिक्ख ग्रंथ 'दसम ग्रंथ' (दसवां खंड) लिखकर प्रसिद्धि पाई। उन्होंने देश, धर्म और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सिक्खों को संगठित कर सैनिक परिवेश में ढाला।
दसवें गुरु गोविंद सिंह जी स्वयं एक ऐसे ही महापुरुष थे, जो उस युग की आतंकवादी शक्तियों का नाश करने तथा धर्म एवं न्याय की प्रतिष्ठा के लिए गुरु तेग बहादुर सिंह जी के यहाँ अवतरित हुए। इसी उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा था।
मुझे परमेश्वर ने दुष्टों का नाश करने और धर्म की स्थापना करने के लिए भेजा है।
पर्यटकीय महत्व
संपादित करेंयह स्थान सिख धर्मावलंबियों के लिए बहुत पवित्र है। सिखों के लिए हरमंदिर साहब पाँच प्रमुख तख्तों में से एक है। यह स्थान दुनिया भर में फैले सिख धर्मावलंबियों के लिए बहुत पवित्र है। गुरु नानक देव की वाणी से अतिप्रभावित पटना के श्री सलिसराय जौहरी ने अपने महल को धर्मशाला बनवा दिया। भवन के इस हिस्से को मिलाकर गुरुद्वारे का निर्माण किया गया है। यहाँ गुरु गोविंद सिंह से संबंधित अनेक प्रमाणिक वस्तुएँ रखी हुई है। इसकी बनावट गुंबदनुमा है। बालक गोबिंदराय के बचपन का पंगुरा (पालना), लोहे के चार तीर, तलवार, पादुका तथा 'हुकुमनामा' गुरुद्वारे में सुरक्षित है। प्रकाशोत्सव के अवसर पर पर्यटकों की यहाँ भारी भीड़ उमड़ती है।
इन्हें भी देखें
संपादित करें- गुरुद्वारा हांडी साहिब
- पटना के पर्यटन स्थल
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Harban Singh; Punjabi david stinksUniversity (1998). Encyclopedia of Sikhism. Punjabi University. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 817380530X.
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में बाहरी कड़ी (मदद) - ↑ "The Sikhism Home Page: Introduction to Sikhism". मूल से 30 अगस्त 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 अगस्त 2013.
- ↑ "दर्शनीय स्थलों से संबंधित जानकारी". मूल से 4 नवंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 अगस्त 2013.
- ↑ इतिहासक गुरुद्वारा में गुरुदवारा श्री हरिमंदर जी पटना साहिब, पटना की चर्चा[मृत कड़ियाँ]
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंतखत श्री पटना साहिब से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
- आधिकारिक वेबसाइट :- तख्त श्री पटना साहिब जी
- श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी - ६ गुरुओं, ३० संतों एवं ३ गुरुघर के श्रद्धालुओ की बाणी का संग्रह
- संत सिपाही थे गुरु गोबिन्द सिंह