तत्वसङ्ग्रह आठवीं शताब्दी के भारतीय बौद्ध विद्वान शांतरक्षित द्वारा रचित एक संस्कृत ग्रंथ है। यह ग्रन्थ एक 'सिद्धांतग्रन्थ' (तिब्बती : sgrub-mtha) है। इसमें आठवीं शताब्दी में बौद्ध और गैर-बौद्ध दार्शनिक प्रणालियों का एक विश्वकोशीय सर्वेक्षण है।[1]

शांतरक्षित के शिष्य कमलशील ने इस पर एक टीका लिखी, जिसका नाम तत्वसङ्ग्रहपञ्जिका है।

तत्व-संग्रह में छब्बीस अध्याय और ३००० से अधिक श्लोक हैं। इसके अध्यायों के नाम निम्नलिखित हैं [1]

  1. प्रकृतिपरीक्षा
  2. ईश्वरपरीक्षा
  3. उभयपरीक्षा
  4. स्वाभाविकवादपरीक्षा
  5. शब्दब्रह्मपरीक्षा
  6. पुरुषपरीक्षा
  7. आत्मपरीक्षा
  8. स्थिरभावपरीक्षा
  9. कर्मफलसंबन्धपरीक्षा
  10. द्रव्यपदार्थपरीक्षा
  11. गुणपदार्थपरीक्षा
  12. कर्मपदार्थपरीक्षा
  13. सामान्यपरीक्षा
  14. विशेषपरीक्षा
  15. समवायपदार्थपरीक्षा
  16. शब्दार्थपरीक्षा
  17. प्रत्यक्षलक्षणपरीक्षा
  18. अनुमानपरीक्षा
  19. प्रमाणान्तरपरीक्षा
  20. स्याद्वादपरीक्षा
  21. त्रैकाल्यपरीक्षा
  22. लोकायतपरीक्षा
  23. बहिरर्थपरीक्षा
  24. श्रुतिपरीक्षा
  25. स्वतःप्रामाण्यपरीक्षा
  26. अतीन्द्रियदर्शिपुरुषपरीक्षा
  1. Hayes, Richard (2021), Zalta, Edward N. (संपा॰), "Madhyamaka", The Stanford Encyclopedia of Philosophy (Fall 2021 संस्करण), Metaphysics Research Lab, Stanford University, अभिगमन तिथि 2022-08-26 सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; ":0" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है

बाहरी कड़ियाँ

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