ताज वाले बाबा मजार
ताज वाले बाबा मजार, उत्तर प्रदेश के जनपद प्रतापगढ़ के कुंडा तहसील के हीरागंज गांव में स्थित मुस्लिम एवं हिन्दू समुदाय के लोगो का आस्था का केंद्र हैं। यह प्रतीकात्मक मजार नागपुर के प्रसिद्ध मुस्लिम सूफ़ी संत हज़रत बाबा सैय्यद ताजुद्दीन औलिया (जनवरी २७ , १८६१ – अगस्त १७, १९२५)[1] को समर्पित हैं। बाबा का यह मजार हिन्दु मुस्लिम एकता का प्रतीक है।[2]
इतिहास एवं स्थापना
संपादित करेंप्रतापगढ़ के फतूहाबाद निवासी बाबा जियालाल पाल ने ३० मार्च १९९५ को इस मजार की स्थापना की। मजार की स्थापना में सेठ गिरधारीलाल केसरवानी का भी विशेष योगदान रहा।
विशेष तिथि
संपादित करेंप्रत्येक गुरुवार को यहाँ पर भक्तों की भारी भीड़ जमा होती है। दूर-दूर से लोग अपनी-अपनी फरियादें लेकर बाबा के दरबार में आते हैं। बाबा भी अपने चाहने वालो को कभी निराश नहीं करते है। बाबा के खिदमतगार जियालाल पाल बाबा है।
उर्स
संपादित करेंहर वर्ष ३० मार्च को नागपुर वाले बाबा ताजुद्दीन मुहम्मद बदरुद्दीन का उर्स धूमधाम से मनाया जाता है। बाबा के अकीदतमंत दूरदराज से आकर प्रसाद चढाते है एवं बाबा से मन्नत मांगते है।[3]
बाबा के खिदमतगार बाबा जियालाल पाल के घर फतूहाबाद से बाबा ताज वाले का संदल घोङे बैण्ड बाजे के साथ धूमधाम से बाबा की मजार पर आता है इस दिन उर्स कमेटी एक विशाल लंगर का आयोजन करती है एवं रात मे अकीदतमंतो के मनोरंजन के लिये जवाबी क़व्वाली का भी आयोजन होता है। इसकी जिम्मेदारी उर्स कमेटी के मुकेश केसरवानी एवं लक्ष्मी पाल की होती है।[4]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Kalchuri, Bhau: Meher Prabhu: Lord Meher, Volume One, Manifestation, Inc., 1986, p. 46
- ↑ "ताज बाबा के उर्स में उमड़े अकीदतमंद". दैनिक जागरण. April 1, 2015.
- ↑ "ईमान को ताजा कर गया बाबा का उर्स". दैनिक जागरण. March 31, 2014.
- ↑ "धूमधाम से मनाया ताजवाले बाबा का उर्स". दैनिक जागरण. March 31, 2012.[मृत कड़ियाँ]