तान्गूत (चीनी भाषा: 党项, अंग्रेज़ी: Tangut) एक तिब्बती-बर्मी भाषा बोलने वाला समुदाय था जिसने प्राचीन चीन के पश्चिम में पश्चिमी शिया राज्य स्थापित किया। माना जाता है कि वे १०वीं सदी ईसवी से पहले उत्तर-पश्चिमी चीन में आ बसे थे। माना जाता है कि इनका तिब्बती लोगों से नसल का सम्बन्ध था लेकिन जहाँ ऐसी अन्य जातियाँ तिब्बती समुदाय में घुल गई वहाँ तान्गूत तिब्बत से दूर उत्तर में थे इसलिए इनकी अलग पहचान बनी रही।[1] चीन में तान्गूत लोगों को चिआंग लोगों की एक प्राचीन शाखा समझा जाता है।

चीन के निंगशिया प्रांत से १०वीं या ११वीं सदी में बनी एक तस्वीर जो शायद एक तान्गूत आदमी की है

तान्गूतों ने समय के साथ बौद्ध धर्म अपना लिया और उनके पश्चिमी शिया राज्य का राजकीय धर्म भी यही था। उन्होंने सारे प्रमुख बौद्ध ग्रंथों का अपनी तान्गूत भाषा में अनुवाद कर लिया। तिब्बती भाषा की तरह उन्होंने अपनी भाषा लिखने के लिए एक लिपि विकसित करी लेकिन जहाँ तिब्बती लिपि भारत की लिपि-परम्परा पर आधारित थी वहाँ तान्गूत लिपि चीनी भावचित्रों से आगे विकसित की गई।[1] मंगोलिया में चंगेज़ ख़ान के उभरने के बाद मंगोल साम्राज्य फैला और तान्गूतों का पश्चिमी शिया ध्वस्त हो गया। फिर भी तान्गूतों की भाषा १६वीं सदी ईसवी तक मध्य चीन में बोली जाती रही और बहुत से तान्गूत मंगोलों के साथ कार्यरत हो गए। आज भो मंगोलिया में 'तान्गूद' के पारिवारिक नाम वाले लोग रहते हैं।

इन्हें भी देखें

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  1. Tibet: A History, Sam Van Schaik, Yale University Press, 2011, ISBN 978-0-300-15404-7, ... The Tanguts were a people from the same ethnic background as the Tibetans, but unlike the Azha and the Sumpa, who had been subsumed by the Tibetan empire and by Tibetan culture, the Tanguts lived far enough to the north to have avoided this fate ...