थोड़ी सी बेवफाई
थोड़ी सी बेवफाई 1980 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। इसका लेखन और निर्देशन इस्माईल श्रॉफ ने किया। फिल्म में राजेश खन्ना, शबाना आज़मी और पद्मिनी कोल्हापुरे हैं। संगीत खय्याम द्वारा है।
थोड़ी सी बेवफाई | |
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थोड़ी सी बेवफाई का पोस्टर | |
निर्देशक | इस्माईल श्रॉफ |
लेखक | इस्माईल श्रॉफ |
निर्माता |
नंद मिरानी श्रीचंद असरानी |
अभिनेता |
राजेश खन्ना, शबाना आज़मी |
संगीतकार | खय्याम |
प्रदर्शन तिथि |
1980 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंअरुण (राजेश खन्ना) और नीमा (शबाना आज़मी) एक दूसरे से मिलते हैं और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं। वे दोनों अपने परिवार की अनुमति लेकर शादी कर लेते हैं। जल्द ही उनका एक बेटा होता है, जिसका नाम अभिनंदन रखते हैं। एक दिन अरुण को नीमा का भाई, महेन्द्र किसी लड़की के साथ देख लेता है। वो नीमा को ये बात ऐसे बताता है जैसे अरुण का उस लड़की के साथ चक्कर चल रहा है। नीमा अपना सारा सामान बैग में भरती है और अपने बेटे के साथ अपने मायके चले जाती है। वो इस जानकारी के सही या गलत होने के बारे में पुछती तक नहीं है।
नीमा इस मामले को लेकर अदालत चले जाती है और अपने बच्चे की कस्टडी ले लेती है। इससे अरुण को पूरे सप्ताह भर में बस एक ही दिन मिलने दिया जाना तय होता है। उसे हर रविवार शाम 4 बजे सिर्फ कुछ मिनट के लिए मिलने की अनुमति मिलती है। वो इससे काफी दुःखी रहता है।
कई सालों के बाद अब अभिनंदन काफी बड़ा हो चुका होता है और कॉलेज में पढ़ते रहता है। उसे कॉलेज में एक लड़की से प्यार हो जाता है। वे दोनों एक दिन बाइक पर गाना गाते हुए जाते रहते हैं और एक ट्रक से उसके बाइक की टक्कर हो जाती है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। वहीं अरुण और नीमा की फिर से मुलाक़ात होती है। अभिनंदन का ऑपरेशन सफल रहता है। नीमा अपनी गलती मान लेती है कि उसने शक के कारण बिना सच्चाई जाने ही इतना बड़ा फैसला ले लिया था। अभिनंदन अपने माता-पिता को फिर से एक होने के बारे में पूछता है। इसके बाद सारा परिवार फिर से एक हो जाता है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- राजेश खन्ना — अरुण कुमार चौधरी
- शबाना आज़मी — नीमा चौधरी
- ए के हंगल — अरविंद कुमार चौधरी
- उर्मिला भट्ट — सुजाता चौधरी
- गायत्री — वीना चौधरी
- गौरी खुराना — सीमा चौधरी
- सुशांत रे — अभिनंदन चौधरी
- पद्मिनी कोल्हापुरे — मीनू
- देवेन वर्मा — नूर—ए—चस्मिश
- श्रीराम लागू — सुरेन्द्र देशमुख
- प्रीति गाँगुली — श्रीमती नूर—ए—चस्मिश
- जलाल आग़ा — नरेन्द्र देशमुख
- शशि किरन — महेन्द्र देशमुख
- मुधु चौहान — नरेन्द्र की पत्नी
- माया अलग — डा. करुणा
- मुराद — न्यायाधीश
- लीला मिश्रा —
- दीना पाठक — डा. करुणा की माता
संगीत
संपादित करेंसभी गीत गुलज़ार द्वारा लिखित; सारा संगीत खय्याम द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "आँखों में हमने आपके सपने" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 4:46 |
2. | "हजार राहें मुड़ के देखीं" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 5:19 |
3. | "मौसम मौसम लवली मौसम" | अनवर हुसैन, सुलक्षणा पंडित | 5:38 |
4. | "आज बिछड़े हैं" | भूपेन्द्र सिंह | 6:25 |
5. | "बरसे फुहार, काँच की बूँदें" | आशा भोंसले | 5:09 |
6. | "सुनो ना भाभी" | जगजीत कौर, सुलक्षणा पंडित | 5:46 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंवर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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1981 | किशोर कुमार ("हजार राहें मुड़ के देखीं") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | जीत |
गुलज़ार ("हजार राहें मुड़ के देखीं ") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | जीत | |
नंद मिरानी, श्रीचंद असरानी | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | नामित | |
इस्माईल श्रॉफ | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार | नामित | |
राजेश खन्ना | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
शबाना आज़मी | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
देवेन वर्मा | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
इस्माईल श्रॉफ | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कथा पुरस्कार | नामित | |
खय्याम | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार | नामित |