दिल है तुम्हारा
दिल है तुम्हारा 2002 की हिन्दी रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है। इसे कुंदन शाह द्वारा निर्देशित किया गया है। प्रीति जिंटा, महिमा चौधरी, अर्जुन रामपाल, जिमी शेरगिल और रेखा अभिनीत यह फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर खराब प्रदर्शन किया था। लेकिन नदीम-श्रवण द्वारा रचित साउंडट्रैक बहुत लोकप्रिय रहा था।
दिल है तुम्हारा | |
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दिल है तुम्हारा का पोस्टर | |
निर्देशक | कुंदन शाह |
लेखक | सुबरत सिन्हा (संवाद) |
पटकथा |
कुंदन शाह राजकुमार सन्तोषी |
निर्माता |
कुमार तौरानी रमेश तौरानी |
अभिनेता |
प्रीति जिंटा, महिमा चौधरी, रेखा, अर्जुन रामपाल, जिमी शेरगिल |
संपादक | असीम सिन्हा |
संगीतकार | नदीम-श्रवण |
निर्माण कंपनी |
टिप्स म्युज़िक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
6 सितम्बर, 2002 |
लम्बाई |
185 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंशालू (प्रीति जिंटा) अपनी मां सरिता (रेखा) और बड़ी बहन निम्मी (महिमा चौधरी) के साथ रहने वाली खुशमिजाज युवती है। शालू और निम्मी को पता नहीं है कि वह सौतेली बहनें हैं। शालू सरिता के स्वर्गीय पति शेखर और उस महिला की बेटी है जिनके साथ उनका संबंध था। शेखर शालू की सगी मां के साथ एक कार दुर्घटना में घातक रूप से घायल हो जाते हैं। वह सरिता को शालू को खुद की बच्ची की तरह पालने का आग्रह करते हैं।
यद्यपि सरिता ने शालू को अपनाया, लेकिन वह शालू के छिपे हुए माता-पिता की सच्चाई को नहीं भूल सकी और इसलिए वह अपनी असली बेटी निम्मी को दिए गए प्यार को उसे नहीं देती। दूसरी ओर शालू सरिता से बहुत प्यार करती है। जिसे वह अपनी असली मां मानती है। वह लगातार अपनी मां का स्नेह चाहती है लेकिन उसे वो नहीं मिलता। इसलिये वो बाग़ी भी है। उनकी मां के विपरीत, निम्मी शालू को बहुत प्यार करती है और लगातार उसको बचाती है। हालांकि वह अपनी मां के बारी में गलत नहीं सोचती और न ही कोई पक्ष लेती है।
देव खन्ना नामक एक युवक (अर्जुन रामपाल) बहनों के जीवन में प्रवेश करता है। देव और शालू शुरुआत में साथ नहीं होते लेकिन धीरे-धीरे प्यार में पड़ते हैं। हालांकि निम्मी का मानना है कि देव शालु से नहीं, उसके साथ प्यार करता है। सरिता, जिसे केवल निम्मी के पक्ष के बारे में जानकारी है, निम्मी की ओर से देव के पिता (आलोक नाथ) को विवाह प्रस्ताव प्रदान करती है। श्री खन्ना अचंभित हो जाते है क्योंकि वह देव और शालू के बीच संबंधों के बारे में जानते है। जब सरिता देव और शालू को स्नेही करते हुई देखती है, तो वह इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि शालू ने निम्मी से देव चुरा लिया है। जैसे शालू की मां ने शेखर को उससे दूर चुरा लिया था। सरिता क्रोध में शालू से सम्मुख होती है और निम्मी के सामने उसकी असली विरासत का खुलासा करती है।
शालू अपनी मां और बहन को खुश करने के लिए देव का बलिदान देने का फैसला करती है। जब देव शालू से यह जानता है, तो वह भ्रमित और निराश होता है। लेकिन आखिरकार शालू को खुश करने के लिए निम्मी से शादी करने के लिए सहमत हो जाता है। निम्मी देखती है की शालू के साथ कुछ गड़बड़ है, लेकिन शालू यह कहते हुए सवाल झड़क देती है कि वो अपने बचपन के दोस्त समीर (जिमी शेरगिल) से प्यार करती है। वह सच में वर्षों से उससे प्यार करता है।
सगाई के दिन, सरिता के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी शालू की अवैध विरासत का उपयोग करने की कोशिश करते हैं ताकि निम्मी और देव के विवाह को रोका जा सके। शालू देव के घर जाती है। जहां उसने सार्वजनिक रूप से देव के पूरे परिवार के सामने घोषणा की कि वह विवाह से बाहर पैदा हुई थी। वह कहती है कि सरिता की दयालुता और उदारता का सबूत है कि शालू को उसने अपने परिवार में अपनाया और अगर शादी पूरी तरह से रद्द कर दी गई तो यह एक अन्याय होगा। श्री खन्ना शालू के साहस से प्रभावित होते हैं और वादा करते हैं कि शादी को नहीं रोका जाएगा।
सरिता चुपके से शालू की बात सुन लेती है और यह बात गहराई से उसके दिल पर लगती है। वह शर्मिंदा होती है कि उसने शालू के साथ कैसा व्यवहार किया। वे उसे पहली बार गले लगाती है। सरिता कहती है कि अगर शालू और देव वास्तव में प्यार में हैं तो वह निम्मी को अलग हटने के लिए कहेगी। शालू उन्हें ऐसा करने से रोक देती है और कहती है कि अब जब उसे उसकी मां का प्यार और स्वीकृति मिल गई है, तो उसे कुछ और नहीं चाहिए। निम्मी बहुत खुश हैं कि उनकी मां ने शालू को स्वीकार कर लिया है। लेकिन उसे अभी भी लगता है कि उसकी बहन के साथ कुछ सही नहीं है। वह जल्द ही समीर से पूरी जानकारी पाती है और खुशी से शालू और देव के लिए अपने कदम पीछे उठाती है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- रेखा - सरिता जी
- प्रीति जिंटा - शालू
- महिमा चौधरी - निम्मी
- अर्जुन रामपाल - देव खन्ना
- जिमी शेरगिल - समीर
- आलोक नाथ - श्री खन्ना
- गोविन्द नामदेव - श्री मित्तल
- दिलीप जोशी - कम्पनी का अधिकारी
- विवेक शौक - कम्पनी का अधिकारी
- अंजान श्रीवास्तव - रूपचंद
- सचिन खेडेकर - शेखर
संगीत
संपादित करेंदिल है तुम्हारा | ||||
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एल्बम नदीम श्रवण द्वारा | ||||
जारी | 28 जून 2002 (भारत) | |||
संगीत शैली | फिल्म साउंडट्रैक | |||
लेबल | टिप्स | |||
निर्माता | नदीम-श्रवण | |||
नदीम श्रवण कालक्रम | ||||
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सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत नदीम-श्रवण द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "बेताबी का खामोशी का" | सारिका कपूर | 1:57 |
2. | "चाहे जुबान" | सोनू निगम, अलका याज्ञनिक | 4:38 |
3. | "छाया है जो दिल" | शान, कविता कृष्णमूर्ति | 4:37 |
4. | "दिल है तुम्हारा" | उदित नारायण, अलका याज्ञनिक, कुमार सानु | 6:42 |
5. | "दिल लगा लिया" | अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | 4:32 |
6. | "कभी हँसना है कभी" | तौसीफ अख्तर | 5:17 |
7. | "कसम खाके कहो" | अलका याज्ञनिक, कुमार सानु | 5:54 |
8. | "मोहब्बत दिल का सुकून" | कुमार सानु, उदित नारायण, अलका याज्ञनिक | 5:39 |
9. | "ओ साहिबा ओ साहिबा" | कविता कृष्णमूर्ति, सोनू निगम | 4:53 |
भले ही फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया लेकिन फिर भी साउंडट्रैक सफल रहा। इसके गीत अभी भी पसंद किये जाते हैं। इसकी एल्बम 2002 की छठी सबसे ज्यादा बिकने वाली एल्बम रही थी।[1]
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंप्रीति जिंटा को स्टार स्क्रीन पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिये नामांकन प्राप्त हुआ था।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "BoxOffice India.com". 15 फरवरी 2008. मूल से पुरालेखित 13 सितंबर 2019. अभिगमन तिथि 15 अगस्त 2018.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)