दुधारू पशु
दुधारू पशु (dairy cattle अथवा दुधारू गाय) विशेष रूप से बड़ी मात्रा में दूध उत्पादन के लिए पाली जाती हैं, जिससे डेयरी उत्पाद बनाए जाते हैं। अधिकांश डेयरी फार्मो बोस टौरुस प्रजाति की गायों रखा जाता है।[1][2] भारत की स्वदेशी गायों को बोस इंडिकस कहा जाता है।
गाय की भारतीय नस्लें
संपादित करें- दुधारू नस्ल : साहीवाल, रेड सिंधी, गिर, थारपारकर
- द्विप्रयोजनी नस्ल : काँकरेज, हरियाणा
- भारवाहक नस्ल : मालवी, नागौरी, अमृतमहल, पुंगनूर[2]
प्रबंधन
संपादित करेंडेयरी गायों को या तो झुंडों में या डेयरी फार्मों में पाला जाता है, जहाँ डेयरी किसान उनकी देखभाल करते हैं और उनसे दुध एकत्रित करते हैं। झुंडों का आकार भूमि की उपलब्धता और सामाजिक संरचना पर निर्भर करता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 75,000 डेयरी झुंडों में 90 लाख गायें हैं। औसत झुंड का आकार 120 गायों का है।[3] यूनाइटेड किंगडम में कुल मिलाकर लगभग 15 लाख गायें हैं और औसत फार्म पर लगभग 100 गायें होती हैं। न्यूजीलैंड में औसत झुंड में 375 से अधिक गायें होती हैं। ऑस्ट्रेलिया में औसत झुंड में लगभग 220 गायें होती हैं।
प्रजनन और जीवनचक्र
संपादित करेंदुग्धपायन बनाए रखने के लिए, डेयरी गायों को प्रजनन और बछड़े पैदा करने की आवश्यकता होती है। डेयरी किसान आमतौर पर 13 महीने की उम्र में हीफरों को प्रजनन या कृत्रिम गर्भाधान शुरू करते हैं। गाय का गर्भकाल लगभग नौ महीने (283 दिन) का होता है। [4]
आमतौर पर नवजात बछड़े को प्रसव के तीन दिनों के भीतर माँ से प्राप्त खींस पिलाया जाता है। बछड़े को तीन माह की उम्र में माँ से अलग कर दिए जाते हैं ताकि माँ-बछड़े के बंधन के कारण उत्पन्न होने वाले तनाव को कम किया जा सके।[5][6]
डेयरी गायें आमतौर पर 6 साल की उम्र में डेयरी झुंड से हटा दी जाती हैं और मांस के लिए बाजार में बेची जाती हैं।
दूध उत्पादन
संपादित करेंडेयरी गाय अपने जीवनकाल में बड़ी मात्रा में दूध उत्पादन करती हैं। डेयरी गाय बछड़े के जन्म के 40 से 60 दिनों के बाद सबसे अधिक दुग्धउत्पादन करती है।
सामान्य उत्पादन अवधि:
- 10 महीने तक दूध निकालने के बाद, गायों को 60 दिनों के लिए "सूखा" छोड़ दिया जाता है।
- विभिन्न नस्लें विभिन्न उत्पादन स्तर प्रदान करती हैं, जैसे कि होलस्टीन फ्रेज़ियन नस्ल, जो प्रति वर्ष 10,000 लीटर तक दूध उत्पादन कर सकती है।
कल्याण और व्यवहार
संपादित करेंगायें सामाजिक जानवर होती हैं और आमतौर पर मातृ समूहों में रहती हैं। नवजात बछड़ों को बेहतर सामाजिक संबंधों और विकास के लिए समूहों में रखना अधिक लाभकारी होता है।
मुख्य कारण गायों का वध
संपादित करें- बांझपन : प्रजनन में असफलता और दूध उत्पादन में कमी।
- मास्टिटिस : दुग्ध ग्रंथि संक्रमण।
- लंगड़ापन : पैर की समस्या के कारण।
- उत्पादन : आर्थिक रूप से उच्च स्तरों पर दूध उत्पादन न कर पाना।[7][8]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Mammals of Wisconsin" [विसकन्सिन के मैमल]. मूल से 9 जून 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 मार्च 2012.
- ↑ अ आ "Indigenous Cow Breeds of India : Names and Images of Indigenous Cattle". राजस्थान एक्सप्रेस (अंग्रेज़ी में). 2024-05-27. अभिगमन तिथि 2024-06-22.
- ↑ MacDonald, James M.; O'Donoghue, Erik; McBride, William D.; Nehring, Richard; Sandretto, Carmen; Mosheim, Roberto. "Profits, Costs, and the Changing Structure of Dairy Farming". www.ers.usda.gov (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-08-11.
- ↑ "Artificial Insemination - an overview | ScienceDirect Topics". www.sciencedirect.com. अभिगमन तिथि 22 May 2021.
- ↑ Flower, Frances C; Weary, Daniel M (January 2001). "Effects of early separation on the dairy cow and calf". Applied Animal Behaviour Science. 70 (4): 275–284. PMID 11179551. डीओआइ:10.1016/s0168-1591(00)00164-7.
- ↑ Stěhulová, Ilona; Lidfors, Lena; Špinka, Marek (March 2008). "Response of dairy cows and calves to early separation: Effect of calf age and visual and auditory contact after separation". Applied Animal Behaviour Science. 110 (1–2): 144–165. डीओआइ:10.1016/j.applanim.2007.03.028.
- ↑ PubChem. "Benzene". pubchem.ncbi.nlm.nih.gov (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 22 May 2021.
- ↑ "Dairy cattle", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2024-05-28, अभिगमन तिथि 2024-06-22