दुश्मन (1972 फ़िल्म)
दुश्मन 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन दुलाल गुहा ने और निर्माण प्रेमजी ने किया। यह वीरेन्द्र सिन्हा के एक उपन्यास पर आधारित है। फिल्म में राजेश खन्ना की भूमिका शीर्षक वाली है और इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिये फिल्मफेयर नामांकन मिला, जो फिल्म के लिए एकमात्र नामांकन था। मीना कुमारी, मुमताज़, रहमान, असित सेन और लीला मिश्रा अन्य कलाकार हैं। यह फिल्म साल 1972 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में शामिल थी।
दुश्मन | |
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दुश्मन का पोस्टर | |
निर्देशक | दुलाल गुहा |
लेखक | वीरेन्द्र सिन्हा |
निर्माता | प्रेमजी |
अभिनेता |
राजेश खन्ना, मीना कुमारी, मुमताज़, कुमारी नाज़, असित सेन, कन्हैया लाल, लीला मिश्रा |
संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
वितरक | सुचित्रा प्रोडक्शन्स |
प्रदर्शन तिथि |
1972 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंसुरजीत सिंह (राजेश खन्ना) ट्रक चलाकर आजीविका कमाता है। वह जल्दबाजी में रहता है और अक्सर शराब पीकर गाड़ी चलाता है। एक रात वह वेश्या चमेलीबाई (बिन्दू) के पास रुकता है, उसके साथ रात बिताता है और अगली सुबह देर से उठता है। वह बाहर निकलता है और घने कोहरे में तेज़ गति से ट्रक चलाता है। वह राम दीन नाम के एक किसान की हत्या कर देता है। लेकिन भागने के अवसर के बावजूद, वह परिणामों का सामना करने का फैसला करता है। उसे पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाता है और अदालत में पेश किया जाता है।
सुरजीत न्यायाधीश (रहमान) से अपना अपराध स्वीकार करता है, जो बदले में जानता है कि उसे सुरजीत को दो साल के लिए जेल भेज देना चाहिए। लेकिन राम दीन के परिवार की दुर्दशा देखकर उनकी अंतर्निहित मान्यता निकल आती है कि कारावास पीड़ित या अपराधी दोनों के लिए अच्छा नहीं होता है। न्यायाधीश राम दीन के परिवार के साथ रहने और उनकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए सुरजीत को भेज देते हैं। सुरजीत को पुलिस सुरक्षा के तहत अपने नए "जेल" में पहुँचाया जाता है, जहाँ उसकी मुलाकात शत्रुतापूर्ण ग्रामीणों से होती है। राम दीन का परिवार उसकी उपस्थिति से घृणा करते हैं और उसे "दुश्मन" कहते हैं। सुरजीत पहली रात को भागने का प्रयास करता है, लेकिन पकड़ा जाता है।
वह धीरे-धीरे भाग्य के इस मोड़ को मान लेता है कि राम दीन के परिवार की कभी न माफ करने वाली आँखों के नीचे उसे रहना ही है। समय के साथ, वह ईमानदारी से परिवार और उसके हितों के लिए काम करना शुरू कर देता है। वह फूलमती (मुमताज़) से मिलता है। वे एक-दूसरे को तुरंत पसंद करने लगते हैं। वह पहले के शत्रुतापूर्ण ग्रामीणों के बीच भी मित्र बना पाता है। वह स्थानीय जमींदार के चंगुल से परिवार की जमीन बचाता है और कड़ी मेहनत करता है। कई बाधाओं को पार करते हुए, सुरजीत कमला की शादी उसके बचपन के प्रेमी के साथ करवा पाता है। उदार पुलिस और न्यायाधीश की मदद से, वह जमींदार के परिवार की जमीन को जब्त करने के कई प्रयासों को विफल करने में सफल होता है। वह अन्य ग्रामीणों की भी मदद कर पाता है, जिन्होंने उसी जमींदार के साथ अपनी जमीन गिरवी रखी थी। हालांकि माल्ती (मीना कुमारी), सुरजीत को उसके पति को मारने के लिए माफ नहीं कर पा रही होती है।
सुरजीत को फुलमती के नशे में चूर दादा की आकस्मिक मौत के लिए गिरफ्तार किए जाने पर हालात बदतर हो जाते हैं। इसी समय, जमींदार, सुरजीत और अन्य ग्रामीणों द्वारा उत्पादित फसल को आग लगा देता है और फूलमती का अपहरण कर लेता है। माल्ती, जो जमींदार के यहाँ काम कर रही थी, उसके कुकर्मों की गवाह बन जाती है और आखिरकार उसे अपनी गलती का एहसास होता है। वह फूलमती को बचाने में सक्षम होती है, लेकिन उसे जमींदार पकड़ लेता है। इस बीच, सुरजीत बच निकलता है और फूलमती की मदद से माल्ती को बचा लेता है। जमींदार को पुलिस गिरफ्तार कर लेती है।
राम दीन का परिवार आखिरकार सुरजीत को अपने में से एक के रूप में स्वीकार कर लेता है और फूलमती से उसकी शादी होती है। अंतिम मोड़ में, हालांकि, उसके दो साल का कारावास पूरा जाने पर, पुलिस उसे वापस शहर ले जाने के लिए पहुंचती है। वह जज से विनती करता है कि उसे आजीवन कारावास की सजा दी जाए और जज मुस्करा देता है कि उनका प्रयोग सफल रहा है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- राजेश खन्ना — सुरजीत सिंह / दुश्मन
- मीना कुमारी — माल्ती
- मुमताज़ — फूलमती
- कुमारी नाज़ — कमला
- अभि भट्टाचार्य — पुलिस इंस्पेक्टर
- असित सेन — हवलदार हरिशंकर चौरसिया
- रहमान — जज
- कन्हैया लाल — दुर्गा प्रसाद
- नाना पालसिकर — गंगा दीनदयाल
- लीला मिश्रा — श्रीमती गंगा दीनदयाल
- अनवर हुसैन — लकड़ी व्यापारी
- के एन सिंह — सरकारी वकील सक्सेना
- कुलजीत — कमला का पति
संगीत
संपादित करेंसभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "वादा तेरा वादा" | किशोर कुमार | 4:37 |
2. | "पैइसा फेंको तमाशा" | लता मंगेशकर | 6:20 |
3. | "ओ बलमा सिपाहिया" (I) | लता मंगेशकर | 3:30 |
4. | "मैंने देखा तूने देखा" | लता मंगेशकर, किशोर कुमार | 6:55 |
5. | "ओ बलमा सिपाहिया" (II) | लता मंगेशकर | 3:56 |
6. | "शीर्षक संगीत" (वाद्य रचना) | N/A | 4:35 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंप्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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राजेश खन्ना | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | नामित |