दुश्मन (1998 फ़िल्म)

1998 की तनुजा चन्द्रा की फ़िल्म

दुश्मन 1998 की हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। इसमें काजोल, संजय दत्त और आशुतोष राणा ने अभिनय किया है। यह फ़िल्म तनुजा चन्द्रा द्वारा निर्देशित एवं मुकेश भट्ट और पूजा भट्ट द्वारा निर्मित है।[1]

दुश्मन
निर्देशक तनुजा चन्द्रा
लेखक गिरिश धमिजा (संवाद)
पटकथा महेश भट्ट
कहानी सचिन भौमिक
निर्माता मुकेश भट्ट
पूजा भट्ट
अभिनेता काजोल,
संजय दत्त,
आशुतोष राणा
छायाकार निर्मल जानी
संगीतकार उत्तम सिंह
प्रदर्शन तिथि
29 मई 1998
देश भारत
भाषा हिन्दी

सोनिया और नैना सहगल (काजोल) जुड़वाँ हैं। सोनिया मिलनसार और बहिर्मुखी है जबकि नैना शर्मीली और अंतर्मुखी है। एक समानांतर कहानी में, पुलिस हत्यारे और बलात्कारी, गोकुल पंडित (आशुतोष राणा) की तलाश कर रही है।

सहगल परिवार पर त्रासदी तब आती है जब गोकुल सोनिया के साथ बलात्कार करता है और बेरहमी से उसकी हत्या कर देता है। पुलिस जांच के बाद, गोकुल को पकड़ लिया जाता है। लेकिन वह निर्दोष घोषित हो जाता है क्योंकि मुख्य गवाहों में से एक सुनन्दा (और गोकुल की मंगेतर) ने अदालत में गलत बयान दे दिया। नैना गोकुल को खत्म करने की कसम खाती है। नैना को एहसास होता है कि उसे गोकुल के डर पर काबू पाने के लिए मदद की ज़रूरत है। वह सूरज सिंह राठौड़ (संजय दत्त) से मिलती है, जो उसे गोकुल के डर से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। जब सूरज नैना को प्रशिक्षित करता है, तो उनमें एक-दूसरे के लिए भावनाएँ विकसित होती हैं।

एक दिन - एक बहस के बाद - सूरज ने नैना से मिलने से इंकार कर दिया। अब वह अकेले ही गोकुल के पीछे जाने का फैसला करती है। नैना को डराने के लिए वह नैना की छोटी बहन (दीया) को स्कूल से अपहरण कर लेता है। हालाँकि, नैना अपनी नफरत पर काबू नहीं रख पाती और किसी भी कीमत पर अपनी बहन का बदला लेना चाहती थी। नैना गोकुल के लिए जाल बिछाती है और उसे मारने की कोशिश करती है। लेकिन गोकुल उसे बांध लेता है और उसकी बहन की तरह उसके साथ बलात्कार करने की कोशिश करता है। तब सूरज उसके घर पहुंचता है और गोकुल से लड़ता है। लेकिन अंत में उसे चाकू से मार दिया जाता है। लेकिन नैना गोकुल को घातक रूप से गोली मारने में सफल हो जाती है।

सूरज अपनी चोटों से उबर जाता है और नैना से दूर जाने का फैसला करता है। लेकिन उसे एहसास होता है कि वह उससे प्यार करती है और उसके बिना नहीं रह सकती। फिल्म नैना और सूरज के हवाई अड्डे पर एक साथ मिलने के साथ समाप्त होती है।

मुख्य कलाकार

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सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत उत्तम सिंह द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."प्यार को हो जाने दो"कुमार शानू, लता मंगेशकर5:14
2."आवाज़ दो हमको"लता मंगेशकर, उदित नारायण6:19
3."क्या कोई सूरत इतनी खूबसूरत"कुमार शानू4:39
4."चिट्ठी ना कोई सन्देश" (महिला संस्करण)लता मंगेशकर6:41
5."चिट्ठी ना कोई सन्देश" (पुरुष संस्करण)जगजीत सिंह6:50
6."हिप्पी हिप्पी या"आशा भोंसले, शंकर महादेवन6:15
7."काट दिये नाम सब"शंकर महादेवन4:40
8."चिड़िया चिड़िया उड़ती जाए"कोरस2:52
9."आवाज़ दो हमको" (II)उदित नारायण, लता मंगेशकर2:31

नामांकन और पुरस्कार

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वर्ष नामित कार्य पुरस्कार परिणाम
1999 काजोल फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार नामित
तन्वी आज़मी फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार नामित
आशुतोष राणा फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार जीत
  1. "इस एक्टर ने काजोल को डरा दिया था, 25 साल बाद खुला बड़ा राज". इण्डिया टीवी. 29 मई 2023. अभिगमन तिथि 25 जुलाई 2023.

बाहरी कड़ियाँ

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