[1]दोआब दो नदियों के बीच के क्षेत्र को कहते हैं। यह 'दो' और 'आब' (यानि 'पानी') शब्दों के जोड़ से बना है, जैसे गंगा और यमुना के बीच की भूमि। दुनियाँ में इस प्रकार के अनेक दोआब हैं, जैसे दजला और फरात का दोआब क्षेत्र आदि। पर भारत में दोआब विशेष रूप से गंगा और यमुना के मध्य की भूमि को ही कहते हैं, जो उत्तर प्रदेश में शिवालिक पहाड़ियों से लेकर इलाहाबाद में दोनों नदियों के संगमस्थल तक फैला हुआ है। निम्न दोआब, जो इटावा जिले से लेकर इलाहाबाद तक फैला है, अंतर्वेद कहलाता है दो नदियों के बीच का स्थल भाग होता है

भारत का प्रसिद्ध दोआब : गंगा-यमुना का दोआब
उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप के प्रसिद्ध दोआब

गंगा-यमुना का दोआब

संपादित करें

गंगा यमुना के दोआब के अंतर्गत सहारनपुर, मुजफ्फरनगर शामली,बागपत,मेरठ, बुलन्दशहर, अलीगढ़ जिले संपूर्ण तथा मथुरा, आगरा, एटा, मैनपुरी, जिलों के कुछ भाग एवं इटावा, फर्रुखाबाद, कानपुर, फतेहपुर, इलाहाबाद के अधिकांश भाग आते हैं। इसमें अधिकांश उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी मिलती है। यह क्षेत्र ऊपरी गंगा, निम्न गंगा तथा पूर्वी यमुना नहर के द्वारा सींचा जाता है। गेहूँ उत्पादन में यह उत्तर प्रदेश का प्रमुख क्षेत्र है। केवल नदियों के किनारेवाले भागों में तंग घाटी मिलती है। इसमें कहीं कहीं छोटे मोटे ऊसर तथा ढाक के जंगल भी हैं। इस दोआब में कानपुर, हाथरस, मेरठ, सहारनपुर, इटावा औरैया आदि प्रमुख नगर है, जो व्यापार में काफी उन्नत हैं। रेलों का जाल चारों तरफ फैला हुआ है। यहाँ जनसंख्या काफी घनी है, क्योंकि यहाँ सभी प्रकार की कृषि होती है और यातायात के साधन आदि उत्तम हैं। जलवायु भी उत्तम है।

भारतीय उपमहाद्वीप के अन्य दोआब

संपादित करें

भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी क्षेत्र में बहुत से प्रसिद्ध दोआब हैं:[2]

  • उत्तर भारत में यदि बिना किसी नदी के नाम के साथ केवल दोआब कहा जाए तो यह गंगा और यमुना के बीच के क्षेत्र का नाम है।
  • झेलम नदी और चेनाब नदी के बीच का क्षेत्र जेच दोआब कहलाता है।
  • चेनाब नदी और रावी नदी के बीच का क्षेत्र रेचना दोआब कहलाता है।
  • रावी नदी और ब्यास नदी के बीच का क्षेत्र बारी दोआब कहलाता है।
  • ब्यास नदी और सतलुज नदी के बीच का क्षेत्र बिस्त दोआब कहलाता है।

इन्हें भी देखें

संपादित करें
  1. Raj. गायब अथवा खाली |title= (मदद)
  2. Strategies of British India: Britain, Iran, and Afghanistan, 1798-1850, Malcolm Yapp, Clarendon Press, 1980, ... Between the Indus and the Jhelum was the Sind-Sagar Doab; between the Jhelum and the Chenab was the Jech (Chej) Doab ... the Rechna Doab; between the Ravi and the Beas was the Ban Doab; and between the Beas and the Satlej lay the Bist ...