रावी नदी
निर्देशांक: 30°35′N 71°49′E / 30.583°N 71.817°E
रावी उत्तरी भारत में बहनेवाली एक नदी है। इसका ऋग्वैदिक कालीन नाम परुष्णी है। तथा इसे लहौर नदी भी कहा जाता है। यह अमृतसर और गुरदासपुर की सीमा बनाती है। सिंधु के सहायक पंचनद में सबसे छोटी नदी हैं।[2]
रावी नदी | |
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रावी नदी | |
स्थान | |
देश | भारत, पाकिस्तान |
भौतिक लक्षण | |
नदीशीर्ष | रोहतांग दर्रा (व्यासकुंड) |
• स्थान | बारा-भंगल, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश के पास |
नदीमुख | चिनाब नदी |
• स्थान |
सराय सिद्धू के पास, पंजाब, पाकिस्तान |
लम्बाई | 720 कि॰मी॰ (450 मील) |
जलसम्भर आकार | भारत और पाकिस्तान |
प्रवाह | |
• औसत | 267.5 m3/s (9,450 घन फुट/सेकंड) (near Mukesar[1]) |
• अधिकतम | 11,015.23 m3/s (388,999 घन फुट/सेकंड) (near Baloki) |
जलसम्भर लक्षण | |
नदी तंत्र | सिंधु नदी प्रणाली |
उपनदियाँ | |
• दाएँ | स्यूल |
1960 के सिंधु जल संधि के तहत, रावी और दो अन्य नदियों का पानी भारत को आवंटित किया गया था। इसके बाद, सिंधु बेसिन प्रोजेक्ट पाकिस्तान में विकसित किया गया था, जो रावी को फिर से भरने के लिए सिंधु प्रणाली की पश्चिमी नदियों से पानी स्थानांतरित करता है। कई अंतर-बेसिन जल अंतरण, सिंचाई, जल विद्युत और बहुउद्देशीय परियोजनाओं का निर्माण भारत में किया गया है।
अपवाह तन्त्र
संपादित करेंरावी नदी हिमाचल प्रदेश के कांगडा जिले में रोहतांग दर्रे से निकल कर हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर तथा पंजाब होते हुए पाकिस्तान से बहती हुयी झांग जिले की सीमा पर चिनाव नदी में मिल जाती हैं। जिस पर थीन बांध बना है।
सहायक नदियां
संपादित करेंपाकिस्तान मे सिन्धू नदी से मिलने के बाद अरब सागर में अपना जल गिराती हैं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Gauging Station - Data Summary". ORNL. मूल से 4 अक्टूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 अक्टूबर 2013.
- ↑ "Ravi River". Encyclopædia Britannica. अभिगमन तिथि 11 April 2010.
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