धन-शोधन (मनी लॉन्डरिंग)

अपराध और भ्रष्टाचार के मुनाफे को प्रत्यक्ष रूप से वैध संपत्ति में बदलने की प्रक्रिया
(धन शोधन से अनुप्रेषित)

धन-शोधन (मनी लॉन्डरिंग) या आसान शब्दों में काले धन को वैध बनाना, अवैध रूप से प्राप्त धन के स्रोतों को छिपाने की कला है। अंततः यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा आपराधिक आय को वैध बनाकर दिखाया जाता है। इसमें शामिल धन को नशीली दवाओं की सौदेबाजी, भ्रष्टाचार, लेखांकन और अन्य प्रकार की धोखाधड़ी और कर चोरी सहित अनेक प्रकार की आपराधिक गतिविधियों के जरिये प्राप्त किया जा सकता है।[1] काले धन को वैध बनाने के अलग-अलग तरीके हो सकते हैं और इसका विस्तार सरल से लेकर जटिल आधुनिकतम तकनीकों के रूप में हो सकता है।

कई विनियामक और सरकारी प्राधिकरण दुनिया भर में या अपनी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के भीतर वैध बनाए गए काले धन की मात्रा के लिए हर साल अनुमान जारी करते हैं। 1996 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान लगाया था कि दुनिया भर में वैश्विक अर्थव्यवस्था के दो से पाँच प्रतिशत हिस्से में काले धन को वैध बनाने का मामला शामिल था। हालांकि, काले धन को वैध बनाने की प्रक्रिया का मुकाबला करने के लिए एक अंतःसरकारी निकाय, एफएटीएफ का गठन किया गया था जिसने यह स्वीकार किया कि "कुल मिलाकर वैध बनाए गए काले धन की मात्रा का एक विश्वसनीय अनुमान प्रस्तुत करना पूरी तरह से असंभव है और इसलिए एफएटीएफ द्वारा इस संदर्भ में कोई आंकड़ा प्रकाशित नहीं किया जाता है।[1] इसी प्रकार शैक्षिक टिप्पणीकार भी स्वीकृति के किसी भी स्तर तक इस धन की मात्रा का अनुमान लगाने में असमर्थ रहे हैं।[2]

मापन में कठिनाई के बावजूद हर साल वैध बनाए जाने वाले काले धन की राशि अरबों में है और यह सरकारों के लिए एक महत्वपूर्ण नीति संबंधी चिंता का विषय बन गया है।[2] इसके परिणाम स्वरूप सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय निकायों द्वारा काले धन को वैध बनाने वालों को डराने, रोकने और पकड़ने के प्रयास किए गए हैं। इसी तरह वित्तीय संस्थानों द्वारा सरकार की आवश्यकताओं के परिणाम स्वरूप और इसमें शामिल प्रतिष्ठा संबंधी जोखिम से बचने दोनों के लिए काले धन से संबंधित लेनदेन का पता लगाने और इन्हें रोकने के लिए प्रयास किए गए हैं।

पद्धतियां

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काले धन को वैध बनाने की प्रक्रिया अक्सर तीन चरणों में पूरी होती है: पहला, कुछ माध्यमों से वित्तीय प्रणाली में नगदी को डाला जाता है ("प्लेसमेंट"), दूसरे चरण में अवैध स्रोत के छलावरण के क्रम में जटिल वित्तीय लेनदेनों को निष्पादित करना ("लेयरिंग") शामिल है और अंतिम चरण अवैध राशियों के लेनदेनों से उत्पन्न धन को प्राप्त करना अपरिहार्य बना देता ("इंटीग्रेशन") है। इनमें से कुछ चरणों को परिस्थितियों के आधार पर छोड़ा जा सकता है; उदाहरण के लिए, वित्तीय प्रणाली में पहले से मौजूद गैर-नकदी आय के प्लेसमेंट की कोई आवश्यकता नहीं होगी। [2]

काले धन को वैध बनाने की प्रक्रिया कई अलग-अलग रूपों में संपन्न होती है हालांकि अधिकांश तरीकों को इनमें से कुछ प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। इनमें "बैंक की विधियां, स्मर्फिंग [जिसे स्ट्रक्चरिंग के रूप में भी जाना जाता है], मुद्रा विनिमय और दोहरा-चालान बनाना" शामिल हैं।[3]

  • स्ट्रक्चरिंग: इसे अक्सर "स्मर्फिंग" के रूप में जाना जाता है, यह प्लेसमेंट की एक विधि है जिसके द्वारा नगदी को छोटी-छोटी जमा राशियों में बाँट दिया जाता है, इस विधि का प्रयोग काले धन को वैध बनाए जाने के संदेह को मात देने और काले धन को वैध बनाने के खिलाफ सूचना की आवश्यकताओं से बचने के लिए किया जाता है। इसका एक उप-घटक है नगदी की छोटी-छोटी राशियों का प्रयोग धारक के लेखपत्रों, जैसे कि मनी ऑर्डर को खरीदने में करना और उसके बाद अंततः उन्हें फिर से छोटी-छोटी राशियों में जमा करना। [4]
  • भारी मात्रा में नगदी की तस्करी: किसी अन्य अधिकार क्षेत्र में नगदी की प्रत्यक्ष रूप से तस्करी जहां इसे एक वित्तीय संस्थान में जमा कर दिया जाएगा, जैसे कि एक ऑफशोर बैंक जहां बैंक में काफी गोपनीयता बरती जाती है या काले धन को वैध बनाने की प्रक्रिया कम जटिल होती है।[5]
  • नकदी पर जोर देनेवाले व्यवसाय: एक ऐसा व्यवसाय जो आम तौर पर नकदी जमा प्राप्त प्राप्त करता है वह अपने खातों का इस्तेमाल वैध और आपराधिक दोनों तरह से उत्पन्न नगदी के संपूर्ण हिस्से को अपनी वैध आय बताकर जमा करने में करेगा। अक्सर, व्यापार की कोई वैध गतिविधि नहीं होगी। [6]
  • व्यापार आधारित लॉन्डरिंग: धन के आवागमन को छिपाने के लिए चालानों को कम या अधिक करके तैयार करना। [7]
  • मोहरा कंपनियां और न्यास: न्यास और मोहरा कंपनियां धन के असली मालिक को छिपा देती हैं। न्यास और कॉरपोरेट साधनों को अपने अधिकार क्षेत्र के आधार पर अपने असली हितकारी, मालिक के बारे में खुलासा करने की जरूरत नहीं होती है।[6]
  • बैंक पर कब्जा: काले धन को वैध बनाने वाले व्यक्ति या अपराधी ख़ास तौर पर एक ऐसे अधिकार क्षेत्र में जहां काले धन को वैध बनाने वालों पर नियंत्रण की प्रणाली कमजोर होती है, ये किसी बैंक में एक नियंत्रक हित खरीद लेते हैं और उसके बाद बैंक के माध्यम से जांच के बिना धन का आदान-प्रदान करते हैं।
  • कसीनो: कोई व्यक्ति नगदी के साथ एक कैसीनो या एक घुड़दौड़ ट्रैक में प्रवेश करेगा और चिप्स खरीदेगा, कुछ देर के लिए खेलेगा और उसके बाद अपने चिप्स को नगदी में बदल लेगा जिसके लिए उसे एक चेक जारी किया जाएगा. उसके बाद काले धन को वैध बनाने वाला व्यक्ति चेक को उसके बैंक में जमा करने में सक्षम होगा और इसके जुए में जीती गयी राशि होने का दावा करेगा। [5] अगर कैसीनो संगठित अपराध के नियंत्रण में है और काले धन को अवैध बनाने वाला व्यक्ति उनके लिए काम करता है तो वह व्यक्ति अवैध रूप से प्राप्त राशि को कसीने में किसी उद्देश्य के लिए छोड़ देगा और आपराधिक संगठन द्वारा उसका भुगतान अन्य निधि के जरिये किया जाएगा.
  • अचल संपत्ति: रियल एस्टेट (अचल संपत्ति) को अवैध आय के जरिये खरीदा और बेचा जा सकता है। बिक्री से प्राप्त आय बाहरी लोगों के सामने वैध आय प्रतीत होता है। वैकल्पिक रूप से, संपत्ति के मूल्य में हेरफेर की जाती है; विक्रेता एक ऐसे अनुबंध पर सहमत होगा जिसमें संपत्ति के मूल्य को कम करके आंका जाता है और इस अंतर को पाटने के लिए वह आपराधिक आय प्राप्त करेगा। [6]
  • आतंकवादी वित्तपोषण: तकनीकी रूप से यह काले धन को वैध बनाने की प्रक्रिया बिलकुल भी नहीं है; जबकि काले धन को वैध बनाने में आम तौर पर धन के स्रोत को छिपाना शामिल होता है जो अवैध है, आतंकवादी वित्तपोषण संबंधी मामलों में स्वयं धन के गंतव्य को छिपाया जाता है जो कि अवैध है।[8]
  • काला वेतन: कंपनियों के पास ऐसे अपंजीकृत कर्मचारी हो सकते हैं जिनके पास कोई लिखित अनुबंध नहीं होता है और जिन्हें नगद वेतन दिया जाता है। उन्हें भुगतान करने के लिए काली नकदी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

क्षेत्र के अनुसार कानून

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कई अधिकार-क्षेत्रों में काले धन को वैध बनाने के मुकदमों के लिए "सेल्फ-लॉन्डरर" के रूप में विशिष्ट विधेयी अपराधों की एक सूची अपनाई जाती है।

अफ़गानिस्तान अफगानिस्तान के वित्तीय लेनदेन और रिपोर्ट विश्लेषण केंद्र (फिनट्राका (FinTRACA)) की स्थापना एक वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) के रूप में 2004 के उत्तरार्द्ध में अदालती आदेश से पारित एंटी मनी लॉन्ड्रिंग एंड प्रोसीड्स ऑफ क्राइम लॉ के तहत की गयी थी। इस कानून का मुख्य उद्देश्य अफगानी वित्तीय प्रणाली की अखंडता की रक्षा करना और अंतरराष्ट्रीय संधियों तथा समझौतों का अनुकूलता प्राप्त करना है। वित्तीय खुफिया इकाई एक अर्द्ध- स्वायत्त निकाय है जो प्रशासकीय रूप से सेंट्रल बैंक ऑफ अफगानिस्तान (दा अफगानिस्तान बैंक) के भीतर स्थित है। फिनट्राका (FinTRACA) का मुख्य उद्देश्य अफगान वित्तीय प्रणाली के इस्तेमाल को उन लोगों की पहुंच से वंचित रखना है जो अवैध गतिविधि के परिणाम स्वरूप धन प्राप्त करते हैं और जो इसका उपयोग आतंकवादी गतिविधियों को सहयोग देने में करते हैं। https://web.archive.org/web/20110530032442/http://www.fintraca.gov.af/ अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए फिनट्राका (FinTRACA) विभिन्न प्रकार के स्रोतों से जानकारी इकट्ठा कर इनका विश्लेषण करती है। इन स्रोतों में कानूनी दायित्वों वाली संस्थाएं शामिल हैं जो किसी संदिग्ध गतिविधि का पता चलने पर फिनट्राका (FinTRACA) को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करती है, साथ ही यह विनियमन द्वारा निर्धारित एक सीमांकित राशि से अधिक के नकद लेनदेन की रिपोर्ट भी देती है। इसके अलावा, फिनट्राका (FinTRACA) की पहुंच अफगानी सरकार की सभी संबंधित सूचनाओं और डेटाबेस तक है। जब इस जानकारी का विश्लेषण वित्तीय प्रणाली के अवैध उपयोग के अनुमान का समर्थन करता है, फिनट्राका (FinTRACA) कानून प्रवर्तन के साथ मिलकर गैरकानूनी गतिविधि की जांच करने और मुकदमा चलाने का काम करती है। इसके अलावा फिनट्राका (FinTRACA) अपने स्वयं के विश्लेषण और जांच के समर्थन में और कानून द्वारा दी गयी अनुमति की हद तक अपने विदेशी समकक्षों के विश्लेषण और जांच का समर्थन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग करती है। अन्य कार्यों में उन संस्थाओं को प्रशिक्षण देना शामिल है जिन पर जानकारी की सूचना देने, राष्ट्रीय-स्तर के एएमएल उद्देश्यों के समर्थन के लिए कानूनों और विनियमों के विकास तथा एएमएल टाइपोलॉजी एवं प्रत्युपायों के विकास में अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सहयोग का कानूनी दायित्व है।

बांग्लादेश

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बांग्लादेश में इस मुद्दे को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (2002 की अधिनियम सं VII) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। धारा 2 के संदर्भ में "मनी लॉन्ड्रिंग का अर्थ है (क) अवैध साधनों के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अर्जित या अधिगृहित की गयी संपत्ति; (ख) अवैध हस्तांतरण, रूपांतरण, उपरोक्त अधिनियम में कानूनी अथवा गैरकानूनी साधनों के माध्यम से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अधिगृहित या आर्जित की गयी संपत्ति के स्थान या सहयोग को छिपाना." इस अधिनियम में, "संपत्तियों का अर्थ किसी भी प्रकृति और विवरण की चल या अचल संपत्ति है". धन के इन अवैध इस्तेमालों को रोकने के लिए बांग्लादेश सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोध अधिनियम पेश किया है। इस अधिनियम को वर्ष 2009 में आख़िरी बार संशोधित किया गया था और सभी वित्तीय संस्थान इस अधिनियम का अनुसरण करते हैं। इस अधिनियम के तहत बांग्लादेश बैंक द्वारा आज तक 26 परिपत्र जारी किए गए हैं। काले धन को वैध बनाने से रोकने के लिए एक बैंकर को निम्नलिखित उपाय अवश्य करना चाहिए:

  • एक नया खाता खोलते समय खाता खोलने के प्रपत्र को ग्राहक की सभी जानकारियों के साथ विधिवत भरा जाना चाहिए।
  • केवाईसी ठीक से भरा होना चाहिए।
  • ग्राहक द्वारा अपने लेनदेन को समझाने के लिए टी.पी. (लेनदेन का प्रोफाइल) अनिवार्य है। यदि आवश्यक हो, टी.पी. को ग्राहक की सहमति पर अद्यतन किया जाना चाहिए।
  • मतदाता पहचान पत्र के साथ-साथ अन्य सभी आवश्यक कागजातों को ठीक से जमा किया जाना चाहिए।
  • अगर किसी भी संदिग्ध लेनदेन की सूचना मिलती है तो बीएएमएलसीओ (BAMLCO) (ब्रिटिश एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कंप्लायंस ऑफिसर) को सूचित किया जाना चाहिए और तदनुसार एसटीआर (STR) (संदेहास्पद लेनदेन रिपोर्ट) की रिपोर्टिंग की जानी चाहिए।
  • नकदी विभाग को लेनदेन के बारे में पता होना चाहिए। अगर किसी खाते में अचानक एक बड़ी मात्रा में धनराशि जमा की जाती है तो इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। यदि कोई ग्राहक इस प्रकार का लेनदेन करता है तो इसके लिए उचित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
  • स्ट्रक्चरिंग, अधिक/कम राशि का चालान बनाना काले धन को वैध बनाने का एक अन्य तरीका है। विदेशी विनिमय विभाग द्वारा इस मामले को सावधानी पूर्वक देखा जाना चाहिए।
  • अगर किसी भी खाते में एक ही दिन में 7.00 लाख से अधिक का लेनदेन किया जाता है तो इसके बारे में सीटीआर (नकद लेनदेन रिपोर्ट) के रूप में सूचित किया जाना चाहिए।
  • सभी बैंक अधिकारियों को सभी 26 परिपत्रों को अवश्य पढ़ लेना चाहिए और बैंकिंग की प्रक्रिया में इनका इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए।

यूरोपीय संघ

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यूरोपीय संघ (ईयू) निर्देश 2005/60/EC[9] जो काले धन को वैध बनाने और आतंकवादी वित्तपोषण के लिए वितीय प्रणाली के इस्तेमाल को रोकने के लिए बनाया गया है, यह बैंकों, रियल एस्टेट एजेंटों और कई अन्य कंपनियों के लिए 15000 यूरो (€) से अधिक की नकदी के उपयोग की जांच और रिपोर्ट को अनिवार्य कर इस तरह के अपराधों को रोकने की कोशिश करता है।

मनी-लॉन्ड्रिंग निरोध अधिनियम, 2002 1 जुलाई 2005 को प्रभाव में आया था।

धारा 12 (1) बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और बिचौलियों पर निम्नांकित दायित्व निर्धारित करता है (क) निर्देशित किये जाने वाले लेनदेनों की प्रकृति और मूल्य का विवरण देने वाले रिकॉर्डों को कायम रखना, चाहे इस तरह के लेनदेनों में एक एकल लेनदेन या एकीकृत रूप से एक दूसरे से जुड़े हुए लेनदेनों की एक श्रृंखला शामिल हो और जहां लेनदेनों की ऐसी श्रृंखला एक महीने के भीतर देखी गयी हो; (ख) खंड (क) में संदर्भित लेनदेनों की जानकारी और अपने सभी ग्राहकों की पहचान के रिकॉर्ड्स निर्धारित की जाने वाली अवधि के भीतर निदेशक के समक्ष प्रस्तुत करना। धारा 12 (2) में यह प्रावधान है कि उपरोक्त उल्लिखित उप-खंड (1) में संदर्भित रिकॉर्डों को लेनदेन पूरा होने के बाद दस साल तक बनाए रखा जाना चाहिए।

अधिनियम के प्रावधानों की अक्सर समीक्षा की जाती है और समय-समय पर विभिन्न संशोधन पारित किये गए हैं।

भारत में काले धन को वैध बनाने की हाल की गतिविधियां राजनीतिक दलों, कॉरपोरेट कंपनियों और शेयर बाजार के माध्यम से हुई हैं।

युनाइटेड किंगडम

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ब्रिटेन में काले धन को वैध बनाने और आतंकवादी वित्तपोषण के क़ानून का नियंत्रण प्राथमिक विधान के चार अधिनियमों द्वारा नियंत्रित होता है:-

  • आतंकवाद अधिनियम 2000[10]
  • आतंकवाद-विरोधी, अपराध और सुरक्षा अधिनियम 2001[11]
  • आपराधिक आय अधिनियम 2002[12]
  • गंभीर संगठित अपराध तथा पुलिस अधिनियम 2005[13]

आपराधिक आय अधिनियम 2002 में प्राथमिक ब्रिटेन मनी लॉन्डरिंग-विरोधी कानून[14] के साथ-साथ "विनियमित क्षेत्र" (बैंकिंग, निवेश, धन प्रेषण, कुछ ख़ास व्यवसाय आदि) के भीतर कारोबार के लिए आवश्यक प्रावधान शामिल हैं जिनके जरिये ग्राहकों या अन्य व्यक्तियों द्वारा काले धन को वैध बनाने के संदेह की सूचना अधिकारियों को दी जाती है।[15]

ब्रिटेन में काले धन को वैध बनाने की प्रक्रिया को व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है।[16] वास्तव में किसी भी अपराध की किसी भी आय (या अपराध की आय का प्रतिनिधित्व करने वाली धनराशि या संपत्तियां) का संचालन या भागीदारी एक काले धन को वैध बनाने का अपराध हो सकता है। किसी अपराधी द्वारा अपने स्वयं के अपराध की आय का स्वामित्व ब्रिटेन में काले धन को वैध बनाने की परिभाषा के दायरे में आता है।[17] यह परिभाषा उन गतिविधियों को भी शामिल करती है जो एक प्रक्रिया के रूप में काले धन को वैध बनाने की परंपरागत परिभाषा के भीतर आती है जिसके द्वारा अपराध की आय को इस प्रकार गुप्त रखा या छिपा दिया जाता है जिससे कि यह एक वैध स्रोत से आयी हुई प्रतीत होती है।[18]

कुछ अन्य अधिकार क्षेत्रों (विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के अधिकांश हिस्से) के विपरीत, ब्रिटेन में काले धन को वैध बनाने वाले अपराध गंभीर अपराधों की आय तक ही सीमित नहीं हैं, न ही वहां कोई मौद्रिक सीमा है, न ही काले धन को वैध बनाने के किसी अपराध की मात्रा के लिए किसी कार्रवाई का उद्देश्य या कोई मनी लॉन्डरिंग डिजाइन बनाने की कोई आवश्यकता है। ब्रिटेन के कानून के तहत काले धन को वैध बनाने वाले किसी अपराध में धनराशि का शामिल होना जरूरी नहीं है क्योंकि मनी लॉन्डरिंग के क़ानून में किसी भी प्रकार के विवरण की संपत्ति शामिल है। इसके परिणाम स्वरुप कोई भी व्यक्ति जो ब्रिटेन में एक अर्जनशील अपराध (अर्थात् एक ऐसा अपराध जिसमें से उसे किसी भी विवरण की एक परिसंपत्ति या धनराशि के रूप में कुछ लाभ प्राप्त प्राप्त होता है) करता है वह ब्रिटेन के कानून के तहत अनिवार्य रूप से एक काले धन को वैध बनाने का अपराध भी करता है।

यह एक ऐसे व्यक्ति पर भी लागू होता है जो आपराधिक आचरण द्वारा किसी दायित्व से बच निकलता है (जैसे कि एक कराधान का दायित्व) -- जिसे वकीलों द्वारा "एक आर्थिक लाभ प्राप्त करना" कहा जाता है -- क्योंकि ऐसा समझा जाता है कि इस प्रकार वह जिस दायित्व से बच कर निकल गया है उसके बराबर मूल्य की धनराशि उसे प्राप्त हो जाती है।[16]

काले धन को वैध बनाने वाले प्रमुख अपराधों में अधिकतम 14 साल के कारावास की सजा दी जाती है।[19]

माध्यमिक विनियमन का प्रावधान मनी लॉन्ड्रिंग विनियम 2003[20] और 2007 द्वारा किया गया है।[21] यह सीधे तौर पर यूरोपीय संघ के विनिर्देशों 91/308/EEC, 2001/97/EC और 2005/60/EC पर आधारित हैं।

इस अधिनियम का एक परिणाम यह है कि वकील, लेखाकार और दिवालियापन के व्यवसाय में लगे हुए व्यक्ति जो यह संदेह (अपने कार्य के दौरान प्राप्त जानकारी के परिणाम स्वरुप) व्यक्त करते हैं कि उनके ग्राहक (या अन्य व्यक्ति) कर चोरी या अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं जिसके जरिये उन्होंने कोई लाभ प्राप्त किया है, अब उन्हें अपने संदेह की सूचना अधिकारियों को देनी पड़ती है (क्योंकि इनमें काले धन को वैध बनाने के संदेह शामिल होते हैं). अधिकांश परिस्थितियों में यह किसी सूचनादाता द्वारा अपनी सूचना के विषय की जानकारी देने के लिए कि इसकी एक सूचना तैयार कर ली गयी है, यह एक अपराध की 'गुप्त सूचना' होगी। [22] हालांकि इन प्रावधानों के लिए विशेषाधिकृत परिस्थितियों में या जहां सूचना कानूनी पेशेवराना विशेषाधिकार के अधीन है, कुछ पेशेवरों द्वारा प्राप्त जानकारी का खुलासा अधिकारियों के सामने करना आवश्यक नहीं है।

उद्योग समूहों के साथ-साथ संयुक्त मनी लॉन्ड्रिंग संचालन समूह[23] और लॉ सोसायटी द्वारा व्यावसायिक मार्गदर्शन (जिसे ब्रिटेन के खजांची को प्रस्तुत किया और उनके द्वारा अनुमोदित किया जाता है) प्रदान किये जाते हैं।[24]

हालांकि बैंकिंग संस्थाओं पर एक निर्धारित मूल्य से अधिक मौद्रिक जमा या स्थानान्तरण की नियमित सूचना देने का कोई दायित्व नहीं है। इसकी बजाय सभी संदिग्ध जमा या स्थानांतरणों की सूचना दी जानी चाहिए भले ही उनका मूल्य कुछ भी हो।

सूचना के दायित्वों में अन्य देशों में किये गए उन आचरण से संबंधित लाभों के संदेहों की सूचना देना शामिल है जो ब्रिटेन में किये जाने की स्थिति में आपराधिक होगा। [25] बाद में कुछ ख़ास गतिविधियों को छोड़ देने के लिए उन अपवादों को जोड़ा गया जो उस स्थान पर वैध थे जहां ये गतिविधियां हुई थीं, जैसे कि स्पेन में सांडों की लड़ाई.[26]

ब्रिटेन में सालाना तौर पर अधिकारियों को प्रस्तुत की जाने वाली काले धन को वैध बनाने के संदेह की सूचनाएं 200,000 से अधिक हैं (30 सितंबर 2010 को समाप्त हुए वर्ष में 240,582 सूचनाएं प्राप्त हुई थीं -- जो पिछले वर्ष[27] प्रस्तुत की गयी 228,834 सूचनाओं में बढ़त को दर्शाती है). इनमें से अधिकांश सूचनाएं बैंकों और इसी तरह की वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत की जाती हैं (30 सितम्बर 2010 को समाप्त हुए वर्ष में बैंकिंग क्षेत्र से 186,897 सूचनाएं प्राप्त हुई थीं[28]).

हालांकि 30 सितम्बर 2010 को समाप्त हुए वर्ष में 5,108 विभिन्न संगठनों ने अधिकारियों के समक्ष संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट पेश की थी जबकि सभी सूचनाओं का लगभग आधा हिस्सा सिर्फ चार संगठनों द्वारा प्रस्तुत किया गया था और सभी सूचनाओं में तीन-चौथाई की भागीदारी शीर्ष 20 रिपोर्टिंग संगठनों की थी।[29]

किसी अन्य व्यक्ति द्वारा काले धन को वैध बनाने के संदेह की सूचना देने में नाकाम रहने के अपराध के लिए अधिकतम 5 वर्ष के कारावास का प्रावधान है।[19]

ब्यूरो डी चेंज

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ब्रिटेन में सभी ब्यूरो डी चेंज महारानी साहिबा के राजस्व और सीमा शुल्क विभाग के साथ पंजीकृत हैं जो प्रत्येक स्थान के लिए एक व्यापारिक लाइसेंस जारी करता है। ब्यूरो डी चेंज और धन परिवर्तक जैसे कि ब्रिटेन में वेस्टर्न यूनियन के आउटलेट्स "विनियमित क्षेत्र" के भीतर आते हैं और इन्हें मनी लॉन्ड्रिंग रेगुलेशन 2007 का अनुपालन करना आवश्यक होता है।[21] सभी धन सेवा व्यवसायों पर एचएमआरसी द्वारा जांच किया जा सकता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका

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संयुक्त राज्य अमेरिका में काले धन को वैध बनाने को रोकने के दृष्टिकोण को उपयोगिता के अनुसार दो क्षेत्रों में बांट दिया गया है: निरोधक (नियामक) उपाय और आपराधिक उपाय.

पहले चरण में अमेरिकी वित्तीय प्रणाली में काले धन को प्रवेश करने से रोकने के प्रयास में संयुक्त राज्य कांग्रेस ने कानूनों की एक श्रृंखला पारित की है जिसकी शुरुआत 1990 में हुई थी जिसे संयुक्त रूप से बैंक सीक्रेसी एक्ट के रूप में जाना जाता है। ये क़ानून जो युनाइटेड स्टेट्स कोड के टाइटल 31 के सेक्शन 5311 से 5332 में शामिल हैं, इनके लिए ऐसी वित्तीय संस्थाओं को जिसमें वर्तमान परिभाषा के तहत संस्थाओं की एक व्यापक सारणी शामिल है जिसमें बैंक, क्रेडिट कार्ड कम्पनियां, जीवन बीमादाता, धन सेवा व्यवसाय और प्रतिभूतियों के ब्रोकर-डीलर शामिल हैं, इन्हें युनाइटेड स्टेट्स ट्रेजरी में कुछ ख़ास लेनदेनों की सूचना देना आवश्यक होता है। 10,000 डॉलर से अधिक के नगद लेनदेन की सूचना अनिवार्य रूप से करेंसी ट्रांजेक्शन रिपोर्ट (सीटीआर) पर दी जानी चाहिए जिसमें लेनदेन करने वाले व्यक्ति की पहचान के साथ-साथ नगदी का स्रोत भी बताया जाना चाहिए। अमेरिका दुनिया के ऐसे कुछ देशों में से एक है जहां एक निश्चित सीमा से अधिक के सभी नगद लेनदेनों की सूचना देना आवश्यक है, हालांकि कुछ व्यवसायों को इस अनिवार्यता से मुक्त रखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त, वित्तीय संस्थानों को ऐसे लेनदेन की सूचना अनिवार्य रूप से एक संदेहास्पद गतिविधि रिपोर्ट (एसएआर) पर देनी चाहिए जिसे वे "संदेहास्पद" समझते हैं जिसे यह जानने या संदेह करने के रूप में पारिभाषित किया गया है कि यह धन अवैध गतिविधि से आया है या अवैध गतिविधि के जरिये धन को छिपाया गया है और यह कि इसे बीएसए की आवश्यकताओं से बचकर निकलने के लिए तैयार किया गया है या ऐसा लगता है कि इससे कोई ज्ञात व्यवसाय अथवा प्रत्यक्ष कानूनी उद्देश्य जुड़ा हुआ नहीं है; या यह कि संस्था का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधि को सुविधा प्रदान करने के लिए किया जा रहा है। ग्राहकों द्वारा बीएसए को धोखा देने के प्रयास, आम तौर पर नगदी जमा की धनराशि को 10,000 डॉलर से कम की राशि में बांट देना और उन्हें अलग-अलग दिनों में या अलग-अलग स्थानों पर जमा करना भी क़ानून का उल्लंघन करना है।[30]

इन रिपोर्टों द्वारा बनाए गए वित्तीय डेटाबेस को अमेरिकी वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसे वित्तीय अपराध प्रवर्तन नेटवर्क (फिनसेन (FinCEN)) कहा जाता है जो वर्जीनिया के वियना में स्थित है। ये रिपोर्टें अमेरिकी आपराधिक जांचकर्ताओं के साथ-साथ दुनिया भर के एनी एफआईयू को उपलब्ध करायी गयी हैं और फिनसेन (FinCEN) द्वारा रुझानों को निर्धारित करने तथा जांचों का संदर्भ लेने के लिए इन रिपोर्टों का कंप्यूटर संचालित विश्लेषण किया जाएगा.[31]

बीएसए की आवश्यकता है कि वित्तीय संस्थाएं ग्राहक के प्रति विधिवत तत्परता को अपनाएं जिसे कभी-कभी "अपने ग्राहक को जानो" के मुहावरे के रूप में भी जाना जाता है। इसमें यह संतोषजनक पहचान प्राप्त करना शामिल है जिससे यह आश्वासन दिया जा सके कि खाता ग्राहक के वास्तविक नाम पर है और इसमें धन की स्वीकार्य प्रकृति तथा स्रोत के बारे में एक ऐसी समझ है कि यह उसके खातों से होकर प्रवाहित होगा। ग्राहकों के अन्य वर्ग जैसे कि निजी बैंकिंग खातों और विदेशी सरकारी अधिकारियों से संबंधित ग्राहक को अधिक तत्परता के साथ ध्यान दिया जाता है क्योंकि क़ानून यह समझता है कि इस तरह के खातों में काले धन को वैध बनाने का जोखिम कहीं अधिक होता है। सभी खाते निरंतर निगरानी की प्रक्रिया के अधीन होते हैं ​​जिसमें आंतरिक बैंक सॉफ्टवेयर द्वारा लेनदेनों की जांच की जाती है और जो कुछ ख़ास मानदंडों के बाहर आते हैं उनके मैनुअल निरीक्षण के लिए सूचित किया जाता है। अगर किसी मैनुअल निरीक्षण से पता चलता है कि यह लेनदेन संदिग्ध है तो संस्था को एक संदेहास्पद गतिविधि रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए। [32]

इसमें शामिल उद्योगों के नियामक यह सुनिश्चित करने के प्रति जिम्मेदार हैं कि वित्तीय संस्थान बीएसए का अनुपालन करते हैं। उदाहरण के लिए, फेडरल रिजर्व और मुद्रा के नियंत्रक के कार्यालय द्वारा नियमित रूप से बैंकों का निरीक्षण किया जाता है और गैर-अनुपालन की स्थिति में जुर्माना लगाया जा सकता है या मामलों को आपराधिक अभियोजन के लिए भेजा जा सकता है। बीएसए का अनुपालन करने में असफल रहने पर कई बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है। इनमें से सबसे मशहूर मामला वाशिंगटन डी.सी. के रिग्स, बैंक का है जिसके खिलाफ काले धन को वैध बनाने पर उचित नियंत्रण को लागू करने में असफल रहने पर मुकदमा चलाया गया था और कार्यात्मक रूप से व्यवसाय से बाहर कर दिया गया था, क्योंकि यह मामला विशेष रूप से विदेशी राजनीतिक हस्तियों से संबंधित था।[33]

बीएसए के अलावा, अमेरिका अपनी सीमाओं के पार मुद्रा की आवाजाही पर नियंत्रण लगाता है जिसके लिए व्यक्तियों को 10,000 डॉलर से अधिक की नकदी के पारवहन की रिपोर्ट एक ऐसे प्रपत्र में देना आवश्यक होता है जिसे मुद्रा का अंतरराष्ट्रीय पारवहन या मौद्रिक उपकरण (जिसे सीएमआईआर के रूप में जाना जाता है) कहते हैं।[34] इसी तरह ऑटोमोबाइल डीलरशिप जैसे व्यवसाय जो 10,000 डॉलर से अधिक की नगदी प्राप्त करते हैं उन्हें भी नगदी के स्रोत की पहचान करते हुए उसी प्रकार का एक प्रपत्र 8300 आतंरिक राजस्व सेवा (इंटरनल रेवन्यू सर्विस) के समक्ष दर्ज करना होता है।[35]

आपराधिक प्रतिबंध

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संयुक्त राज्य अमेरिका में काले धन को वैध बनाने की प्रक्रिया को 1986 के मनी लॉन्डरिंग कंट्रोल एक्ट के बाद से आपराधिक बना दिया गया है। यह कानून, जो युनाइटेड स्टेट्स कोड के टाइटल 18 के सेक्शन 1956 में सन्निहित है, व्यक्तियों को ऐसी आय के वित्तीय लेनदेन में संलग्न होने से रोकता है जो कुछ विशेष अपराधों के जरिये उत्पन्न की गयी है जिसे ""निर्दिष्ट गैरकानूनी गतिविधियों" (एसयूए) के रूप में जाना जाता है। इसके अतिरिक्त, कानून की आवश्यकता है कि क्या कोई व्यक्ति विशेष रूप से धन के स्रोत, स्वामित्व या नियंत्रण को छिपाने के लिए लेनदेन करने का इरादा रखता है। यहां धनराशी की कोई न्यूनतम सीमा नहीं है और न ही यह बताने की आवश्यकता है कि सफलापूर्वक किये गए लेनदेन के जरिये वास्तव में धन को छिपाया जा रहा है। इसके अलावा, एक "वित्तीय लेनदेन" को मोटे तौर पर परिभाषित किया गया है और इसमें किसी वित्तीय संस्थान या यहां तक कि किसी व्यवसाय के शामिल होने की भी जरूरत नहीं है। सिर्फ एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक धन का आदान-प्रदान, जब तक कि ऐसा धन के स्रोत, स्वामित्व, स्थान या नियंत्रण को छिपाने के इरादे नहीं किया गया है, क़ानून के तहत इसे एक वित्तीय लेनदेन समझा जाएगा. हालांकि, या तो एक वित्तीय लेनदेन या छिपाने के किसी इरादे के बिना धन का अकेला स्वामित्व संयुक्त राज्य अमेरिका में कोई अपराध नहीं है।[36]

युनाइटेड स्टेट्स कोड के टाइटल 18 के सेक्शन 1957 में शामिल क़ानून काले धन को वैध बनाने के अलावा किसी एसयूए से उत्पन्न 10,000 डॉलर से अधिक की राशि के खर्च पर रोक लगाता है, भले ही व्यक्ति इसे छिपाना चाहता हो। इसमें काले धन को वैध की तुलना में कम जुर्माना लगाया जाता है और मनी लॉन्डरिंग क़ानून के विपरीत इसमें आवश्यकता यह है कि धन एक वित्तीय संस्थान से होकर गुजरता है।[36]

2009 में युनाइटेड स्टेट्स सेंटेंसिंग कमीशन द्वारा संकलित रिकॉर्डों के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका के न्याय विभाग ने 81,000 से कुछ अधिक लोगों को आम तौर पर दोषी पाया था; इनमें से लगभग 800 को प्राथमिक या अत्यंत गंभीर आरोप के रूप में काले धन को वैध बनाने का दोषी पाया गया था।[37]

प्रवर्तन

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काले धन को वैध बनाने के खिलाफ पहली सुरक्षा वित्तीय बिचौलियों को अपने ग्राहकों के बारे में जानने की आवश्यकता है -- जिसे अक्सर केवाईसी अपने ग्राहक को जानो की आवश्यकताओं के रूप में जाना जाता है। किसी के ग्राहक को जानकर वित्तीय बिचौलिए अक्सर गलत पहचान, असामान्य लेनदेन, बदलते आचरण या काले धन को वैध बनाने के अन्य संकेतकों सहित असामान्य या संदिग्ध व्यवहार की पहचान करने में सक्षम हो जाएंगे. लेकिन लाखों ग्राहकों और ग्राहकों से संपर्क रखने वाले हजारों कर्मचारियों वाले संस्थानों के लिए अपने ग्राहकों को जानने के पारंपरिक तरीके प्रौद्योगिकी से परिपूरित होने चाहिएं. कई कंपनियां इन प्रक्रियाओं को निष्पादित करने में मदद के लिए सॉफ्टवेयर और डेटाबेस उपलब्ध करती हैं। बैंक और कॉरपोरेट सुरक्षा निदेशक भी काले धन को वैध बनाने के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। [तथ्य वांछित]

प्रौद्योगिकी

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सूचना प्रौद्योगिकी कभी भी एक सुप्रशिक्षित जांचकर्ता की जगह नहीं ले सकता है लेकिन जिस तरह काले धन को वैध बनाने की तकनीकें अधिक से अधिक परिष्कृत हुई हैं, इसके साथ ही इससे लड़ने की तकनीकों में भी सुधार आया है। मनी लॉन्डरिंग विरोधी सॉफ्टवेयर ग्राहक के डेटा को फ़िल्टर करता है, संदेह के स्तर के अनुसार इसका वर्गीकरण करता है और विसंगतियों के लिए इसका निरीक्षण करता है। ऐसी विसंगतियों में फंड में कोई अचानक भारी वृद्धि या एक बड़ी वापसी शामिल है। कुछ ख़ास मानदंडों को पूरा करने वाले छोटे लेनदेनों को भी संदिग्ध के रूप में सूचित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, स्ट्रक्चरिंग सूचित लेनदेन का कारण बन सकता है। सॉफ्टवेयर उन नामों को भी सूचित करेगा जिन्हें सरकार की "काली सूची" में रखा गया है और उन लेनदेनों को भी जिसमें ऐसे देश शामिल हैं जिन्हें मेजबान देश का विरोधी समझा जाता है। एक बार जब सॉफ्टवेयर ने डेटा का पता लगा लिया और संदिग्ध लेनदेनों को सूचित कर दिया, तो यह एक रिपोर्ट बनाता है।[उद्धरण चाहिए]

विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर पैकेज नाम विश्लेषण, नियम-आधारित सिस्टम, सांख्यिकीय और प्रोफाइलिंग इंजन, न्यूरल नेटवर्क, लिंक विश्लेषण, सहकर्मी समूह विश्लेषण और समय अनुक्रम मिलान करने में सक्षम हैं। इसके अलावा, विशिष्ट केवाईसी समाधान भी हैं जो मामले के आधार पर खाता प्रलेखन स्वीकृति और सुधार के साथ-साथ देश, व्यापार, संस्था, उत्पाद, लेनदेन के जोखिमों को ध्यान में रखते हुए ग्राहक के स्वचालित जोखिम स्कोरिंग की सुविधा प्रदान करते हैं। एएमएल प्रौद्योगिकी के अन्य तत्वों में प्रशिक्षण और जागरूकता के लिए जानकारी का आदान-प्रदान करने वाले और ई-लर्निंग के पोर्टल शामिल हैं।[उद्धरण चाहिए]

इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग विशेष रूप से काले धन को वैध बनाने का पता लगाने के लिए नहीं बल्कि अधिकांशतः क्रेडिट कार्ड या बैंक के विवरणों की आम चोरी का पता लगाने के लिए किया जाता है। किसी खाते में असामान्य गतिविधि कार्ड जारीकर्ता द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए कॉल करने का कारण बन सकता है कि कहीं इसका दुरुपयोग तो नहीं किया गया है।[उद्धरण चाहिए]

एफएटीएफ: मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ फ़ाइनांशियल एक्शन टास्क फोर्स

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जी7 देशों द्वारा 1989 में गठित मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ फ़ाइनांशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) एक अंतर सरकारी निकाय है जिसका उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग का मुकाबला करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया विकसित करना और इसे बढ़ावा देना है। अक्टूबर 2001 में एफएटीएफ ने अपने मिशन का विस्तार कर इसमें आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ लड़ाई को शामिल किया। एफएटीएफ एक नीति-निर्धारक निकाय है जो राष्ट्रीय क़ानून और विनियामक एएमएल और सीएफटी सुधारों को हासिल करने के लिए कानूनी, वित्तीय और कानून प्रवर्तन विशेषज्ञों को एक साथ लेकर आता है। वर्तमान में इसकी सदस्यता में 34 देश और प्रदेश तथा दो क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं। इसके अलावा, एफएटीएफ कई अंतरराष्ट्रीय निकायों और संगठनों के सहयोग से काम करता है। एफएटीएफ के साथ इन संस्थाओं का दर्जा पर्यवेक्षक का है जो उन्हें मतदान का अधिकार तो नहीं देता है लेकिन पूर्ण सत्रों और कार्यकारी समूहों में संपूर्ण भागीदारी की अनुमति देता है।[38]

एफएटीएफ ने काले धन को वैध बनाने पर 40 सिफारिशें और आतंकवादी वित्तपोषण के संबंध में 9 विशेष अनुशंसाएं तैयार की है। एफएटीएफ प्रकाशित रिपोर्टों में इन सिफारिशों के खिलाफ प्रत्येक सदस्य देश का मूल्यांकन करता है। जिन देशों को उन सिफारिशों का समुचित रूप से अनुपालन नहीं करते हुए देखा जाता है उन पर वित्तीय प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।[39]

उल्लेखनीय मामले

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  • बैंक ऑफ न्यूयॉर्क: 1990 के दशक के उत्तरार्द्ध में बैंक के अधिकारियों द्वारा नियंत्रित खातों के माध्यम से 7 बिलियन डॉलर की अवैध रूसी पूंजी की लॉन्डरिंग की गयी (वैध बनाया गया).[40]
  • नाउरू: 1990 के दशक के उत्तरार्द्ध में गैर-विनियमित नाउरू अपतटीय शेल बैंकों के माध्यम से 70 बिलियन डॉलर की रूसी अवैध पूंजी की लॉन्डरिंग की गयी (वैध बनाया गया).[41]
  • सनी अबाचा: नाइजीरिया के राष्ट्रपति द्वारा ब्रिटेन, लक्समबर्ग, जर्सी (चैनल द्वीपसमूह) और स्विट्जरलैंड में बैंकों के माध्यम से 2-5 बिलियन डॉलर की सरकारी संपत्तियों की लॉन्डरिंग की गयी थी।[42]
  • बैंक ऑफ क्रेडिट एंड कॉमर्स इंटरनेशनल: आपराधिक आय की एक अज्ञात राशि जिसका अनुमान अरबों में लगाया गया था जिसमें मादक पदार्थों की तस्करी का धन भी शामिल था, 1980 के दशक के मध्य के दौरान इसकी लॉन्डरिंग की गयी थी।[43]

लोकप्रिय संस्कृति

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  • "द शॉशैंक रिडेम्पशन"—एंडी डुफ्रेस्ने ने जेल के वार्डन शैमुअल नोर्टन के लिए रिश्वत के धन की लॉन्डरिंग की थी, फिर अपने पलायन के बाद पोर्टलैंड, एमई के कुछ बैंकों से इसे प्राप्त किया था।
  • "मिकी ब्लू आईज"—एक आपराधिक परिवार द्वारा माइकल को बेचने के लिए कुछ पेंटिंग दी जाती हैं जिसके बारे में बाद में एफबीआई द्वारा उसे बताये जाने पर पता चला कि यह काले धन को वैध बनाने का प्रयास था।
  • "Wall Street: Money Never Sleeps"- जेक के भावी ससुर गॉर्डन गेक्को द्वारा 100 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि भेजने के क्रम में उनकी बेटी विन्नी का हस्ताक्षर प्राप्त करने में उनकी मदद करने के लिए कहा जाता है जिसके बारे में जेक ने कहा था कि यह काले धन को वैध बनाने का मामला था।
  • "ब्रेकिंग बैड" - स्काइलर व्हाइट अपने पति वाल्टर के नशीली दवाओं के काले धन को वैध बनाने में उनकी मदद करती है।[44]
  1. Financial Action Task Force. "Money Laundering FAQ". मूल से 6 अप्रैल 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 मार्च 2011.
  2. Reuter, Peter (2004). Chasing Dirty Money. Peterson. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-88132-370-2. मूल से 18 जनवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जून 2011.
  3. लॉरेंस एम. सलिनगर, एन्साइक्लोपीडिया ऑफ व्हाईट-कॉलर एंड कॉर्पोरेट क्राइम: ए - I, वॉल्यूम 1, पृष्ठ 78, आईएसबीएन 0761930043, 2005.
  4. "Structuring Financial Transactions to Evade Reporting Requirements". मूल से 30 नवंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि मार्च 3, 2011.
  5. "National Money Laundering Threat Assessment" (PDF). दिसम्बर 2005. पृ॰ 33. मूल से 17 अक्तूबर 2010 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि मार्च 3, 2011.
  6. Financial Action Task Force. "Global Money Laundering and Terrorist Financing Threat Assessment" (PDF). मूल (PDF) से 26 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 मार्च 2011.
  7. Baker, Raymond (2005). Capitalism's Achilles Heel. Wiley.
  8. Cassella, Stefan. "Money Laundering Has Gone Global". मूल से 29 जून 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 मार्च 2011.
  9. "Directive 2005/60/EC of the European Parliament and of the Council of 26 अक्टूबर 2005 on the prevention of the use of the financial system for the purpose of money laundering and terrorist financing". मूल से 28 दिसंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जून 2011.
  10. "OPSI: Terrorism Act". मूल से 17 अगस्त 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 फरवरी 2009.
  11. "OPSI: Anti-Terrorist Crime & Security Act". मूल से 27 फ़रवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 फरवरी 2009.
  12. "OPSI: Proceeds of Crime Act". मूल से 4 अगस्त 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 फरवरी 2009.
  13. "OPSI: Serious Organised Crime and Police Act 2005". मूल से 17 अगस्त 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 फरवरी 2009.
  14. धारा 327, प्रोसीड्स ऑफ क्राइम एक्ट 2002
  15. धारा 330, प्रोसीड्स ऑफ क्राइम एक्ट 2002
  16. धारा 340, प्रोसीड्स ऑफ क्राइम एक्ट 2002
  17. धारा 329, प्रोसीड्स ऑफ क्राइम एक्ट 2002
  18. धारा 327, प्रोसीड्स ऑफ क्राइम एक्ट 2002
  19. धारा 334, प्रोसीड्स ऑफ क्राइम एक्ट 2002
  20. "OPSI: Money Laundering Regulations 2003". मूल से 17 अगस्त 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 फरवरी 2009.
  21. "OPSI: Money Laundering Regulations 2007". मूल से 17 अगस्त 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 फरवरी 2009.
  22. धारा 333 A, प्रोसीड्स ऑफ क्राइम एक्ट 2002
  23. "Joint Money Laundering Steering Group". मूल से 6 अक्तूबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 फरवरी 2009.
  24. "Law Society AML Guidance". मूल से 16 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 फरवरी 2009.
  25. धारा 340 (2), प्रोसीड्स ऑफ क्राइम एक्ट 2002
  26. डेविड विंच, "मनी लॉन्ड्रिंग लॉ चेंज्स" Archived 2011-07-07 at the वेबैक मशीन (2006)
  27. 'एसओसीए (Soca) द्वारा प्रकाशित दी सस्पिसियस एक्टिविटी रिपोर्ट्स रेजिम एन्यूअल रिपोर्ट 2010
  28. 'एसओसीए (Soca) द्वारा प्रकाशित दी सस्पिसियस एक्टिविटी रिपोर्ट्स रेजिम एन्यूअल रिपोर्ट 2010
  29. 'एसओसीए (Soca) द्वारा प्रकाशित दी सस्पिसियस एक्टिविटी रिपोर्ट्स रेजिम एन्यूअल रिपोर्ट 2010
  30. FinCEN. "Bank Secrecy Act". मूल से 7 मार्च 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 मार्च 2011.
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  43. "BCCI's Criminality". Globalsecurity.org. मूल से 12 नवंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 मार्च 2011.
  44. डूइंग रिसर्च यूजिंग दिस वेरी पेज.

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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