धरम कांटा (फ़िल्म)
धरमकाँटा ( अंग्रेज़ी : Balance of Piety) 1982 की एक हिन्दी एक्शन फ़िल्म है, जिसका निर्माण और निर्देशन सुल्तान प्रोडक्शंस के बैनर तले सुल्तान अहमद ने किया था। फ़िल्म में राज कुमार, राजेश खन्ना, जीतेंद्र, वहीदा रहमान, रीना रॉय और सुलक्षणा पंडित मुख्य भूमिकाओं में हैं, और नौशाद द्वारा संगीत दिया गया है।[1]
धरमकाँटा | |
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चित्र:Dharam Kanta.Jpg फ़िल्म का पोस्टर | |
निर्देशक | सुल्तान अहमद |
लेखक |
कादर खान (संवाद) मजरूह (बोल) |
पटकथा | भरत बी. भल्ला |
कहानी | भरत बी. भल्ला |
निर्माता | सुल्तान अहमद |
अभिनेता |
राज कुमार राजेश खन्ना जीतेन्द्र वहीदा रहमान रीना रॉय सुलक्षणा पंडित अमजद ख़ान |
छायाकार | आर डी माथुर |
संपादक | एम.एस. शिंदे |
संगीतकार | नौशाद |
निर्माण कंपनी |
सुल्तान प्रोडक्शंस |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
148 मिनट्स |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
पटकथा
संपादित करेंठाकुर भवानी सिंह (राज कुमार) डकैतों के एक गिरोह का मुखिया है, जिसने इस क्षेत्र में आतंक और भय फैला रखा है। भवानी का एक परिवार है, जिसमें उसकी पत्नी, राधा (वहीदा रहमान) और दो बेटे, राम (राजेश खन्ना) और लक्ष्मण (जितेन्द्र) और गंगा (हीना कौसर) नाम की एक बेटी शामिल हैं। एक दिन, भवानी धनी हरनाम सिंह (सत्येन्द्र कपूर) के बेटे का अपहरण कर लेता है और उसके रिहाई के लिये फिरौती मांगता है। हरनाम सभी शर्तों से सहमत होता है, और भवानी को पैसे सौंपता है। दुर्भाग्य से, हरनाम का बच्चा मारा जाता है, बच्चे कि मौत से दुखी हो हरनाम की पत्नी, भवानी और उसके परिवार को शाप देती है। इसके बाद, भवानी भारी बारिश और बाढ़ के कारण अपने परिवार से अलग हो जाता है, और खुद को बदलने का फैसला कर अपने आप को पुलिस के हवाले कर देता है, और जेल चला जाता है। उसकी पत्नी भी उसके किसी भी बच्चे का पता लगाने में असमर्थ रहती है। राम और लक्ष्मण को दो डाकुओं द्वारा ले जाया जाता है और उन्हें अपराध के जीवन में धकेल देता है, वही गंगा को हरनाम सिंह द्वारा अपनाया जाता है। सालों बाद, भवानी जेल से रिहा हो जाता है, और अपनी पत्नी से मिलने के लिए आता है, और यह जान कर दुखी हो जाता है कि उसे अपने बच्चों को फिर कभी देखने को नहीं मिलेगा। भवानी एक ईमानदार जीवन जीने लगता है, इन सब से अनजान की उसके बेटे अपराध का जीवन जी रहे हैं और उसकी बेटी अब उस परिवार के साथ रह रही है, जिसके बेटे की उसने हत्या कर दी थी।
कलाकार
संपादित करें- राज कुमार - ठाकुर भवानी सिंह के रूप में
- राजेश खन्ना - राम/शंकर के रूप में
- जितेन्द्र - लक्ष्मण/शिव के रूप में
- वहीदा रहमान - राधा सिंह के रूप में
- रीना रॉय - बिजली के रूप में
- सुलक्षणा पंडित - चंदा के रूप में
- अमजद खान - चंदन सिंह और ज्वाला सिंह के रूप में (दोहरी भूमिका)
- सत्येन्द्र कपूर - हरनाम सिंह के रूप में
- ओमप्रकाश - फकीरा के रूप में
- नजीर हुसैन - शंकर के दत्तक पिता के रूप में
- मुकरी - शिव के दत्तक पिता के रूप में
- बीरबल
- अहमद अंसारी - जेलर के रूप में निसार
- हीना कौसर - गंगा सिंह के रूप में
- शीतल
- पूर्णिमा - हरनाम सिंह की पत्नी के रूप में
गीत संगीत
संपादित करें# | शीर्षक | सिंगर (रों) |
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1 | "दुनिया छुटे यार ना छुटे" | मोहम्मद रफ़ी, भूपिंदर सिंह |
2 | "घुंघरू टूट गये" | आशा भोसले |
3 | "तेरा नाम लिया दिल थाम लिया" | मोहम्मद रफ़ी, आशा भोसले |
4 | "ये गोटे दार लहंगा" | मोहम्मद रफ़ी, आशा भोसले |
5 | "दुनिया छुटे यार ना छुटे" | मोहम्मद रफ़ी, भूपिंदर सिंह |
6 | "तेरी मेरी है नज़र कातिल की" | आशा भोसले |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Movie Overview". मूल से 8 दिसंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 May 2012.