नवरत्न
नवरत्न का शाब्दिक अर्थ है - नौ रत्न। भारतीय संस्कृति में नवरत्न शैली में निर्मित आभूषणों का विशेष सांस्कृतिक महत्व है। कुछ राजा अपने दरबार में नौ विद्वान रखते थे। उन्हें भी 'नवरत्न' कहा जाता था। विक्रमादित्य के दरबार में नवरत्न थे।
ये नौ रत्न हैं-
- वज्रमणि, वैडूर्यमणि, पद्ममणि, माणिक्यमणि, मरकतं, गोमेधिक, विद्रुम, मुक्ता और नील
- माणिक्य (Ruby) - सूर्य
- मरकत (Emerald) - बुध
- वज्र (Diamond) - शुक्र
- मोती (Pearl) - चन्द्र
- गोमेधक (Hessonite) - राहु
- वैडूर्य (Chrysoberyl) - केतु
- प्रवाल अथवा विद्रुम (Coral) - मंगल
- पद्मराग अथवा पुष्यराग अथवा पुष्पराज अथवा पुष्पराग (Yellow sapphire) - गुरु
- इन्द्रनील (Blue Sapphire) - शनि
- माणिक्यं तरणेः सुजात्यममलं मुक्ताफलं शीतगोः
- माहेयस्य च विद्रुमं मरकतं सौम्यस्य गारुत्मतम
- देवेज्यस्य च पुष्पराजमसुराचार्यस्य वज्रं शनेः
- नीलं निर्मलमन्ययोश्च गदिते गोमेद-वैदूर्यके
इन्हें भी देखें
संपादित करें- नवरत्न कम्पनियाँ
- अष्टदिग्गज - विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय के दरबार में विभूषित आठ कवियों के लिये प्रयुक्त शब्द
- विक्रमादित्य के नवरत्न
- अकबर के नवरत्न