नांगल सिरोही
नांगल सिरोही (Nangal Sirohi) भारत के हरियाणा राज्य के महेंद्रगढ़ ज़िले में स्थित एक गाँव है।[1][2][3]
नांगल सिरोही Nangal Sirohi | |
---|---|
निर्देशांक: 28°11′35″N 76°07′55″E / 28.193°N 76.132°Eनिर्देशांक: 28°11′35″N 76°07′55″E / 28.193°N 76.132°E | |
देश | भारत |
राज्य | हरियाणा |
ज़िला | महेंद्रगढ़ ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 6,100 |
भाषा | |
• प्रचलित | हरियाणवी, हिन्दी |
समय मण्डल | IST (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 123028 |
दूरभाष कोड | 01285 |
वाहन पंजीकरण | HR-34 |
भोगोलिक स्थिति
संपादित करेंयह महेंद्रगढ़ से नारनौल की तरफ़ ९ किलोमीटर की दूरी पर है। (नारनौल से १६ किलोमीटर पहले) यह दक्षिणी हरियाणा है जन्हा जंगली झाड़ और लंबे चौड़े रेत के टीले, धूल भरी आंधिया और बहुत ही मेहमान नवाजी पसंद और प्यारे लोग रहते हैं। नांगल गाँव नारनौल से २० किमी की दूरी पर है। इस गाँव में एक मंदिर है जिसका नाम गुसाई है। गाँव में एक सुंदर सी पहाङी भी है। जिस पर बाबा कालिया टोडा का मंदिर बना हुआ है। यहाँ पर सभी जाति के लोग रहते हैं।
इतिहास
संपादित करेंनांगल सिरोही ग्राम की स्थापना खोश्या गोत्र के अहीरों ने की थी। जिनके पूर्वज पड़ोस के डेरोली गाँव से आए थे। कहा जाता है कि ४०० वर्ष पूर्व डेरोली गाँव मे एक द्रोपाल नाम का आदमी रहता था उसका अपने खानदान पर अच्छा रौब था। सिरोही उस समय गुर्जरों के स्वमित्व मे था जो की नारनौल के निजाम को कर न देने के लिए बदनाम थे। जब भी कर अधिकारी कर वसूली के लिए गाँव मे आते वो लोग पास के जंगलों मे जा कर छुप जाते थे। जब स्थिति किसी भी तरह नही सुधरी तो एक बार ऐसी स्थिति मे दिल्ली के मुग़ल अधिकारियो ने द्रोपाल को खाली जमीन पर अधिकार करने का अधिकार दे दिया।
लोग
संपादित करेंयह गाव फौजियो और व्यापारियों के लिए जाना जाता है। यहाँ के अहीरों के ज़्यादातर परिवारों से कम से कम एक आदमी सेना या अर्ध सैनिक बलों मे है। नांगल सिरोही ने बहुत से कामयाब व्यापारी भी दिये है। बड़े भारतीय कंपनी मोदी ग्रुप के स्थापक और आपकाडोमेन डॉट कॉम और बीइ सोफ्तवेअर सोल्युसन के स्थापक के सम्बन्ध यंहा से रहे है। गाव के ज़्यादातर निवासी अहीर है जिनका पेशा खेतीबाड़ी और पशुपालन है उंह पर अहिरो के लगभग ५०० परिवार है।
कृषि
संपादित करेंगाव के पूराने हिस्से ऊपला बास (ऊपरी वास) मे बहुत सी शानदार हवेलिया है। जो की माना जाता है की श्तानिया व्यापारियों मे १८वि और १९वि सदी मे बनवाई थी। ये हवेलिया राजपूताना के भूतपूर्व जैपुर राज्य के शेखावटी क्षेत्र से बुलवाये गए चेजरासो और चित्रासो ने बनाई थी। और सवाभाविक्ताया उनमे उनके अपने राज्य की कला का असर दिखता है जैसे की शेखावटी के सरदार और आदिवासी लडाका जीवन।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "General Knowledge Haryana: Geography, History, Culture, Polity and Economy of Haryana," Team ARSu, 2018
- ↑ "Haryana: Past and Present Archived 2017-09-29 at the वेबैक मशीन," Suresh K Sharma, Mittal Publications, 2006, ISBN 9788183240468
- ↑ "Haryana (India, the land and the people), Suchbir Singh and D.C. Verma, National Book Trust, 2001, ISBN 9788123734859