नामक्कल
नामक्कल (Namakkal) भारत के तमिल नाडु राज्य के नामक्कल ज़िले में स्थित एक शहर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2][3]
नामक्कल Namakkal நாமக்கல் | |
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कोल्ली हिल्स का एक दृश्य | |
निर्देशांक: 11°13′N 78°10′E / 11.22°N 78.17°Eनिर्देशांक: 11°13′N 78°10′E / 11.22°N 78.17°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | तमिल नाडु |
ज़िला | नामक्कल ज़िला |
ऊँचाई | 218 मी (715 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 55,145 |
भाषा | |
• प्रचलित | तमिल |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 637001 से 637012 |
दूरभाष कोड | 91-4286 |
वाहन पंजीकरण | TN-28 (उत्तर), TN-88 (दक्षिण) |
वेबसाइट | www |
विवरण
संपादित करेंनामक्कल में बने अनेक मंदिर लोगों की गहरी आस्था से जुड़े हैं। इस ऐतिहासिक नगर का काफी समृद्ध इतिहास रहा है, जो लगभग 9वीं शताब्दी से प्रारंभ होता है। नामक्कल ज़िले को सलेम ज़िले से पृथक कर 1996 में गठित किया गया था। जनवरी 1997 से इसने स्वतंत्र जिले के रूप में कार्य करना शुरू किया था। नामक्कल के पश्चिम में कोट्टई, पूर्व में पेट्टई और केन्द्र में नामागिरी स्थित है। नामागिरी को ही नामक्कल नाम का स्रोत माना जाता है।
प्रमुख आकर्षण
संपादित करेंकोल्ली हिल्स
संपादित करेंकोल्ली हिल्स पश्चिमी घाट की प्रमुख पर्वत श्रंखला है। लगभग 400 वर्ग मील में फैली ये पहाडियां 18 मील लंबी और 12 मील चौड़ी हैं। अपनी प्राकृतिक सुंदरता से यह पहाड़ियां सबको आकर्षित करती हैं। पहाड़ियों से नामक्कल मैदान के नजारे देखे जा सकते हैं। प्रागैतिहासिक काल से इन पहाड़ियों में किसी का आवास नहीं है। तमिल साहित्य में इन पहाड़ियों का उल्लेख मिलता है। कम से कम सात कवियों की कविताओं में कोल्ली हिल्स का जिक्र मिलता है। सर्वयारन की पहाड़ियों के बाद केवल यही पहाड़ियां बरसाती वनों से ढकी रहती हैं। कोल्ली हिल्स में बहुत से मनमोहक झरने भी देखे जा सकते हैं।
नामक्कल दुर्गम किला
संपादित करेंसंघर्षमय इतिहास का प्रतीक यह किला नामागिरी शिखर पर बना हुआ है। 1769 में अंग्रेजों के नियंत्रण से पहले इस पर मैसूर का अधिकार था। बाद में हैदर अली ने इस किले को कुछ समय के लिए पुन: अपने नियंत्रण में ले लिया। लेकिन 1792 में किले पर फिर से अंग्रेजों का अधिकार हो गया। किले में भगवान विष्णु का एक मंदिर भी बना हुआ है, जो एथिरिली पेरूमल को समर्पित है। मंदिर में प्राचीन हस्तलिपियां खुदी हुई हैं।
ऐयारी नदी
संपादित करेंइस खूबसूरत नदी की उत्पत्ति सिद्धान कुट्टू पीक से वेल्लईपाजी अरू के रूप में होती है। अरोची अरू, कानाप्पडी मूलई अरू, मासीमलाई अरूवी, नक्कट्टू अरू और ताजहिगाई अरू, ऐयारी नदी की सहायक नदियां हैं। कोल्ली मलाई के बहुत से बिन्दुओं में इसे अरूपल्ली इसवारर अरूई नाम से जाना जाता है। जिले से बाहर जाकर यह नदी कावेरी से मिल जाती है।
अंजनेयर कोइल
संपादित करेंनामक्कल को हनुमान की विशाल मूर्ति के लिए भी जाना जाता है। लगभग 200 फीट ऊंची यह प्रतिमा एकल चट्टान को काटकर बनाई गई है। हनुमान की मूर्ति के निकट ही पत्थरों को काटकर बनाए गए दो गुफानुमा मंदिर हैं।
अर्धनारीश्वर कोइल
संपादित करेंभगवान शिव के अर्धनारीश्वर रूप को समर्पित यह मंदिर तमिलनाडु में इस प्रकार का एकमात्र मंदिर है। तिरूचेनगोड की पहाड़ी पर 465 मीटर की ऊंचाई पर यह मंदिर स्थित है। मंदिर की मुख्य मूर्ति 5 फीट ऊंची है। माना जाता है कि इस मूर्ति को सिद्धों ने औषधीय मिश्रण से तैयार किया था। मंदिर परिसर में मुरूगन और भगवान विष्णु का भी एक मंदिर है। मंदिर की मुख्य संरचना सातवीं शताब्दी की मानी जाती है। सोलहवीं और सत्रहवीं शताब्दी के दौरान यहां विभिन्न मंडपों को बनवाया गया।
भवानी कुदुथुराई
संपादित करेंभवानी, कावेरी और अमूथा नाथी नदी के संगम पर संगेश्वर मंदिर स्थित है। यह मंदिर दक्षिण भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में एक है।
कैलाशनाथर कोइल
संपादित करेंभगवान शिव के इस मंदिर को कीज कोविल भी कहा जाता है। अर्धनारीश्वर मंदिर के समीप स्थित यह मंदिर पहाड़ी के निचले तल पर स्थित है। विक्रम को मंदिर में स्थापित मुख्य देव माना जाता है। पांड्य राजा विक्रम ने इस मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ करवाया था। नगर के दक्षिण-पूर्व में एक कुआं है जिसे परियां पाजी के नाम से पुकारा जाता है।
कविंजर रामालिंगम पिल्लई मैमोरियल
संपादित करेंतमिलनाडु के प्रसिद्ध देशभक्त को समर्पित इस मैमोरियल को देखने बड़ी संख्या में लोग आते हैं। रामालिंगम पिल्लई का जन्म 10 अक्टूबर 1888 में हुआ था। आजादी की लड़ाई में इस गांधीवादी सैनानी का अहम योगदान था। उन्हें राजकवि और पद्मभूषण के पुरूस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उनको समर्पित यह मैमोरियल फरवरी 2000 में खोला गया था।
आवागमन
संपादित करें- वायु मार्ग
नामक्कल का निकटतम एयरपोर्ट त्रिची विमानक्षेत्र में है जो लगभग 97 किलोमीटर की दूरी पर है। मदुरै का एयरपोर्ट एक अन्य विकल्प है जो 170 किलोमीटर दूर है। यह एयरपोर्ट देश के अनेक बड़े शहरों से वायुमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
- रेल मार्ग
सलेम और इरोड़ नामक्कल के नजदीकी रेलवे स्टेशन है। राज्य के अनेक रेलवे स्टेशनों से यह रेलवे स्टेशन जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग
नामक्कल तमिलनाडु के तमाम बड़े शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। चैन्नई, कन्याकुमारी, सलेम, मदुरै, करूर, रामेश्वरम, तिरूचिरापल्ली आदि शहरों से यहां के लिए सीधी बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
- ↑ "Tamil Nadu, Human Development Report," Tamil Nadu Government, Berghahn Books, 2003, ISBN 9788187358145
- ↑ "Census Info 2011 Final population totals". Office of The Registrar General and Census Commissioner, Ministry of Home Affairs, Government of India. 2013. मूल से 13 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 January 2014.