ना तुम जानो ना हम
ना तुम जानो ना हम 2002 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह सैफ़ अली ख़ान, ऋतिक रोशन और ईशा देओल अभिनीत नाटकीय रूमानी फ़िल्म है।[1] इस फिल्म का शीर्षक ऋतिक की पहली फिल्म कहो ना प्यार है (2000) के एक गाने से लिया गया है।
ना तुम जानो ना हम | |
---|---|
ना तुम जानो ना हम का पोस्टर | |
निर्देशक | अर्जुन सबलोक |
लेखक | अर्जुन सबलोक |
निर्माता | किशोर बियाणी |
अभिनेता |
ऋतिक रोशन, सैफ़ अली ख़ान, ईशा देओल, आलोक नाथ |
संगीतकार | राजेश रोशन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
10 मई, 2002 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंईशा मल्होत्रा (ईशा देओल) एक उज्ज्वल, उत्साही लड़की है जिसने अभी-अभी कॉलेज छोड़ा है। उसे अपने स्कूल के एक पूर्व छात्र का एक नोट मिला। वह एक रेडियो स्टेशन में कॉल करती है और नोट पर छोड़े गए शब्दों को दोहराते हुए एक गाने का अनुरोध करती है। इसके तुरंत बाद एक अज्ञात व्यक्ति फोन करता है और बताता है कि उसने ही पत्र लिखा था। वह किसी दिन उससे मिलना चाहता है। वह शख्स एक फोटोग्राफर और कमर्शियल पायलट राहुल शर्मा (ऋतिक रोशन) निकलता है। वे मिलते नहीं हैं, नंबरों का आदान-प्रदान नहीं करते हैं या अपना नाम नहीं बताते हैं लेकिन एक-दूसरे को पत्र लिखना जारी रखते हैं।
ईशा के दादाजी (आलोक नाथ) चाहते हैं कि उसकी शादी हो जाए और इसलिए वह उसकी मुलाकात अक्षय कपूर (सैफ़ अली ख़ान) से करवाते हैं। वह राहुल का सबसे अच्छा दोस्त भी है। ईशा को अपने पत्र के द्वारा बने मित्र से प्यार हो गया है और वह अक्षय से शादी नहीं करना चाहती है। हालाँकि, अक्षय का दिल ईशा पर आ गया है। प्यार में डूबा राहुल उस व्यक्ति से मिलने की कोशिश करता है जिसे वह पत्र लिखता है। हालाँकि, उसे तब बहुत झटका लगता है जब उसे पता चलता है कि वह ईशा है। चूँकि अक्षय ईशा से बेहद प्यार करता है, राहुल अपनी दोस्ती के कारण उसे भूलने का फैसला करता है। ईशा अपने गुमनाम प्यार से संपर्क नहीं कर पाने के कारण अक्षय से शादी करने के लिए तैयार हो जाती है। राहुल शादी से एक दिन पहले वैंकूवर के लिए रवाना हो जाता है और फिर कभी न दिखने की कसम खाता है।
चार साल बाद, कनाडा के एक मॉल में राहुल की मुलाकात अक्षय से होती है। उसका अब एक बेटा है। राहुल सोचता है कि वह ईशा से मिलने वाला है लेकिन उसकी मुलाकात अक्षय की पूर्व प्रेमिका तान्या से होती है। वही ही अब उसकी पत्नी है। अक्षय बताता है कि आख़िरकार वह ईशा से शादी नहीं कर सका क्योंकि वह अब भी अपने पत्र मित्र से प्यार करती है। अचानक, मॉल में श्रमिकों का एक समूह ईशा का एक बड़ा चित्र लेकर आता है और अक्षय को पता चलता है कि राहुल ही वह रहस्य लेखक है जिससे ईशा को प्यार हो गया था। वह राहुल से जल्दी से भारत वापस आने का आग्रह करता है और इस तरह वह ईशा से फिर से मिल जाता है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- ऋतिक रोशन — राहुल शर्मा
- सैफ़ अली ख़ान — अक्षय कपूर
- ईशा देओल — ईशा मल्होत्रा
- रति अग्निहोत्री — माया
- आलोक नाथ — मिस्टर मल्होत्रा
- मौसमी चटर्जी — ईशा की माँ
- स्मिता जयकर — अक्षय की माँ
- अनंग देसाई — अक्षय के पिता
- आशिमा भल्ला — तान्या
संगीत
संपादित करेंसभी गीत आनन्द बक्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत राजेश रोशन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
---|---|---|---|
1. | "तुम" | कमाल ख़ान | 5:53 |
2. | "हाय राम" (भाग. 1) | अभिजीत, पामेला जैन | 5:55 |
3. | "लई के प्यार की चुनरिया" | उदित नारायण, सुखविंदर सिंह | 7:16 |
4. | "हाय राम" (भाग. 2) | अभिजीत, पामेला जैन | 5:55 |
5. | "दिल लेके" | उदित नारायण, पामेला जैन | 6:52 |
6. | "अहा अहा" | फाल्गुनी पाठक | 4:51 |
7. | "जा सनम" | कमाल ख़ान, स्नेहा पंत | 6:58 |
8. | "ये बेटियाँ" | जसपिंदर नरूला | 4:19 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की तरह सफल नहीं हो पाईं बेटी एशा देओल, शादी के बाद फिल्मों से बना ली दूरी". अमर उजाला. अभिगमन तिथि 19 दिसम्बर 2023.