निचि लोग
निचि समुदाय (अंग्रेजी : Nyishi ; असमिया : ) भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश का सबसे बड़ा जातीय समूह है। वे अरुणाचल प्रदेश के आठ जिलों में फैले हुए हैं: क्रा दादी, कुरुंग कुमेय, पूर्वी कामेंग, पश्चिमी कामेंग, पापुम पारे, निचले सुबनसिरी के कुछ हिस्से, कामले और पक्के केसांग जिले में। कुरुंग कुमेय और क्रा दादी जिलों में इनकी संख्या सबसे अधिक है। असम के सोनितपुर और उत्तरी लखीमपुर जिलों में भी निचि लोग रहते हैं।
कुल जनसंख्या | |
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249,824[1] (2011 census) | |
विशेष निवासक्षेत्र | |
India (अरुणाचल प्रदेश) | |
भाषाएँ | |
Nyishi | |
धर्म | |
Donyi-Polo (sun and moon), Hinduism, Christianity |
सन २००१ की जनगणना के अनुसार अरुणाचल में इनकी संख्या लगभग ३ लाख है। इस दृष्टि से वे अरुणाचल प्रदेश की सबसे अधिक संख्या वाली जनजाति हैं। निचियों के बाद अरुणाचल प्रदेश की दूसरी सबसे अधिक जनसंख्या वाला समुदाय 'आदि' जनजाति है। निचि भाषा चीनी-तिब्बती परिवार की भाषा माना जाता है, किन्तु अभी भी इस पर मतैक्य नहीं है।
निचियों में बहुपत्नी प्रथा प्रचलित है। यह किसी की सामाजिक स्थिति और आर्थिक स्थिरता का प्रतीक है। बहुपत्नी प्रथा, आपत्ति काल में बहुत उपयोगी होता है, जैसे कबीलाई युद्धों या सामाजिक शिकार के समय। हालाँकि, यह प्रथा आधुनिक समय में कम हो रही है। निचि लोग अपने वंश को पितृसत्तात्मक मानते हैं और कई कुलों में विभाजित हैं। [2]
निचि शब्द की व्युत्पत्ति
संपादित करेंनिचि में, नि का अर्थ "मानव" है और चि शब्द का अर्थ "उँची भूमि" है। असम के समसामयिक प्रपत्रों में इन्हें दफला कहा गया है। इसलिये ब्रितानी दस्तावेजों में भी इन्हें दफला ही कहा गया है। स्वतंत्रता के बाद के काल के इतिहासकारों ने भी इसी शब्द का प्रयोग किया है। हालाँकि, आजकल इस शब्दावली का उपयोग नहीं किया जाता है।
अर्थव्यवस्था
संपादित करेंनिचि लोग खेती करने वाले लोग हैं। ये झूम खेती करते हैं जिसे उनकी भाषा में 'रेट रूंग-ओ' कहते हैं। झूम खेती स्थानांतरित खेती का एक रूप है। यहाँ मुख्यतः धान, मक्का ), ककड़ी ), अदरक, बाजरा , कद्दू और और कुछ पत्तेदार सब्जियों की खेती होती है। चावल लोगों का मुख्य भोजन है। इसके साथ वे मछली, विभिन्न जानवरों का मांस, आदि भी खाते हैं। पहले ये लोग वस्तु विनिमय प्रणाली का उपयोग करते थे। निचि लोग 'उपो' नामक एक पेय क सेवन करते हैं जो वहीं बनायी जाती है। 'उपो' के दो प्रकार हैं, पहला 'पोन' जो चावल से बनाया जाता है तथा 'पोलिन' जो बाजरा से बनाया जाता है। सभी सामाजिक समारोहों और महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में उपो परोसा जाता है। निचि लोग आमतौर पर इसके शौकीन होते हैं। इन्हें तैयार करने के पारंपरिक तरीकों में किण्वन, भाप से पकाना, भूनना और धूम्रपान करना शामिल है। हाल ही में वे बाज़ार आधारित विनिमय अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के लिए मजबूर हुए हैं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "A-11 Individual Scheduled Tribe Primary Census Abstract Data and its Appendix". www.censusindia.gov.in. Office of the Registrar General & Census Commissioner, India. अभिगमन तिथि 2017-11-03.
- ↑ India Ministry of Information and Broadcasting Published by Publications Division, Ministry of Information and Broadcasting, Govt. of India (1979). Arunachal Pradesh. पपृ॰ 15–6.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)