नियंत्रण सिद्धान्त का इतिहास
- २०० ईसा पूर्व - फ्लोट रेगुलेटर मेकैनिज्म (यूनान)
- ५० ईसा पूर्व - जल घड़ी (मध्य पूर्व)
- १६०० ई - आधुनिक युग का पहला पुनर्भरण तंत्र (ताप नियंत्रक, कार्नेलिस ड्रेबिल, हालैण्ड)
- १७०० ई - स्टीम ब्वायलर का दाब नियंत्रक (डेनिस पापिन)
- १७६९ ई - पहला आटोमैटिक कंट्रोलर (फ्लाईबाल गवर्नर, जेम्स वाट)
- १७६५ ई - प्रथम 'लेवेल रेगुलेटर सिस्टम' (सोवियत संघ)
- एडवर्ड जॉन रूथ (१८३१ - १९०७) (रूथ क्राइटेरिअन)
- १८६८ ई - नियंट्रण का गणितीय सिद्धान्त (जे सी मैक्सवेल)
- १८९० ई - 'स्टैबिलिटी का सिद्धान्त' (लिओपोनोव, सोवियत संघ)
- १९३० ई -एलेक्ट्रॉनिक फीडबैक एम्प्लिफायर (निक्विस्ट, बोडे, ब्लैक - बेल्ल लैबोरेटरीज)
- द्वितीय विश्वयुद्ध का समय - आटोमैटिक वायुयान पाइलॉट, गन पोजिशनिंग सिस्टम, राडार एंटेना कंट्रोल सिस्टम आदि
- युद्धोपरान्त - 'फ्रेक्वेंसी डोमेन एनालिसिस'
- १९५० ई - 'रूट लोकस विधि', कम्प्युटर युग का आरम्भ, अंतरिक्ष युग आरम्भ (स्पुतनिक), 'ऑप्टिमल कंट्रोल', 'अडेप्टिव कंट्रोल'
- १९६० ई - 'डाइनेमिक प्रोग्रामिंग' (बेलमैन), 'स्टेट-स्पेस मेथड'
- १९७० ई - माइक्रोप्रोसेसर पर आधारित नियंत्रण प्रणालियाँ, डिजिटल कंट्रोल का आरम्भ
- १९८० ई - न्यूरल नेटवर्क, कृत्रिम बुद्धि, फजी लॉजिक, 'प्रेडिक्टिव कंट्रोल'