अशोकनगर की मुंगावली तहसील से १४ व कुरवाई से २० किलोमीटर दूर निसईजी या बडी निसईजी पिपरिया मल्हारगढ़ स्थित तारण समाज का सबसे बडा तीर्थक्षेत्र है।यहाँ अति विशाल मंदिर-धर्मशाला है। यहां भव्य शिखर से सुशोभित प्राचीन नक्काशी दार चैत्यालय स्मारक तारण स्वामी का समाधि स्थल है। यहां पर प्राचीन शिल्पकला देखने को मिलती है‌। मध्यकालीन राजपूत शैली में निर्मित यह क्षेत्र के मंदिर में स्वर्णमंडित चार वेदियां स्थापित हैं।जिन पर जिनेंद्र भगवान की वाणी जिनवाणी विराजमान है। यहां एक मूल वेदी है जिसके पीछे पाषाण निर्मित सर्वप्राचीन राजमंदिर वेदीजी एवं दोनों तरफ वेदिका है। यहां समाजभूषण श्रीमंत सेठ स्व. भगवान दास शोभालाल जी जैन सागर द्वारा निर्मित विशाल स्वाध्याय भवन है एवं निसईजी अस्पताल भी संचालित है। यहां पर आचार्य श्रीजिन तारण स्वामी ने जेठ वदी छट् की रात्रि के अंतिम पहर दिन शुक्रवार तिथि सप्तमी को सल्लेखना पूर्वक साधु समाधि धारण की। प्रतिवर्ष रंगपंचमी के तीन दिन बाद अष्टमी से फाग फूलना मेला महोत्सव आयोजित किया जाता है। यहां पर डेढ़ किमी दूर बेतवा नदी बहती है जिसके मध्य तीन टापू स्थित हैं जो स्वामीजी के डुबाने के परिणाम हैं‌।घाट पर आचार्य श्री का सामायिक स्थल भी है।

अतिशय संपादित करें

  • यहाँ संत तारण को नदी में डुबाया गया तो तीन टापू बन गये।

मेला महोत्सव संपादित करें

यहाँ प्रति वर्ष फाग फूलना मेला महोत्सव होता है। यहाँ लगभग २५ मेले भर चुके हैं। यहाँ सागर वालों का,मल्लूसाव नागपुर का एवं चतरो सेठानी का मेला प्रसिद्ध है।

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संदर्भ संपादित करें

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