नीलकंठ

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नीलकंठ के कई अर्थ हो सकते हैं:-

दशमी के दिन नीलकंठ पक्षी को देखना बहुत शुभ माना जाता है। नीलकंठ पक्षी आसमानी और नीला रंग का होता है, इसके गले में गहरा नीला रंग होने के वजह से इनको नीलकंठ पक्षी कहा जाता है, वैसे ये पक्षी अन्य दिन दिखते रहते है, पर दशमी दशहरे के दिन जल्दी से दिखाई नहीं देता है। पूर्वी भारत के झारखण्ड, बिहार, उत्तर प्रदेश कई क्षेत्रों में इन्हें क्षेत्रीय लोग दशमी के दिन नीलकंठ पक्षी को टेंस राजा बोल कर संबोधित करते है, ऐसा माना जाता है की दशमी के दिन नीलकंठ पक्षी को देखने पर लोग उसे उड़ते हुए देखते है, और उन्हें "टेंस राजा सलाम" बोलकर अपना दिन शुभ करते है। उनका मानना है की ऐसा करने जतरा (शुभ दिन गुजरना) बनता है। उनका ये भी मानना है की दशमी के दिन नीलकंठ पक्षी को बैठे हुए नहीं देखना चाहिए, इसलिए दशमी के दिन अगर नीलकंठ पक्षी को बैठे देखते है तो आवाज देकर या नजदीक जाकर उसे उड़ा देते है और उड़ते हुए देखते है और नजर फेर लेते हैं, क्योंकि दोबारा अगर बैठे हुए देख लिया तो जतरा नहीं बनता है दिन उतना शुभ नहीं गुजरता ऐसा उनलोगों का मानना है। वो लोग पक्षी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते बस उन्हें देखते है, उन्हें उड़ा देते है।