नुरहाची (मान्छु: ᠨᡠᡵᡤᠠᠴᡳ ,nurgaci ; चीनी: 努尔哈赤, अंग्रेज़ी: Nurhaci; जन्म: सन् १५५९; देहांत: ३० सितम्बर १६२६) एक प्रसिद्ध जुरचेन ख़ान (सरदार) था जिसने १६वीं शताब्दी के अंत में मंचूरिया के जुरचेन क़बीलो को एकत्रित किया और शक्तिशाली बनाया। अपने जीवनकाल में उसने आधुनिक चीन के उत्तर-पूर्वी लियाओनिंग प्रान्त के क्षेत्र पर क़ब्ज़ा कर लिया जहाँ से उसके वंशजों ने आगे चलकर पूरे चीन पर फैलकर चिंग राजवंश के नाम से अपना राज चलाया। नुरहाची अइसिन गियोरो परिवार का सदस्य था और उसने सन् १६१६ से १६२६ में अपनी मृत्यु तक शासन किया। मान्छु भाषा के लिए मान्छु लिपि को बनवाने का श्रेय भी नुरहाची को ही दिया जाता है।[1]

नुरहाची

इन्हें भी देखें

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  1. The Cambridge History of China, Volume 9 Archived 2014-01-03 at the वेबैक मशीन, Willard J. Peterson, Cambridge University Press, 2002, ISBN 978-0-521-24334-6, ... In 1599 he had two of his advisors create what became the Manchu script by adapting the Mongolian alphabet ...