डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स में सात प्रकार के लॉजिक गेट (तर्क द्वार) होते हैं, उनमें से एक नैण्ड गेट है। नैण्ड गेट (नकार-ऐण्ड) एक डिजटल तर्क द्वार है जिसके दो या अधिक इनपुट और एक आउटपुट होते है। इसका व्यवहार ऐण्ड गेट से बिलकुल विपरीत होता है। जब इसके सारे इनपुट को लॉजिक हाइ (1) दिया जाय तब इसका आउटपुट लॉजिक लो (0) होता है और अन्य संयोजन में इसका आउटपुट लॉजिक हाइ (1) होता है। इसके विशेषताओं के कारण इसे सार्वभौमिक तर्क द्वार (यूनिवर्सल लॉजिक गेट) भी कहा जाता है, जिससे अन्य लॉजिक गेटों का निर्माण बडी आसानी से किया जा सकता है।
इसके इनपुट A और B है तो आउटपुट Y=A.B होता है। अगर दो से अधिक इनपुट हो तो इसका आउटपुट Y=A.B.C...... होता है। इस गेट का व्यवहार ट्रुथ टेबल में दिखया गया है जिसमे दो इनपुट और एक आउटपुट है। इलेक्ट्रॉनिक्स में लॉजिक हाइ (1) का अर्थ +५ वोल्ट (+5v) है और लॉजिक लो (0) का अर्थ ० वोल्ट (0v) है।
डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स में नैण्ड गेट बहुत महत्व्पूर्ण है क्योंकि किसी भी बूलियन फंक्शन को कुछ नैण्ड गेट के संयोजन से कार्यान्वित किया जा सकता है। इस गुण को कार्यात्मक पूर्णता कहा जाता है। डिजिटल सिस्टम के कुछ तर्क सर्किट इस गेट के कार्यात्मक पूर्णता का लाभ उठाते है।
नैण्ड गेट के तीन तर्क प्रतीक है। वह एम.ऐ.एल/ए.एन.एस.ऐ प्रतीक, ऐ.इ.सी प्रतीक, और पदावनत डी.ऐ.एन प्रतीक है। डी.ऐ.एन प्रतीक कुछ पुरानी किताबों में पाया जा सकता है,और ए.एन.एस.ऐ प्रतीक मानक ऐण्ड गेट और एक बुलबुले के के साथ दिखाया गया है।
नैण्ड गेट सार्वभौमिक तर्क द्वरों में से एक है, और यह टीटीएल (ट्रांजिस्टर-ट्रांजिस्टर लॉजिक) और सीएमओएस (कॉम्प्लिमेंटरी मेटल ऑक्साइड सेमीकंडक्टर) आईसी के रूप में पहचाने जाते हैं। इन दोनो आईसी में तर्क द्वारों की व्यवस्ठा बहुत अलग है। टीटीएलआईसी में केवल ५ वोल्ट प्रदान किया जा सकता है और सीएमओएसआईसी में १५ वोल्ट तक प्रदान किया जा सकता है।
नैण्ड गेट में कार्यात्मक पूर्णता का गुण है। अर्थात किसी भी तर्क द्वार का निर्माण इस गेट से किया जा सकता है। इससे एक पूरे प्रोसेसर को केवल नैण्ड गेट के उपयोग से बनाया जा सकता है। और नैण्ड टीटीएलआईसी को बनाने में नॉर गेट से भी कम ट्रांजिस्टर के उपयोग किया जाता है।
प्रस्तुत चित्रों में नैण्ड गेट को कार्यान्वित करने के लिये डायोड, ट्रांजिस्टर, मल्टीप्ल-एमिटर ट्रांजिस्टर और मॉसफेट का उपयोग किया गया है।