न्यातापोला मंदिर (नेपाली: 𑐒𑐵𑐟𑐵𑐥𑑀𑐮𑑃‎/𑐒𑐵𑐟𑐵𑐥𑑀𑐮𑑂𑐴𑑃‎, देवनागरी: तापोलं जहां: न्याया) नेपाल के भक्तपुर में स्थित एक पांच मंजिला शिवालय है। यह विशिष्ट पत्थर और धातु से निर्मित है और लकड़ी के शिल्प कौशल के साथ यह सुशोभित है। अब तक यह कम से कम चार बड़े भूकंपों से बचा है। यह मंदिर सिद्धि लक्ष्मी को समर्पित है, जो एक तांत्रिक देवी है और शुभता प्रदान करती हैं पर कुछ लोग इन्हें माता लक्ष्मी समझने की भूल कर बैठते हैं।[1][2] यह नेपाल के दो स्वतंत्र पांच मंजिला मंदिरों में से एक है, दूसरा मंदिर पाटन दरबार क्षेत्र के उत्तरी भाग में स्थित कुंभेश्वर मंदिर है।[3] यह मंदिर नेवारी राजा भूपतीन्द्र मल्ल के शासनकाल के दौरान नेपाल संवत् 822 में 7 महीने की अवधि के दौरान बनाया गया था, अर्थात 1702ई॰ से 1703ई॰ तक के बीच में।

न्यातापोला मंदिर ("ङातापोलँ")
NYATAPOLA
न्यातापोला मंदिर की 1854 की तस्वीर
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धताहिन्दू धर्म
देवतासिग्धि लक्ष्मी
त्यौहारमोहनी त्योहार, नेपाल
अवस्थिति जानकारी
ज़िलाभक्तपुर
देशनेपाल
न्यातापोला मंदिर is located in नेपाल
न्यातापोला मंदिर
नेपाल में स्थिति
भौगोलिक निर्देशांक27°40′17″N 85°25′43″E / 27.67139°N 85.42861°E / 27.67139; 85.42861निर्देशांक: 27°40′17″N 85°25′43″E / 27.67139°N 85.42861°E / 27.67139; 85.42861
वास्तु विवरण
प्रकारपगोडा

न्यातापोला मंदिर भक्तपुर का सबसे ऊंचा स्मारक है। भक्तपुर के स्थानीय लोगों की एक मान्यता ​​है कि शहर में कोई अन्य स्मारक न्यातापोला से ऊंचा नहीं बन सकता और इससे ऊंची कोई भी इमारत कभी बनी है तो वह लगातार बिजली की चपेट में आई है। इस प्रकार यह मंदिर भक्तपुर के लोगों के लिए एक महान सांस्कृतिक महत्व का केन्द्र है क्योंकि शहर के कई अन्य लोककथाएं इस स्मारक पर आधारित हैं। न्यातापोला क्षेत्र भक्तपुर शहर को ठाणे और कोन्हे दो भागों में विभाजित करता है।[4][5]

स्थिति संपादित करें

भक्तपुर नेपाल में काठमांडू उपत्यका के तीन शहरों में से एक है। यह राजधानी शहर काठमांडू से ज्यादा दूर नहीं है। भक्तपुर नाम का अर्थ "भक्तों का शहर" है। पंद्रहवीं शताब्दी का यह प्राचीन और मध्यकालीन शहर आज युनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है, जो उन इमारतों को सुरक्षित रखता है जो सार्वभौमिक रूप से सांस्कृतिक और प्राकृतिक मूल्य के हैं।[6]

निर्माण संपादित करें

"सिद्धग्नि कोत्याहुति देवल प्रतिष्ठा" के अनुसार राष्ट्रीय अभिलेखागार में रखी गई एक नेवारी पांडुलिपि से पता चलता है कि मंदिर को पाटन और अन्य पड़ोसी समुदायों जैसे बानेपा, पनौती, संगा, धुलीखेल की मदद से केवल 7 महीनों में बनाया गया था। यह उस समय में बनाया गया था जब भारत में ताजमहल भी निर्माणाधीन था। मंदिर के त्वरित निर्माण का मुख्य कारण सभी आवश्यक कच्चे माल की अग्रिम तैयारी और नेपाल मंडल के लोगों द्वारा उदार सहायता को माना जाता है। निर्माण कार्य समाप्त होने के बाद, आभारी राजा भूपतिंद्र मल्ल ने सभी सहायकों के लिए एक भव्य दावत का आयोजन किया था। ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, भव्य भोज समारोह में 30,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। पांडुलिपि में यह भी कहा गया है कि मल्ल राजा ने मंदिर में लगे सभी प्रकार की ईंटों के लिए 7 ईंट कारखाने का निर्माण किया था। उपर्युक्त पांडुलिपि के अनुसार निर्माण के दौरान 1,135,350 ईंट का प्रयोग किया गया था, इसके अतिरिक्त 123,304 ईंटों का उपयोग अन्य चीज़ों को बनाने में किया गया था। शिवालय की सभी पांचों छतों पर लगभग 528 छोटी घंटियाँ टंगी हैं। ऐसा माना जाता है कि मूल रूप से 529 घंटियाँ बनाई गई थीं और केवल 528 का उपयोग किया गया था। बची हुई एक घंटी बाद में खो गई थी। खोई हुई घंटी बाद में स्थानीय लोककथाओं का एक अभिन्न अंग बन गई, जिसके गायब होने से जुड़ी कई कहानियाँ आज उपलब्ध है, कई लोगों ने कहा कि बेताल या बीटा डियो नाम का बच्चा एक रात निर्माण स्थल पर आया और एक घंटी ले गया। यह भी कहा जाता है कि बीटा डियो ने ही मंदिर के शीर्ष पर गजू (स्वर्ण शिखर) स्थापित किया था। आज उनकी पेंटिंग चौक पर एक पत्थर के चबूतरे पर देखी जा सकती है।[7][8][9][10]

इन्हें भी देखें संपादित करें

कुंभेश्वर मंदिर

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Nyatapola, the tallest pagoda of Nepal". Bhaktapur.com. 2019.
  2. "Work index of Nyatapola temple". Goliath Business News. अभिगमन तिथि 9 September 2009.
  3. "Kumbheshwor Temple, Kathmandu - Patan". Radha.name. अभिगमन तिथि 2016-12-31.
  4. ङातापोल्हँ जीर्णोद्धार २०७७ (नेपाली में). Nepal: Bhaktapur Municipality. 2021. पपृ॰ 33–50. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-9937-0-8663-9.
  5. Machamasi, Amit (2021). "Biska celebration begins in Bhaktpaur". Nepali TImes.
  6. "Bhaktapur | Complete travel guide information about Bhaktapur city". अभिगमन तिथि 28 नवम्बर 2021.
  7. "Nyatapola restoration, best utilization of lockdown". Bhaktapur.com. 2020.
  8. "Bhaktapur's Nyatapola receives post-earthquake facelift". The Kathmandu Post. 2020.
  9. Nyatapola Jirnodwar (नेवाड़ी और नेपाली में). Bhaktapur: Bhaktapur Municipality. 2021. पृ॰ 55. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-9937-0-8663-9.
  10. Suwal, Prem (2021). "ङातापोल्हँ गणितीय र वास्तुकलामा विश्वकै नमुना". Majdoor Dainak.