पनामा नहर
पनामा नहर (स्पेनी: Canal de Panamá) मानव निर्मित एक जलमार्ग अथवा जलयान नहर है जो पनामा में स्थित है और प्रशांत महासागर तथा (कैरेबियन सागर होकर) अटलांटिक महासागर को जोड़ती है। इस नहर की कुल लम्बाई 82 कि॰मी॰, औसत चौड़ाई 90 मीटर , न्यूनतम गहराई 12 मीटर है। यह नहर पनामा स्थलडमरूमध्य को काटते हुए निर्मित है और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रमुखतम जलमार्गों में से एक है। पनामा नहर पर में पनामा देश का नियंत्रण है। पनामा नहर जल पास या जल लोक पद्धति पर आधारित है।
पनामा नहर | |
---|---|
![]() पनामा नहर का व्यवस्थानुरेखण, जिसमें लॉक्स और जलमार्गों का क्रम दिखाया गया है | |
विशिष्टताएँ | |
जलपाश |
3 जलपाश ऊपर की ओर और 3 नीचे की ओर हर पारगमन में, दोनों लेन में (दो लेन में तीन स्थलों पर जलपाश) |
स्थिति | खुली हुई (चालू); एक्सटेंशन निर्माणाधीन |
संचालन प्राधिकरण | पनामा नहर प्राधिकरण |
इतिहास | |
पूर्व नाम | panama river |
मूल स्वामी | La Société internationale du Canal |
मुख्य अभियंता | जॉन फिंडले वैलाक (1904–05), जॉन फ्रैंक स्टीवेंस (1905–07), जॉर्ज वाशिंगटन गोथल्स (1907–14) |
प्रथम उपयोग तिथि | अगस्त 15, 1914 |



अमेरिका के पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच की दूरी इस नहर से होकर गुजरने पर तकरीबन 8000 मील (12,875 कि॰मी॰) घट जाती है क्योंकि इसके न होने की स्थिति में जलपोतों को दक्षिण अमेरिका के हॉर्न अंतरीप से होकर चक्कर लगाते हुए जाना पड़ता था। पनामा नहर को पार करने में जलयानों को 8 घंटे का समय लगता हैं।
इस नहर का निर्माण 14 अगस्त 1914 को पूरा हुआ और 15 अगस्त 1914 को यह जलपोतों के आवागमन हेतु खोल दी गई। अभी हाल ही में (14 अगस्त 2014 को) पनामा नहर के निर्माण की 100वीं बरसी मनाई गयी है।[1] जब यह नहर बनी थी तब इससे लगभग 1000 जलपोत प्रतिवर्ष गुजरते थे और अब सौ वर्षों बाद इनकी संख्या लगभग 42 जलपोत प्रतिदिन हो चुकी है।
यह नहर अपने आप में अभियांत्रिकी की एक बड़ी उपलब्धि और विलक्षण उदाहरण भी मानी जाती है। यह नहर एक मीठे पानी की गाटुन झील से होकर गुजरती है और चूँकि इस झील का जलस्तर समुद्रतल से 26 मीटर ऊपर है, इसमें जलपोतों को प्रवेश करने के लिये तीन लॉक्स का निर्माण किया गया है जिनमें जलपोतों को प्रवेश करा कर और पानी भरकर उन्हें पहले ऊपर उठाया जाता है, ताकि यह झील से होकर गुजर सके।
इन लॉक्स की वर्तमान चौड़ाई 35 मीटर है और यह समकालीन बड़े जलपोतों के लिये पर्याप्त नहीं है अतः इसके विस्तार का प्रोजेक्ट चल रहा है जिसके 2015 तक पूरा होने की उम्मीद है।
पनामा नहर को अमेरिकन सोसायटी ऑफ सिविल इंजीनियर्स ने आधुनिक अभियांत्रिकी के सात आश्चर्यों में स्थान दिया है।[2]
इतिहास
संपादित करेंआरंभिक प्रयास
संपादित करेंपनामा नहर के निर्माण की सबसे पहली योजना स्पेन के राजा और पवित्र रोमन साम्राज्य के सम्राट चार्ल्स पंचम ने सन् 1534 में पास की और इस हेतु सर्वेक्षण के लिये निर्देश जारी किये ताकि स्पेनी व्यापारियों और सेना को पुर्तगालियों से बेहतर जलमार्ग मिल सके और वे इसका लाभ उठा सकें।[3][4] स्त्रतेजिक और व्यापारिक हितों की महत्वपूर्णता और दोनों नए खोजे गये महाद्वीपों के मध्य स्थित पनामा स्थलडमरूमध्य की कम चौड़ाई के बावजूद यहाँ व्यापारिक मार्ग बनाने का पहला प्रयास 1658 में स्काटलैण्ड राज्य द्वारा किया गया जो एक स्थल मार्ग था और खराब पर्यावरणीय दशाओं और उच्चावच की विषमता के कारण इसे 1700 में लगभग छोड़ ही दिया गया।[5]
1855 में विलियम कनिश नामक इंजीनियर ने संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार के लिये काम करते हुए इस इलाके का सर्वेक्षण किया और रिपोर्ट प्रस्तुत की[6] पुनः 1877 अरमांड रेक्लस (Armand Reclus) नामक फ़्रांसीसी सैन्य अधिकारी (इंजीनियर) और लूसियान नेपोलियन नामक इंजीनियरों ने मिलकर नहर के निर्माण मार्ग का सर्वेक्षण किया[7] जिसके पीछे फ़्रांसीसियों द्वारा स्वेज़ नहर के निर्माण की उपलब्धियों का उत्साह था।
निर्माण
संपादित करेंफ़्रांस द्वारा यहाँ नहर बनाए जाने का कार्य 1 जनवरी 1881 को फर्डिनेंड डी लेसप के नेतृत्व में शुरू हुआ जो स्वेज नहर का निर्माणकर्ता था।
भूगर्भिक और जलवैज्ञानिक अध्ययनों के बिना आरम्भ किये गये इस कार्य में अन्य कई बाधाएं भी आयीं जिनमें यहाँ की असह्य जलवायवीय दशाओं और मच्छरों की बहुतायत के कारण बीमारियों तथा अन्य दुर्घटनाओं में तकरीबन 22,000 कर्मियों की जानें गयीं।
अंततः 1889 में यह निर्माता कंपनी दिवालिया हो गयी और फर्डिनेंड डी लेसप के बेटे चार्ल्स डी लेसप को वित्तीय अनियमितताओं के आरप में (जिसे पनामा स्कैंडल कहा गया) पाँच वर्षों की कैद हो गयी। कंपनी को निरस्त कर दिया गया और काम रुक गया। 1894 में एक दूसरी कंपनी कुम्पनी नौवेल्ले दू कैनल डे पनामा (Compagnie Nouvelle du Canal de Panama) बनी लेकिन इसके प्रयास भी सफल नहीं हुए।
अमेरिकी निर्माण
संपादित करेंबाद में अमेरिकी सरकार ने कोलंबिया सरकार के साथ संधि करते हुए इस क्षेत्र का अधिग्रहण (तब यह कोलंबिया देश के अंतर्गत था) किया और 1904 में अमेरिकी इंजीनियरों ने कार्य आरम्भ किया जिसमें इस नहर को तीन लॉक्स के साथ बनाने की शुरूआत हुई।
अमेरिकियों ने काफ़ी आध्ययन और निवेश के बाद 1914 में इसे पूरा किया। एक तरह से देखा जाय तो वास्को डी बिल्बोया द्वारा पनामा डमरूमध्य के पार करने के लगभग 400 वर्षों के बाद इस नहर का निर्माण हो पाया। इस प्रोजेक्ट में अमरीकी सरकार ने लगभग $375,000,000 (वर्तमान सम्तुल्य्क $8,600,000,000) खर्च किये[8]
तमाम परिवर्तनों, विवादों और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में इसकी निष्पक्ष स्थिति को बनाये रखने हेतु लगभग 80 किलोमीटर लंबी इस नहर का प्रशासन 31 दिसम्बर 1999 को पनामा को सौंप दिया गया।
संचालन
संपादित करेंसंचालन के मामले में भी यह नहर अद्वितीय है क्योंकि यह दुनिया का अकेला ऐसा जलमार्ग है जहां किसी भी जहाज का कप्तान अपने जहाज का नियंत्रण पूरी तरह पनामा के स्थानीय विशेषज्ञ कप्तान को सौंप देता है।[1] प्रशांत और अटलांटिक महासागर के बीच बनी इस नहर से गुजरने के लिए हजारों टन भारी जहाज को लॉक में पानी भरकर 85 फीट ऊपर उठाया जाता है।
पूरे लॉक तन्त्र को पार करने के लिये पहले जहाज को सबसे निचले लॉक में लाया जाता है, फिर लॉक को बंद कर उसमें शक्तिशाली पम्पों द्वारा पानी भरा जाता है। इस प्रकार पानी से जहाज ऊपर उठने लगता है। तत्पश्चात भारी और बेहद ताकतवर लोकोमोटिव इंजन जहाज को पार्श्वों से टकराने से बचाते हुए खींचते हैं और दूसरे लॉक में ले जाते हैं। फिर दूसरे लॉक में भी यही काम दुहराया जाता है, पानी भरना, जहाज को खींचना और आगे बढ़ना। तीन लॉकों के जरिए ऊपर उठने के बाद जहाज मीठे पानी की कृत्रिम झील, गाटून झील, से गुजरते हैं। दूसरे छोर पर पहुंचने के बाद जहाजों को फिर इसी प्रक्रिया के द्वारा 85 फीट नीचे ले जाकर महासागर में उतार दिया जाता है।
यहाँ यातायात प्रबंधन के लिये पूर्णतया कम्प्यूटरीकृत सिस्टम लगा हुआ है जिससे इस नहर से गुजरने वाले जलपोतों का संचालन सुविधाजनक ढंग से किया जा सके।[9]
नहर की क्षमता
संपादित करेंवर्तमान समय में दुनिया भर में व्यापार के लिए चलने वाले 5 प्रतिशत पानी के जहाज पनामा से होकर गुजरते हैं।
फिलहाल पनामा नहर से सिर्फ वे ही जहाज गुजर पाते हैं जो 1050 फीट लंबाई, 110 फीट चौड़ाई और 41.2 फीट गहराई के भीतर आते हैं। हालाँकि आधुनिक जहाज आकार में काफी बड़े हो चुके हैंऔर इसी लिये यहाँ एक नया लॉक बनाया जा रहा है। नहर में तैयार किए जा रहे नए लॉक 12000 कंटेनरों वाले बड़े जहाजों के साइज के अनुरूप होंगे जिनके चैंबर 1400 फीट लंबे, 180 फीट चौड़े और 60 फीट गहरे बनाए जाने की योजना है और साथ ही नए लॉक में जलपोतों को खींचने के लिए लोकोमोटिव की जगह टगबोट लगाये जायेंगे।[1]
पनामा नहर को चौड़ा करने के काम को तीसरे सेट के लॉक का प्रोजेक्ट भी कहा जाता है। इसके 2015 तक पूरा हो जाने पर पनामा नहर से पहले के मुकाबले ज्यादा बड़े आकार के जहाज गुजर सकेंगे जिससे कि इस मार्ग का ज्यादा इस्तेमाल हो सकेगा। नहर को चौड़ा करने और बड़े जहाजों के लिए नए लॉक बनाने का यह प्रोजेक्ट स्पेन और इटली की कंपनियों के नियंत्रण वाली 'ग्रूपो यूनिडोस पोर एल कनाल कंसोर्टियम' (जीयूपीसी) के पास है। उम्मीद है कि नए तीसरे सेट के लॉक तैयार हो जाने पर मार्ग की क्षमता दोगुनी हो जाएगी। प्रोजेक्ट के अंतर्गत नहर के दोनों सिरों अटलांटिक महासागर की तरफ और प्रशांत महासागर की तरफ एक एक नए लॉक कॉम्प्लेक्स बनाए जाने हैं। प्रत्येक में पानी जमा करने के तीन चैंबर होंगे जिनकी मदद से पोत विस्थापित किए जाएंगे।[1]
विवाद और समस्याएँ
संपादित करें2014 में पनामा नहर चलाने वाली कंपनी एसीपी और नहर का विस्तार कर रही कंपनी जीयूपीसी के बीच वित्तीय आवश्यकताओं को लेकर विवाद हो गया था।[10] जीयूपीसी का कहना था कि संचालक कंपनी के दोषपूर्ण भूगर्भीय अध्ययन के कारण पनामा नहर को चौड़ा करने के काम में बजट को बढ़ाने का सवाल खड़ा हो गया है और पहले से पास बजट में यह कार्य नहीं पूरा किया जा सकता।[11]
स्पेनी कंपनी साकिर के अनुसार जीयूपीसी ने पिछले हफ्ते औपचारिक रूप से एसीपी तक संदेश पहुंचा दिया था कि अगर निर्धारित अवधि में मंजूरी नहीं मिलती है तो काम रोक दिया जाएगा। इसके लियेसकिर ने 1.2 अरब यूरो अतिरिक्त देने की माँग की और ऐसा न होने पर काम रोक देने कि धमकी दे दी थी। बाद में मध्यस्थता के सिलसिले में आना पास्टोर कंपनियों के प्रतिनिधियों के अलावा पनामा के राष्ट्रपति रिकार्डो मार्टिनेली को भी उतरना पड़ा था और तब जाकर यह विवाद शांत हुआ।[12]
इसी के साथ ही यहाँ से गुजरने वाले जलपोतों और लॉक्स में पानी भरे जाने तथा छोड़े जाने से गातुम झील की पर्यावरणीय गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। पर्यावरण कार्यकर्ताओं के अनुसार झील का पानी खारा होता जा रहा है और इसके जलजीवों और जैवविविधता पर खतरा मंडरा रहा है ऐसे में नए और बड़े लॉक्स का निर्माण स्थितियों को और बिगाड़ेगा।[11]
पनामा सरकार पर यह आरोप भी लगे हैं कि इस नहर से होने वाली आय से यहाँ के निवासियों के लिये कुछ नहीं होता और ऐसा प्रतीत होता है कि नहर का विस्तार केवल बड़ी कंपनियों के हितों के लिये हो रहा है[11]
प्रतिद्वंदिता में निकारागुआ नहर
संपादित करेंहाल ही में चीन की सहायता से निकारागुआ में भी नहर बनाये जाने की योजना है।[13] हालाँकि इसके बनाये जाने का पर्यावरणविद काफ़ी विरोध कर रहे हैं और यह भी माना जा रहा है कि इसमें खर्च ज्यादा होगा और लाभ कम।[14]
ये भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ इ ई "पनामा नहर के 100 साल". डॉयचे वेले. Archived from the original on 26 अगस्त 2014. Retrieved 25-अगस्त-2014.
{{cite web}}
: Check date values in:|accessdate=
(help) - ↑ "Seven Wonders" [सात आश्चर्य] (in अंग्रेज़ी). अमेरिकन सोसायटी ऑफ सिविल इंजीनियर्स. Archived from the original on 2 अगस्त 2010. Retrieved 25 अगस्त 2014.
- ↑ "History of the Panama Canal: French and American Construction Efforts" [पनामा नहर का इतिहास: फ्रेंच और अमेरिकी निर्माण के प्रयास] (in अंग्रेज़ी). पनामा नहर प्राधिकरण. Archived from the original on 15 दिसंबर 2014. Retrieved 25 अगस्त 2014.
{{cite web}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ "Some Early Canal Plans" [कुछ शुरुआती नहर योजनाएं] (in अंग्रेज़ी). Archived from the original on 2 जनवरी 2015. Retrieved 25 अगस्त 2014.
- ↑ "Darien Expedition" [डेरियन अभियान] (in अंग्रेज़ी). Archived from the original on 19 जुलाई 2011. Retrieved 25 अगस्त 2014.
- ↑ "Manx Worthies" [मैंक्स वर्थीस] (in अंग्रेज़ी). Archived from the original on 28 जून 2015. Retrieved 25 अगस्त 2014.
- ↑ जेरार्ड फ़ॉकनर (2004). Panama: Armand Reclus et le canal des deux océans [पनामा: अरमांड रेक्लस और दो महासागरों का चैनल] (in फ़्रेंच). वर्जिनिया विश्वविद्यालय. Archived from the original on 17 जुलाई 2014. Retrieved 25 अगस्त 2014.
{{cite book}}
: zero width space character in|trans-title=
at position 28 (help) - ↑ "Read our history: American Canal Construction" [हमारे इतिहास पढ़ें: अमेरिकी नहर निर्माण] (in अंग्रेज़ी). पनामा नहर प्राधिकरण. Archived from the original on 15 दिसंबर 2014. Retrieved 25 अगस्त 2014.
{{cite web}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ "Enhanced Vessel Traffic Management System" [संवर्धित पोत यातायात प्रबंधन प्रणाली] (in अंग्रेज़ी). पनामा नहर प्राधिकरण. Archived from the original on 26 अगस्त 2014. Retrieved 26-अगस्त-2014.
{{cite web}}
: Check date values in:|accessdate=
(help) - ↑ "बढ़ती लागतों पर उठे विवाद के कारण पनामा नहर को चौड़ा करने का काम रुका". जागरण जोश. Archived from the original on 8 नवंबर 2015. Retrieved 25-अगस्त-2014.
{{cite web}}
: Check date values in:|accessdate=
and|archive-date=
(help) - ↑ अ आ इ "विवादों में घिरी पनामा नहर". डॉयचे वेले. Archived from the original on 26 अगस्त 2014. Retrieved 25-अगस्त-2014.
{{cite web}}
: Check date values in:|accessdate=
(help) - ↑ "पनामा नहर विवाद में स्पेन की मध्यस्थता". डॉयचे वेले. Archived from the original on 26 अगस्त 2014. Retrieved 25-अगस्त-2014.
{{cite web}}
: Check date values in:|accessdate=
(help) - ↑ "Hiina firma tahab ehitada uue Ameerika kanali" [एक चीनी कंपनी अमेरिका में एक नई नहर का निर्माण करना चाहती हैं] (in एस्टोनियाई). Archived from the original on 22 दिसंबर 2013. Retrieved 25 अगस्त 2014.
{{cite web}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ "क्या दूसरी पनामा नहर की ज़रूरत है?". रेडियो रूस. Archived from the original on 26 अगस्त 2014. Retrieved 25-अगस्त-2014.
{{cite web}}
: Check date values in:|accessdate=
(help)
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- पनामा नहर प्राधिकरण की वेबसाईट— नहर कैसे काम करती है इसकी जानकारी
- पनामा नहर विस्तार प्रोजेक्ट की वेबसाइट
- Making the Dirt Fly, Building the Panama Canal Smithsonian Institution Libraries
- नहर-संग्रहालय— इतिहास, चित्र और कहानियाँ
- निर्माण के दौरान लिये गये स्टीरियोग्राफिक चित्र कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय
- A.B. Nichols Panama Canal Collection at the Linda Hall Library अभिलेखीय संग्रह, इंजीनियर औरिन निकोलस, द्वारा संग्रहीत