परम्परा (1993 फ़िल्म)
परम्परा 1993 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित है। इसमें सुनील दत्त, विनोद खन्ना, आमिर खान, सैफ अली खान, नीलम, रवीना टण्डन, अश्विनी भावे, रम्या कृष्णन और अनुपम खेर जैसे कलाकार शामिल हैं। यह सैफ की पहली फिल्म है।
परम्परा | |
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परम्परा का पोस्टर | |
निर्देशक | यश चोपड़ा |
लेखक | राही मासूम रज़ा (संवाद) |
पटकथा | हनी ईरानी |
निर्माता | फ़िरोज़ नाडियावाला |
अभिनेता |
सुनील दत्त, विनोद खन्ना, आमिर खान सैफ अली खान, नीलम, रवीना टण्डन, अश्विनी भावे |
संगीतकार | शिव-हरि |
प्रदर्शन तिथियाँ |
14 मई, 1993 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
इसको बड़ी उम्मीदों के साथ 14 मई 1993 को दुनिया भर में जारी किया गया था। व्यावसायिक रूप से, यह फिल्म टिकट खिड़की पर असफल रही।[1] यह आखिरी बार रहा जब यश चोपड़ा ने अपने प्रोडक्शन हाउस यश राज फ़िल्म्स के बाहर की फ़िल्म को निर्देशित किया।
संक्षेप
संपादित करेंधनी ठाकुर भवानी सिंह (सुनील दत्त) भारत के एक दूरदराज के इलाके में रहते हैं। उनकी गोरा शंकर (अनुपम खेर) के नेतृत्व वाले एक स्थानीय बंजारे कबीले के साथ कड़ी प्रतिद्वंद्विता है। वर्षों पहले परम्परा अनुसार, भवानी सिंह ने गोरा शंकर के पिता के खिलाफ द्वंद्व युद्ध लड़ा और उन्हें मार डाला। भवानी का बेटा पृथ्वी (विनोद खन्ना) लंदन से लौटता है और शंकर और उसके साथियों से दोस्ती कर लेता है। इससे उसके पिता को बहुत निराशा होती है। जैसे-जैसे पृथ्वी करीब आता है उसे शंकर की बहन तारा (रम्या कृष्णन) से प्यार हो जाता है। हालाँकि, उसके पिता ने पृथ्वी की शादी एक उच्च वर्ग के परिचित की बेटी के साथ तय की हुई है। पृथ्वी अपना मन नहीं बना पाता है और अंततः अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध तारा से विवाह कर लेता है - और बाद में अपने पिता की पसंद की लड़की राजेश्वरी (अश्विनी भावे) से विवाह कर लेता है।
बाद में, भवानी सिंह को पता चलता है कि तारा ने पृथ्वी के बेटे को जन्म दिया है। वह गुस्से में आकर अपने आदमियों को बंजारों के कबीले पर हमला करने और तारा, उसके बेटे और रास्ते में आने वाले किसी भी व्यक्ति को मारने का आदेश देता है। ठाकुर के लोग वहां आग लगा देते हैं जिससे तारा की मौत हो जाती है। लेकिन उसका बेटा रणवीर बच जाता है। शंकर हमले में बच जाता है और बदला लेने के लिए भवानी सिंह को मारने के लिए आगे आता है। लेकिन उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है और जेल में डाल दिया जाता है। पृथ्वी, अपने पिता से कहता है कि वह कभी भी उसकी उपस्थिति को स्वीकार नहीं करेगा। फिर राजेश्वरी अपने पति का सम्मान और प्यार अर्जित करते हुए, उसे बचाए गए रणवीर से मिलवाती है। राजेश्वरी एक बेटे प्रताप को जन्म देती है, जिसे भवानी सिंह अपने सच्चे पोते के रूप में मानता है। रणवीर और प्रताप को पृथ्वी और राजेश्वरी द्वारा एक ही घर में पाला जाता है। लेकिन दोनों लड़कों को अंततः एहसास होता है कि दोनों के बीच एक अंतर है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- सुनील दत्त — ठाकुर भवानी सिंह
- विनोद खन्ना — ठाकुर पृथ्वी सिंह
- आमिर खान — रणवीर पृथ्वी सिंह
- अश्विनी भावे — राजेश्वरी सिंह
- रवीना टण्डन — विजया
- नीलम — सपना
- सैफ अली खान — प्रताप सिंह
- अनुपम खेर — गोरा शंकर
- रम्या कृष्णन — तारा शंकर
संगीत
संपादित करेंसभी गीत आनन्द बक्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत शिव-हरि द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "हम बंजारे दिल नहीं देते" | लता मंगेशकर, देवकी पंडित | 6:33 |
2. | "फूलों के इस शहर में" | लता मंगेशकर, अभिजीत | 5:24 |
3. | "तू सावन मैं प्यास पिया — उल्लसित संस्करण" | लता मंगेशकर | 4:35 |
4. | "तू सावन मैं प्यास पिया — दुःखी संस्करण" | लता मंगेशकर | 3:58 |
5. | "मुझे इश्क़ हो गया" | असलम साबरी | 6:00 |
6. | "नौजवानों का ज़माना है" | कविता कृष्णमूर्ति, अनुपमा, विनोद राठौड़ | 3:00 |
7. | "मांगती है प्यासी धरती" | वृन्दगान | 4:03 |
8. | "आधी रात को" | लता मंगेशकर, अमित कुमार | 5:24 |
9. | "मेरे साथिया" | लता मंगेशकर, अभिजीत | 6:11 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ डेस्क, एबीपी एंटरटेनमेंट (6 दिसम्बर 2023). "यश चोपड़ा के सामने गिड़गिड़ाकर मांगा था काम, फिर रोल मिलते ही ठुकरा दी फिल्म, एक्टर बोले- 'मैं ये मूवी नहीं करूंगा'". अभिगमन तिथि 13 फरवरी 2024.