परितारिका
यह लेख किसी और भाषा में लिखे लेख का खराब अनुवाद है। यह किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा लिखा गया है जिसे हिन्दी अथवा स्रोत भाषा की सीमित जानकारी है। कृपया इस अनुवाद को सुधारें। मूल लेख "अन्य भाषाओं की सूची" में "{{{1}}}" में पाया जा सकता है। |
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के लिए उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (जनवरी 2020) स्रोत खोजें: "परितारिका" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
परितारिका (iris/आइरिस ; बहुवचन : irides या irises)) मानव तथा अधिकांश स्तनधारियों एवं पक्षियों की आँख के भीतर की एक पतली वृत्ताकार संरचना है जिसका काम आँख के तारे (pupil) के व्यास को नियंत्रित करना होता है। इस प्रकार आइरिस, रेटिना पर पहुँचने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करती है। आँख का रंग परितारिका के रंग से ही परिभाषित होता है।
परितारिका | |
---|---|
The iris in humans is the colored (typically blue, green, or brown) area, with the pupil (the circular black spot) in its center, and surrounded by the white sclera. | |
Schematic diagram of the human eye. (Iris labeled at upper right) | |
विवरण | |
लातिनी | iris |
अग्रगामी | Mesoderm and neural ectoderm |
किसका भाग | Front of eye |
तंत्र | Visual system |
long posterior ciliary arteries | |
long ciliary nerves, short ciliary nerves | |
अभिज्ञापक | |
टी ए | A15.2.03.020 |
एफ़ एम ए | 58235 |
शरीररचना परिभाषिकी |
मानव आँख:- मानव आँख मूल रुप से "उतल लेंस" से बनी होती है, यह लेंस रेटिना पर किसी वस्तु को "वास्तविक या उल्टा" बनाता है।
रेटिना में दो प्रकार की द्रष्टि कोशिकाएं होती है,उन्हे छड़ और शंकु उनके अजीब आकार के कारण कहा जाता है।
छड़ प्रकाश तीव्रता का निर्णय करती है,
शंकू प्रकाश के रंगो को भेदते है।
स्पष्ट द्रष्टि की न्यूनतम दूरी 25 सेंटी मिटर होती है,
रेटिना पर छवी बनने के लिये 1 से 16 सैकण्ड तक का समय लगता है।
(1).कॉर्निया:- पारदर्शी उभार जिसके माध्यम से प्रकाश प्रवेश करता है।
(2).आइरिस:- यह पुतली के आकार को नियंत्रित करता है, तथा आँखों का रंग आइरिस का रंग हौता है।
(3).पुतली:- आँख में प्रवेश करनी वाली प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करता है,
(4).आँख का लेंस:- रेटिना पर वस्तु की आक्रति वास्तविक और उल्टे बनाता है।
(5).रेटिना:- झिल्ली प्रकाश-संवेदनशील कोशिकाएं रखती है,जो विद्धुत संकेतो को उत्पन्न करते है।
(6).प्रकाशिय तंत्रिका:- कार्य करने के लिये मस्तिष्क को सिग्नल स्थानान्तरित करता है।
(7).समंजन क्षमता:- पास और दूर की वस्तुओं पर ध्यान केन्द्रित करने की अपनी फोकस लम्बाई को समायोजित करने के लिये नेत्र लेंस की क्षमता।