पलाशी
पलाशी पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में स्थित एक कस्बा है। यहाँ पर १७५७ ई में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और अंग्रेजों के बीच भयंकर युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में अंग्रेजों की विजय हुई थी। इस विजय से भारत में अंग्रेजों के पाँव जम गये। युद्ध के बाद लार्ड कर्जन ने यहां पर अंग्रेजों की जीत का स्मारक भी बनवाया था। बांग्ला और संस्कृत में कई अन्य भाषाओं में 'पलाश' एक वृक्ष का नाम है जिसमें लाल फूल लगते हैं। हिंदी में 'पलाशी' को कभी-कभी 'पलासी' भी लिखा जाता है।
पलासी | |||||
— शहर — | |||||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||||
देश | भारत | ||||
राज्य | पश्चिम बंगाल | ||||
ज़िला | नदिया | ||||
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
• 17 मीटर (56 फी॰) | ||||
विभिन्न कोड
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निर्देशांक: 23°48′N 88°15′E / 23.80°N 88.25°E
पलासी की लड़ाई सन 1757 में ब्रिटीश ईस्ट इण्डिया कम्पनी और नवाब सिराजुद्दौला जो बंगाल के अंतिम शासक थे के बीच हुई थी, जिसमे ब्रिटिश के जीत के साथ हीं सिराजुद्दौला को मार दिया गया और मीर जाफर को बंगाल के नवाब बनाया जो कि अंग्रेज के कठपुतली थे।
भूगोल
संपादित करेंपलाशी की स्थिति 23°48′N 88°15′E / 23.80°N 88.25°E[1] पर है। यहां की औसत ऊंचाई 17 मीटर (56 फी॰) है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Falling Rain Genomics, Inc - Palashi". मूल से 5 फ़रवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मई 2009.