पॉलिमरेज शृंखला अभिक्रिया

pcr technique

आण्विक जीवविज्ञान में, पॉलिमरेज़ शृंखला अभिक्रिया (polymerase chain reaction (पीसीआर)), किसी डी एन ए सेगमेण्ट की एकाधिक प्रतिरूप तैयार करने के लिए बहुतायत में उपयोग में लायी जाने वाली एक विधि है। इसके लिए एक डी एन ए प्राइमर एवं टॉक पॉलिमरेज़ की आवश्यकता होती है। इसके लिए प्रयोग किया जाने वाला उपकरण थर्मोसाइकिलर होता है।

आठ पी सी आर ट्यूब्स वाली स्ट्रिप, जिसमें प्रत्येक में १००μली प्रतिक्रिया है
पुराने प्रकार का थर्मोसाइकिलर
जैल इलेक्ट्रोफोरेसिस के बाद इथीडियम ब्रोमाइड चिन्हित पीसीआर उत्पाद

डी एन ए अंगुली छापन से पूर्व पॉलिमरेज़ शृंखला अभिक्रिया की आवश्यकता होती है। इसका प्रयोग चिकित्सा एवं न्यायालयीय विज्ञान (फोरेन्सिक साइन्स) में अधिकतम किया जाता है।

पीसीआर के अनुप्रयोग

संपादित करें
  • पोलीमरेज श्रृंखला अभिक्रिया के द्वारा जीवों से पृथक किये गये (Isolated) डीएनए खंडो की कई प्रतिलिपिया (Copies) प्राप्त की जाती हैं।
  • पीसीआर के द्वारा रक्त सीरम में किसी रोगजनक की सूक्ष्म मात्रा का भी पता लगाया जा सकता है। अतः इसका उपयोग आण्विक निदान (Molecular Diagnosis) में भी होता है।
  • जीन के हेरफेर (Gene Manipulation) और डीएनए लाइबरेरी के निर्माण के लिए डीएनए खंडो का प्रचार (Propagate) करने में।
  • भ्रूण के लिंग निर्धारण में तथा लिंग सम्बन्धी विकारों का पता लगाना में।
  • फॉरेंसिक विज्ञान में : डीएनए अंगुलिछापी (डीएनए फिंगरप्रिंटिंग) में।
  • मैपिंग जीन के लिए पीसीआर उत्पादों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • आनुवंशिक रोगों का पता लगाने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • डीएनए के अनुक्रम को ज्ञात करने (DNA Sequencing) में भी पीसीआर का उपयोग किया जाता है।

पॉलीमरेज श्रृंखला अभिक्रिया के घटक

संपादित करें
1. लक्ष्य डीएनए (Target DNA)

वह वांछित डीएनए जिसमें प्रवर्धन के लिए आवश्यक अनुक्रम (Sequence) होते हैं।

2. ओलिगोन्युक्लियोटाइड प्राइमर

DNA के दोनों रज्जुकों के 3′ सिरे पर जुड़कर प्रतिलिपिकरण (replication) शुरु करता है।

3. टैक पॉलीमेरेज (Taq Polymerase)

यह तापस्थायी डीएनए पोलीमरेज़ एंजाइम है जो dNTP का उपयोग करके DNA के नये रज्जुक (strain) का संश्लेषण (synthesis) करता है। इसको थर्मस इक्वीटीकस जीवाणु से प्राप्त किया जाता है।

4. डीएनटीपी (dNTP) डीओक्सी न्यूक्लियोटाइड ट्राइफोस्फेट्स का उपयोग करके डीएनए का संश्लेषण किया जाता हैं। ये चार प्रकार के होत्ते है – dATP , dGTP, dTTP तथा dCTP .

5. Mg2+ आयन

ये पोलीमरेज एंजाइम के सह-कारक (Co-factor) के रूप में कार्य करते हैं।

6. बफर विलयन

एंजाइम की गतिविधि के लिए उपयुक्त pH प्रदान करता है।

7. प्रेरक (Promoter)

बीएसए (Bovine Serum Albumin ) पीसीआर की प्रक्रिया को बढ़ाता है।

8. संदमक (Inhibitor)

ह्युमिक अम्ल (Humic Acid) पीसीआर की प्रक्रिया को कम करता है।

पीसीआर के चरण

संपादित करें

पीसीआर चक्र में तीन चरण होते हैं-

पहला चरण
निष्क्रियकरण (Denaturation)

वांछित DNA युक्त अभिक्रिया मिश्रण को 1 मिनट के लिए 94 डिग्री सेल्सियस तक गरम किया गया। उच्च तापमान के कारण DNA के दोनों रज्जुकों (Strain) के बीच के H-बंध टूटकर दोनों रज्जुक पृथक हो जाते हैं।

द्वितीय चरण
उपक्रामक तापानुशीलन / प्राइमर एनीलिंग (Renaturation or primer annealing)

वांछित DNA युक्त अभिक्रिया मिश्रण को 1.5 मिनट के लिए 55 डिग्री सेल्सियस पर ठण्डा किया जाता है। तथा डीएनए रज्जुक के दोनों 3′ सिरे पर एक छोटे प्राइमर को जोड़ा जाता है।

तृतीय चरण
उपक्रामक का प्रसार (Synthesis)

वांछित DNA युक्त अभिक्रिया मिश्रण 1 मिनट के लिए 72 डिग्री सेल्सियस पर टैक पोलीमरेज़ द्वारा न्यूक्लियोटाइड्स को जोड़ा जाता है। इस प्रकार लगभग 4-5 मिनट की अवधि चक्र पूरा हो जाता है। PCR के प्रत्येक चक्र में डीएनए की मात्रा दोगुनी हो जाती है।

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें