पोंडा की घेराबंदी
पोण्डा की घेराबंदी 8 अप्रैल से 6 मई 1675 तक मराठा राजा शिवाजी की सेनाओं द्वारा पोण्डा के किले की घेराबंदी थी, जिसमें मराठा साम्राज्य ने बीजापुर सल्तनत को हरा कर किले पर कब्जा कर लिया।
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योद्धा | |||||||||
मराठा साम्राज्य | बीजापुर सल्तनत | ||||||||
सेनानायक | |||||||||
छत्रपति शिवाजी महाराज | मुहम्मद खान |
भारत के पश्चिमी तट पर उसके हमले में, मराठा राजा शिवाजी की सेनाओं ने बीजापुरी सैनिकों के कब्जे वाले पोण्डा के किले को घेर लिया। मुगल सेनापति बहलोल खान द्वारा सेना नहीं भेजे जाने के बाद शिवाजी के सैनिकों ने किले पर धावा बोल दिया। किले के कमांडर, मुहम्मद खान, गैरीसन के नरसंहार से बचने वाले कुछ लोगों में से एक था।[1] पोंडा पर कब्जा करने के परिणामस्वरूप मराठा साम्राज्य ने कर्नाटक क्षेत्र के अधिकांश पश्चिमी भाग पर कब्जा कर लिया।[2]
References
संपादित करें- ↑ Sarkar, Sir Jadunath (1920). Shivaji and His Times (अंग्रेज़ी में). Longmans, Green and Company. पपृ॰ 288–290.
ponda april 1675.
- ↑ Jaques, Tony (2007). Dictionary of battles and sieges : a guide to 8,500 battles from antiquity through the twenty-first century. Greenwood Press. पपृ॰ 808. CiteSeerX 10.1.1.691.3942. OCLC 230808376. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780313335365.