पोतनिर्माण
पोतनिर्माण (Shipbuilding) से आशय जलयानों एवं अन्य तैरने वाले यानों के विनिर्माण से है। पोतनिर्माण का कार्य पोत प्रांगण (शिपयार्ड) में किया जाता है जहाँ इस कार्य के लिये आवश्यक सुविधायें होतीं हैं। पोतनिर्माण का कार्य प्रागैतिहासिक काल से ही होता चला आ रहा है।
व्यापारिक एवं सैनिक दोनों प्रकार के पोतों का निर्माण तथा रखरखाव नौइंजीनियरी (naval engineering) कहलाते हैं। नौका का निर्माण भी पोतनिर्माण जैसा ही है, इसे 'नौकानिर्माण' कहते हैं।
जलपोतों की आयु समाप्त हो जाने पर उन्हें तोड़कर उनके विभिन्न भाग अलग-अलग करके अन्य कार्यों में प्रयोग कर लिये जाते हैं।
शिपनिर्माण उद्योग की वैश्विक स्थिति | ||||
रैंक | देश | सन २०१८ में पूरा किया गया कुल टन क्षमता (हजार)[1] | सन २०१८ के नए ऑर्डर के अनुसार बाजार का हिस्सा [2] | |
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1 | दक्षिण कोरिया | 49,600 | 40% | |
2 | चीन | 43,900 | 36% | |
3 | जापान | 13,005 | 7% | |
4 | अन्य देश | 5,000 | 17% |
बड़े जलयानों के कुछ उदाहरण
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Largest shipbuilding nations based on gross tonnage 2018 - Ranking". Statista. मूल से 2 मई 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 मई 2020.
- ↑ "Global shipbuilding market by region: contracting 2018 - Statistic". Statista. मूल से 2 मई 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 मई 2020.
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
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